गुप्तेशवर मंदिर पोखरा का एक धार्मिक और पर्यटक स्थल है । नाम से ही पता चलता है कि गुफा वाला मंदिर है जैसा कि हमारे यहां पर घंटे वाले मंदि...
गुप्तेशवर मंदिर पोखरा का एक धार्मिक और पर्यटक स्थल है । नाम से ही पता चलता है कि गुफा वाला मंदिर है जैसा कि हमारे यहां पर घंटे वाले मंदिर को घंटेश्वर कहते हैं तो यहां पर भी इस मंदिर का नाम गुप्तेश्वर है । शिवजी को समर्पित ये मंदिर एयरपोर्ट से शांति स्तूप जाने वाले रास्ते पर ही था पर हमने उस समय देखा नही । पहले हम शांति स्तूप गये और वहां पर घूमने के बाद सीधे यहीं पर आकर रूके ।
मंदिर में जाने के लिये रोड पर ही गेट बना हुआ है हमने उसी के सामने अपनी बाइक खडी कर दी । अब तक यहां पर काफी भीड हो चुकी थी और हम गेट के अंदर गये तो यहां पर तो काफी मार्किट भी बनी हुई थी । ज्यादातर दुकाने चाहे वो सामान बेचने की हो या खाने की उन पर औरते ही सर्वेसर्वा थी बल्कि कुछ दुकानो पर तो सुंदर लडकियां जिनमें से कुछ इतनी सुंदर थी कि हमारे बालीवुड की हीरोईन भी उनके आगे पानी भरें वे ही दुकान को सम्भाल रही थी ।
मंदिर में जाने के लिये टिकट लगता है और ये काफी महंगा है एक आदमी के लिये 100 रूपये का टिकट । हालांकि ये 100 नेपाली रूपये का था । मंदिर में जाने के लिये गोल गोल घुमावदार सीढिया बनी थी और नीचे गुफा में एंट्री करने पर कई जगह सिर झुकाना पडता हैकि कहीं पर गुफा की कम उंचाई की वजह से टकरा ना जाये । गुफा में अंदर जाने पर पहले कामधेनु गाय की प्रतिमा आती है । अंदर आगे जाने पर थोडी बडी जगह आती है जहां पर शिवलिंग स्थापित है और यहां पर फोटो खींचने के लिये मना करते हैं लेकिन असली मजा तो इससे आगे जाने पर आता है । इस पूरी गुफा में पानी टपकता रहता है और थोडी और आगे जाने पर गुफा संकरी होती जाती है और फिर सीढिया आती हैं । इन सीढियो से नीचे उतरकर गुफा में गिरते झरने को देखा जा सकता है ।
ये डेविस फाल ही है जो कि सडक के दूसरे किनारे की ओर से आ रहा है पर गुफा में इतने गहरे तक उतरकर उस फाल को गिरते देखना एक नया अनुभव था जो अब तक कहीं नही देखा और ना ही ये कैमरे में समा सकता है । बरसात के मौसम में ये विकराल रूप में जब इस जगह पर गिरता होगा तो और भी ज्यादा सुंदर लगता होगा । अब लगा कि सौ रूपये का टिकट महंगा नही है इस हिसाब से
मंदिर में जाने के लिये रोड पर ही गेट बना हुआ है हमने उसी के सामने अपनी बाइक खडी कर दी । अब तक यहां पर काफी भीड हो चुकी थी और हम गेट के अंदर गये तो यहां पर तो काफी मार्किट भी बनी हुई थी । ज्यादातर दुकाने चाहे वो सामान बेचने की हो या खाने की उन पर औरते ही सर्वेसर्वा थी बल्कि कुछ दुकानो पर तो सुंदर लडकियां जिनमें से कुछ इतनी सुंदर थी कि हमारे बालीवुड की हीरोईन भी उनके आगे पानी भरें वे ही दुकान को सम्भाल रही थी ।
मंदिर में जाने के लिये टिकट लगता है और ये काफी महंगा है एक आदमी के लिये 100 रूपये का टिकट । हालांकि ये 100 नेपाली रूपये का था । मंदिर में जाने के लिये गोल गोल घुमावदार सीढिया बनी थी और नीचे गुफा में एंट्री करने पर कई जगह सिर झुकाना पडता हैकि कहीं पर गुफा की कम उंचाई की वजह से टकरा ना जाये । गुफा में अंदर जाने पर पहले कामधेनु गाय की प्रतिमा आती है । अंदर आगे जाने पर थोडी बडी जगह आती है जहां पर शिवलिंग स्थापित है और यहां पर फोटो खींचने के लिये मना करते हैं लेकिन असली मजा तो इससे आगे जाने पर आता है । इस पूरी गुफा में पानी टपकता रहता है और थोडी और आगे जाने पर गुफा संकरी होती जाती है और फिर सीढिया आती हैं । इन सीढियो से नीचे उतरकर गुफा में गिरते झरने को देखा जा सकता है ।
ये डेविस फाल ही है जो कि सडक के दूसरे किनारे की ओर से आ रहा है पर गुफा में इतने गहरे तक उतरकर उस फाल को गिरते देखना एक नया अनुभव था जो अब तक कहीं नही देखा और ना ही ये कैमरे में समा सकता है । बरसात के मौसम में ये विकराल रूप में जब इस जगह पर गिरता होगा तो और भी ज्यादा सुंदर लगता होगा । अब लगा कि सौ रूपये का टिकट महंगा नही है इस हिसाब से
Hello Manu
ReplyDeleteYour blog on Gupteshwar temple, Nepal was so mind blowing, for the simple reason that the rocky interiors of the cave entrance to the temple were so well captured by the camera that it led me believe that it is worth a visit, as I am a real admirer of heritage sights.
लड़कियों की तरफ बड़ा ध्यान जा रहा है भाई :)
ReplyDeleteवहा होटल में भी डिमांड हुई थी (मजाक)
और यहाँ भी बड़ी तारीफें हो रही है
एक आध फोटो ही खींच लेते लड़कियों की
Sahi pakre ho rakesh bhai ...
ReplyDeleteIs baat ko maine bhi gaur kiya ( ladkiyo wala )
बेहद दिलचस्प।
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