डा 0 श्याम सुंदर जी द्धारा लिखे दिल्ली से गंगोत्री और वहां से भोजवासा Bhojwasa में कैम्प करने के Tapovan trek यात्रा वृतांत को आ...
डा 0 श्याम सुंदर जी द्धारा लिखे दिल्ली से गंगोत्री और वहां से भोजवासा Bhojwasa में कैम्प करने के Tapovan trek यात्रा वृतांत को आपने पहले भाग में पढा । अब पढिये वहां से गोमुख , तपोवन और वापसी दिल्ली तक का वृतांत Tapovan trek
25 मई 20 16 भोजवासा Bhojwasa से तपोवन तक का वृत्तांत
25 मई को जब सुबह उठे टेंट से बाहर बहुत ज्यादा ठण्ड थी । टेंट के ऊपर पाला ( ओस )भी पड़ा हुआ था । सामने भागीरथी हिमालय की चोटियां बहुत ही सुंदर दिख रही थी कैमरे से कुछ फोटोज ली और दैनिक कर्मो से निवृत होकर आगे की तैयारियाँ शुरूकी गयी । प्रशांत जी ,विपिन ने टेंट को वापिस लपेट दिया और पोर्टर ने सभी खाने पीने और बाकी के सामान को एक बड़े से बैग में भर लिया । भोजवासा से फिर हमने अपने अगले गंतव्य स्थान जो कि Tapovan trek था अपनी यात्रा शुरू की , भोजवासा Bhojwasa से बाई साइड की और का रास्ता गोमुख ,Gaumukh की और जाता है । ऊपर तक चढाई थी सभी चारो लोग चलने लगे । मै (श्याम सुंदर) ,प्रशांत जी ,विपिन और पोर्टर जब हम ऊपर की और आ गये वहां से भोजवासा Bhojwasa कैम्पिंग साईट का नज़ारा देखने वाला था ,बहुत ही भव्य नज़ारा मन को मोहने वाला भोजवासा Bhojwasa से तपोवन की दूरी करीब 10 किलोमीटर है भोजवासा Bhojwasa से गोमुख ,Gaumukh तक तो आसान सा रास्ता है गोमुख ,Gaumukh गलेशियर के ऊपर बहुत ही ज्यादा खतरा और बहुत ही ध्यान से चलना पडता है । आखिरी का रास्ता बिलकुल सीधी खड़ी चढाई है । भोजवासा Bhojwasaसे हम कुछ ही दूर चले थे शिवलिंग हिमालय (6543 m ) की चोटी दिखाई देने लगी जिसे देखकर बहुत ही आनंद आया । हमे इसी शिवलिंग के बेस (base ) तक आज जाना था । कभी कभी बीच में बादल शिवलिंग पर्वत को ढक लेते थे तो कभी शिखर साफ़ दिखाई देने लगता था । हिमालय की चोटियों से मुझे बहुत लगाव है बहुत समय से इस ट्रेक पर जाने का मन था और इस विशाल शिवलिंग पर्वत को बिलकुल पास से देखने का ।और जब ये सपना साकार हुआ मन को दिव्य आनंद आया । उस अवसर को वर्णित नही किया जा सकता शब्दो में भोजवासा Bhojwasa से चलने के 2 घंटे बाद हम गोमुख ,Gaumukh तक पहुँच गये थे । गोमुख ,Gaumukh जहाँ से माँ गंगा का उद्गम हुआ है दिव्य स्थान को बहुत बार प्रणाम किया और माँ गंगा से प्रार्थना की । यही से निकलकर माँ गंगा हजारो मील की यात्रा करके गंगा सागर में मिलती है । गोमुख ,Gaumukh में कुछ देर विश्राम करने हम आगे की ओर अग्रसर हो गये यहाँ 5 km हमे ग्लेशियर के ऊपर ही चलना था । वहां बहुत बड़े बड़े पत्थरों के ऊपर से ही जाना था । बड़े बड़े पत्थरो पर बहुत फिसलन थी एक एक पैर बहुत संभल के रखना पड़ रहा था । ग्लेशियर के अन्दर पानी बहने जैसी आवाज़ भी आ रही थी रास्ता तो था ही नही केवल बड़े बड़े पत्थर थे जिनके ऊपर से जाना था । तपोवन Tapovan trek की और हमारे सबसे आगे पोर्टर चल रहा था यहाँ पोर्टरो को सटीक रास्ता पता होता है , विपिन फिर मै और प्रशांत जी । ग्लेशियर को पार करके हम शिवलिंग चोटी के बिलकुल नीचे थे अब यहाँ से बिलकुल खड़ी चढाई है और रास्ता भी पथरीला । हलके हलके पत्थर ऊपर से आ रहे थे । बहुत से ट्रेकर्स जो तपोवन Tapovan trek से उतर रहे थे बहुत ही सावधानी से उतर रहे थे क्यूंकि यहाँ पर हलकी सी भी चूक बहुत नुकसान देह हो सकती है । चढ़ाई पर चढ़ने से भी ज्यादा उतरने में सावधानी रखनी पढ़ती है अगर रास्ता ऐसा हो तो । हम जैसे जैसे ऊपर चढ़ रहे थे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी कुछ देर रुकने के बाद फिर दुबारा ऊपर की जाते फिर से साँस फूलने लगता ऐसे करते करते आखिर हम तपोवन Tapovan trek पहुँच ही गये और जब तपोवन, tapovan uttrakhand में पहुंचे तो सारी थकान ही गायब हो गयी । तपोवन tapovan uttrakhand इतनी शांत और सुंदर जगह है कि यहाँ एक अलग ही प्रकार का आनंद था । सांस लेने में थोड़ी दिक्कत थी । कुछ देर हमने अमर गंगा के पास आराम किया । शिवलिंग ,मेरु और भागीरथी हिमालयी चोटियों का नज़ारा क्या कहने ,इतने शानदार और कुछ अनुभूति के लिए आपको यही आना पड़ेगा तपोवन ..,tapovan uttrakhand ..,तपोवन tapovan uttrakhand में हमने एक जगह टेंट लगा दिया और विश्राम करने लगे । पोर्टर ,विपिन ने दोपहर का भोजन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी और कुछ देर बाद वो भोजन लेकर टेंट में ही आ गये ।
भोजन में सोयाबीन मटर चावल बनाये थे जिन्हे खाने के बाद टेंट में ही आराम किया और कुछ देर बाद टेंट से बाहर आकर तपोवन ,tapovan uttrakhand और आस पास के सोंदर्य को निहारने लगे । बादलो ने हिमालय की चोटियों में चार चाँद लगा दिए थे । बहुत सारी फोटोज क्लिक करी गयी और शाम को ठण्ड बढ गयी । मै रात्रि को मौनी बाबा की कुटिया में रुका क्यूंकि कल मुझे नींद नही आई थी । बाबा की कुटिया की दीवारों को पत्थरों से बनाया गया था और ऊपर छत को लकडियो से । कुटिया के अन्दर बिलकुल भी ठण्ड नही थी । मौनी बाबा के वहां दिल्ली से ही दो और लोग आये हुए थे जिनका नाम था पवन और करन राणा था उनसे बहुत सारी बाते हुई । मोनी बाबा सभी बातें कागज पर लिख कर बता रहे थे । मौनी बाबा दुसरे कमरे में चले गये और मै उन दोनों से बाते करने लगा और कुछ देर बाद हम सभी सोने के लिये चले । आज रात्रि में बहुत अच्छी नींद आई
26 मई 20 16 तपोवन से गंगोत्री तक का वृत्तांत
सुबह 6 बजे के करीब आँख खुली मै जहाँ टेंट लगा हुआ था वहां पर आया ,कुछ ही देर में विपिन और पोर्टर ने सभी सामान और टेंट को पैक कर दिया । जहाँ हमारा टेंट लगा हुआ था उसी के पास बहुत से बंगाली ट्रेकेर्स के भी टेंट लगे हुए थे वो वहां सब फोटोज खीच रहे थे उनमें से एक ने मुझे अपना कैमरा दिया की कुछ फोटोज हमारे पूरे ग्रुप की ले लो । मैंने कुछ फोटोज ली और उनको कैमरा वापिस दे दिया फिर हम सभी ने अपनी फोटोज शिवलिंग पर्वत के सामने फोटोज खिचवाई और वापिसी शुरू की । 8 बजे हमने तपोवन tapovan uttrakhand से अपनी यात्रा शुरू कर दी थी तपोवन tapovan uttrakhand से नीचे बड़ी ही सावधानी से उतरे क्यूंकि बहुत ही तीव्र ढलान का रास्ता है । पोर्टर सबसे आगे चला जा रहा था प्रशांत जी आगे चल रहे थे मै विपिन के साथ उतर रहा था । तपोवन tapovan uttrakhand से नीचे आने के बाद कुछ राहत मिली । करीब दो घंटे के बाद हम सभी गोमुख ,Gaumukh थे । गोमुख ,Gaumukh के बिलकुल पास से दर्शन किये और भोजवासा Bhojwasa की ओर चल दिए दोपहर में गर्मी ज्यादा लग रही थी इसलिए बार बार पानी पीने की इच्छा थी ।
2 बजे के करीब हम सभी लोग चिरबासा पहुँच गये थे वहां आकर सभी ने दोपहर का भोजन किया और कुछ देर आराम किया । चिरबासा में आराम करने के बाद शरीर में स्फूर्ति आ गयी और सभी तेज गति से चलने लगे । चिरबासा से 9 km दूर है गंगोत्री 6 बजे हम सभी लोग गंगोत्री थे वहां जहाँ पहले रुके थे वही होटल रात्रि विश्राम के लिए ले लिया । पोर्टर को प्रशांत जी ने कुछ खाने का सामान दे दिया और जो पैसे उसके बनते थे वो उसको दे दिए । पोर्टर के एक दिन के 8०० रूपये थे तीन दिन के २4०० रूपये उसको दे दिए । विपिन ने अपने ड्राईवर दोस्त को पहले ही फ़ोन करके बुला लिया था वो शाम को ही गंगोत्री आ गया था कुछ देर बाद मै और प्रशांत जी भोजन करने के लिए गये रात्रि को भरपेट भोजन किया क्यूंकि तीन दिन के बाद गर्म खाना खाने को मिल रहा था । रात्रि को 9 बजे हम सोने चले गये होटल में
27 मई 20 16 गंगोत्री से उतरकाशी --दिल्ली तक का वृत्तांत
सुबह सुबह हम जल्दी उठे, नहाकर सीधे ही गंगोत्री धाम के दर्शन किये ,प्रसाद लिया और वापिस होटल आकर सारा सामान पैक किया और गाडी में आ गये । 8 बजे हम गंगोत्री से उतरकाशी के लिए निकल पड़े । भैरोंनघाटी हरसिल होते हुए बारसू आ गये यहाँ पर विपिन को उतरना था । विपिन का पूरा हिसाब कर दिया जो भी उसका परमिट ,स्टोव ,कुक्कर ,खाना बनाने के बर्तनों आदि में लगा था उसको दे दिया ,वो dayara bugyal भी बुला रहा था बोला सर जी दो दिन में हो जाएगा लेकिन समयाभाव के कारन वहाँ नही जा पाए दयाराा बुग्याल बारसू से 7 km का ट्रेक है dayara में यदि आपके पास समय ज्यादा है तो डोडिताल भी जाया जा सकता है और वापसी संगमचटी(sangamchati) से कर सकते है । 12 बजे के करीब हम उतरकाशी थे कोई भी बस ऋषिकेश के लिए नही मिल रही थी । टैक्सी स्टैंड में पता किया तो 350 रूपये प्रति सवारी के हिसाब से वो ले रहा था । सबसे पहले हम दोनों मै और प्रशांत जी ही आये थे टैक्सी वाले के पास उसने बोला की पूरी टैक्सी भरने के बाद ही चलूँगा तो हम सामान टैक्सी के ऊपर बांधकर खाना खाने गये और जब आये तो 2 बन्दे और थे इस तरह जब गाडी पूरी भरी तब वहां से वो चले । उतरकाशी से ऋषिकेश 180 किलोमीटर है जिसे तय करने में 6 घंटे लगे । 8 बजे हम ऋषिकेश पहुँच गये थे जहां रात्रि भोजन करने के बाद रात में 10 बजे दिल्ली के लिए बस पकड़ी और सुबह 5 बजे बस ने हमे कश्मीरी गेट बस अड्डे उत्तार दिया ,इस प्रकार से ये पूरी यात्रा संपन हुई
वाह डॉ साहब ! सच ही कहा हिमालय की चोटियां न जाने क्या जादू कर अपने मोहपाश में बांध लेती है । इस पोस्ट में फोटो और ज्यादा लगानी चाहिए, ताकि हम सभी भी उसका आनंद ले सके । खैर जब हमें पोस्ट पढ़कर आनंद आ गया, तो आपको कितना आया होगा । जय भोले जय माँ गंगा ।
ReplyDeleteवाह डॉ साहब ! सच ही कहा हिमालय की चोटियां न जाने क्या जादू कर अपने मोहपाश में बांध लेती है । इस पोस्ट में फोटो और ज्यादा लगानी चाहिए, ताकि हम सभी भी उसका आनंद ले सके । खैर जब हमें पोस्ट पढ़कर आनंद आ गया, तो आपको कितना आया होगा । जय भोले जय माँ गंगा ।
ReplyDeleteबहुत बढिया डॉ. साहब
ReplyDeleteआपने फोटो कम लगाये है और कैप्शन भी नही है।
डॉ साब बढ़िया लिखते हो आप , हर चीज , हर घटना का विस्तृत विवरण ! फोटो बहुत ही शानदार हैं
ReplyDeleteBhai ji me bhi tapovan jana chahta hu jiske liye mujhe kuchh jaankari lenei hai mere mob. No 9717715797 hai aur mere naam Parmod hai shayad aapki vajah se me bhi tapo bhumi ke darshan kar saku
ReplyDeleteJai bhole ki
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट
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