अमृतसर में दुर्गयाणा मंदिर परिसर में स्थित बडा हनुमान जी का मंदिर बहुत ही प्राचीन है । इस मंदिर की विशेष बात ये है कि यहां पर हनुमान जी की म...
अमृतसर में दुर्गयाणा मंदिर परिसर में स्थित बडा हनुमान जी का मंदिर बहुत ही प्राचीन है । इस मंदिर की विशेष बात ये है कि यहां पर हनुमान जी की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में है जो कि श्री हनुमान गढी अयोध्या के अतिरिक्त देश भर में कहीं और नही मिलती है । जन श्रुतियो के अनुसार यह मंदिर उसी पावन धरती पर बना हुआ है जहां रामायण काल में हनुमान जी को सेना व लवकुश के मध्य हुए युद्ध में श्री हनुमान जी को वट वृक्ष से बांध दिया गया था जो आज भी विदयमान है ।
सफेद संगमर मर से बना हुआ ये प्राचीन मंदिर भारतवर्ष में हनुमान जी के सबसे बडे मंदिरो में से एक है । हर साल आश्विन मास में यहां पर एक मेला लगता है जो लगभग दस दिनो तक चलता है । जिन लोगो को पुत्र प्राप्ति नही होती है वे लोग यहां पर आकर मन्नत मांगते हैं कि यदि उन्हे पुत्र की प्राप्ति होती है तो उस शिशु को हनुमान जी का लांगूर बनाया जायेगा और मन्नत पूरी होने पर लोग ऐसा करते भी हैं । हजारो की संख्या में छोटे छोटे लडके एक विशेष प्रकार का लाल कपडा या जरीवाला चोला पहने और हाथ में छडी लिये मंदिर में नाचते हैं । लडको को लांगूर बनाने की यह प्रथा भी समस्त् भारत में इसी मंदिर में मिलती है ।
शीतला माता मंदिर परिसर भी काफी सुंदर बना हुआ था । इस समय तक हमें भूख भी लगने लगी थी । शीतला माता मंदिर के बाहर के गलियारे में एक मिठाई की दुकान थी जिस पर पूडी सब्जी मिल रही थी देशी घी की । कीमत तो मुझे अब याद नही पर स्वाद गजब का था । हम सबने उन्ही से अपनी भूख को तृप्त किया । उसके बाद पास में एक दुकान पर बोर्ड लगा देखा कि यहां पर कोल्डड्रिंक केवल 5 रूपये की है । ये बडी आश्चर्य की बात थी क्योंकि मैने अभी तक कहीं भी दस रूपये से कम की कोल्ड ड्रिेंक नही पी है । आप फोटो में लिखा देख सकते हैं । गर्मी का मौसम था इसलिये कोल्ड ड्रिंक भी गटक ली गयी ।
यहां से बाहर निकलने के बाद हम पार्किंग के पास में बने परशुराम मंदिर में भी गये । ये मंदिर अपेक्षाकृत कम अंजान व सुनसान सा था । यहां पर हमारे अलावा कोई भी नही था । उसके बाद हमने अपनी गाडी उठायी और चल पडे अपने आगे के अमृतसर शहर के दर्शन की ओर
सुन्दर धार्मिक यात्रा वर्णन
ReplyDeleteDescriptive as usual !
ReplyDeleteलव-कुश युद्ध तो बाल्मीकि आश्रम अयोध्या के समीप हुआ था.....
ReplyDeleteजैसा कि मंदिर परिसर में बोर्ड पर लिखा है
DeleteNice pictures and description...the ceiling picture is so pretty..
ReplyDeleteबहुत अच्छा विवरण और चित्र।
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