रानी दुडूमा जलप्रपात, नँदपुर ,ओडिसा !! ठंडी सुबह की सैर नन्दपुर ओडिसा का छोटा सा कस्बा हैं. कोरापूट से इसकी दुरी 45 किलोमिटर हैं. नन्दपुर ...
रानी दुडूमा जलप्रपात, नँदपुर ,ओडिसा !!
ठंडी सुबह की सैर
नन्दपुर ओडिसा का छोटा सा कस्बा हैं. कोरापूट से इसकी दुरी 45 किलोमिटर हैं. नन्दपुर में बहुत सी एतिहासिक धरोहरे , मन्दिरो के अवशेष बिखरी पडे हैं. नन्दपुर का सिंहासन बत्तिसी , सर्बेश्वर मन्दिर , जैन मन्दिर , गजपती की विशाल प्रतिमा ओर बहुत से एतिहासिक ध्वंस अवशेष प्राचीन समय में नन्दपुर के एतिहासिक नगर होने के गवाह हैं.
नन्दपुर जहां एक ओर एतिहासिक मन्दिरो , अवशेष से सम्पन्न हैं वही प्रकृति भी नँदपुर पर बहुत मेहरबान हैं. नँदपुर चारो तरफ से बडी बडी पहाडियो से घिरा हुआ. बहुत सी छोटी नदिया नन्दपुर के चारो तरफ से प्रवाहित होती हैं. पानी की अधिकता के कारन चारो तरफ हरीय़ाली ही हरीय़ाली नजर आती हैं.
नँदपुर गांव से 4 किलो मिटर की दुरी पर एक नदी ऊँची पर्वत चोटी से गिरकर बेहद सुन्दर जल प्रपातो का निर्मान करती हैं. इस जल प्रपात को रानी दुडूमा जल प्रपात के नाम से जाना जाता हैं.चारो तरफ पहाडी से घिरे होने के कारन दूर से यह जल प्रपात नजर नहीं आता हैं. यह नदी लगभग 250 फीट की ऊँचाई से गिरते हुए पांच चरणो में सुन्दर , मनमोहक झरनो का निर्मान करती हैं.
झरने तक पहूँचने के लिये घाटी नुमा पथरिले रास्ते में पैदल चलकर जाया जाता हैं. रास्ते में ही झरने की कल कल आवाज सुनाई देती हैं. चारो तरफ ऊँची पर्वत चोटिया , घाटी , हरा भरा जंगल ये सब मिल कर इस जल प्रपात को उत्तम पिकनिक स्थल बनाते हैं. लोगो द्वारा पिकनिक के अवशेष जगह जगह बिखरे पडे थे जो की भालूओ को जल प्रपात के नजदिक आने का प्रमुख कारन हैं.
घाटी में नीचे बहुत सी एतिहासिक प्रतिमाये बिखरी पडी हैं. जल प्रपात जाने के मार्ग की शुरुआत में एक छोटी सी झोपड़ी बनी हैं जो की आदिवासी की प्रतीत होती हैं. नँदपुर के चारो तरफ आदिवासियो के बहुत से घर हैं. ये सारे घर पहाड़ो के तराई में हैं. हमने नँदपूर की पुरी परिक्रमा की, नँदपुर ओडिसा का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं.
मैं ओर मेरे सर कम मित्र साजिद सर सुबह सुबह बेहद ठंड में कांपते हुए रानी दुडूमा जल प्रपात पहूँचे थे. नँदपूर में लोगो से इस जल प्रपात के जाने का मार्ग पुछते हुए हम सुबह 7 बजे जल प्रपात पहूचे. चारो तरफ सन्नाटा था. सुबह सुबह कोन मिलेगा.हम दोनो कुछ दूर मार्ग की घाटी में गाडी चलाने के बाद पैदल ही जल प्रपात पहूँच गये. जल प्रपात बेहद सुन्दर एवँ ऊँचा हैं, सुबह के शांत वातावरण में झरने की मधुर कल कल ध्वनी कानो को बहुत आनन्द दे रही थी.
जल प्रपात में आसपास जंगलो से ढकी पहाडियो के कारन बहुत ही सुन्दर प्राकृतिक दृश्य था. चारो तरफ लोगो के पिकनिक अवशेष बिखरे थे. दूर दूर तक दोनी पत्तल उड रहे थे. इन खाद्य अवशेषो के कारन भालूओ से सामना होने का डर लग रहा था. सो हम जल्दी से जल प्रपात की खूबसूरती को निहारकर निकल पडे.
शुरू में हम दोनो जल प्रपात नहीं जाने वाले थे किंतु कुछ ओर मन बना और हम रानी दुडूमा जल प्रपात की खूबसूरती देखने चले गये. यदि नहीं जाते तो ओडिसा के इस झरने की खूबसूरती को मिस कर जाते
मै इसके पास से गुजरा हूँ पर इस जल प्रपात के बारे में जानकारी नहीं थी,आरकु पहुँच पर पता चला ,अगली बार जरुर जाना होगा|
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