अंडमान का एयरपोर्ट दिल्ली, मुम्बई या फिर चेन्नई जैसे मैट्रो सिटीज के एयरपोर्ट के मुकाबले काफी छोटा है लेकिन यहां का रनवे इन सबसे सुंंदर है ।...
अंडमान का एयरपोर्ट दिल्ली, मुम्बई या फिर चेन्नई जैसे मैट्रो सिटीज के एयरपोर्ट के मुकाबले काफी छोटा है लेकिन यहां का रनवे इन सबसे सुंंदर है । एयरपोर्ट छोटा होने की वजह से हमें अपना सामान लेने में ना तो ज्यादा समय लगा और ना ही एयरपोर्ट से निकलने में ।
बाहर निकलकर हमें कई आटो वाले मिले जिनमें से कई होटल के लिये पूछने वाले भी थे । चूंकि आज रात का होटल मैने पहले ही बुक करा रखा था इसलिये हमें नया गांव नाम की जगह पर नाइस कालोनी में सेरेनिटी होम में जाना था तो हमने एक आटो वाले को एड्रेस बताया । उसने हमसे सौ रूपये मांगे वहां तक जाने के । उसके बाद मेरे याद आया कि हमें पहले अंडमान टूरिज्म के आफिस में भी जाना है । चूंकि मैने अंडमान टूरिज्म वालो के द्धारा अपने पूरे 8 दिन के होटल बुक करा लिये थे लेकिन आनलाइन पेमेंट ना हो पाने की वजह से हमें अंडमान टूरिज्म वालो के आफिस में जाकर उन्हे 25 प्रतिशत एडवांस देना था तभी हमारे होटल बुकिंग फाइनल हो पाती । आटो वाले ने अंडमान टूरिज्म के आफिस में होकर जाने समेत 150 रूपये मांगे जो कि हमने देने तय कर दिये
हम अंडमान टूरिज्म वालो के आफिस में पहुंचे तो वहां पर हमें स्वागत में रिसेप्शन पर एक महिला मिली । मेरी फोन पर इनसे बात हो चुकी थी । मैने अपना होटल बुकिंग का प्रिंटआउट दिया तो उन्होने दस मिनट में ही उसे पेमेंट लेकर फाइनल कर दिया । 1600 रूपये हमने जमा कर दिये । उन्होने हमें आठ होटलो की रसीद दी जो कि हमें वहां पर जाकर दिखानी थी । हमने संभालकर रसीदे रखी और फिर चल दिये अपने होटल की तरफ । जब हम होटल की तरफ जा रहे थे तो हम चढाई पर आ गये और यहां इस उंचाई से रनवे का और पोर्ट ब्लेयर शहर का बेहतरीन नजारा दिख रहा था तो हमने आटो रूकवा लिया थोडी देर के लिये । एक दो फोटो लिये तब हम होटल के लिये चले ।
होटल में पहुंचकर हमने आटो वाले को पैसे दिये और चलता किया । उसके बाद होटल के रिसेप्शन पर हमने अपनी बुकिंग पूछी तो उसने सहर्ष हमें कमरा दिखा दिया । ये कमरा एसी था और दो कमरे आपस में जुडे थे । पर हमसे एक डबल बैड का और एक एक्स्ट्रा बैड का चार्ज ही लिया जा रहा था । कमरा 800 रूपये में बुक था और एक्स्ट्रा बैड के लिये 300 रूपये देने थे जिसमें से 400 रूपये मै आनलाइन जमा कर चुका था । अभी सात सौ रूपये बाकी के देकर आज का हिसाब फाइनल किया गया क्योंकि हमें आज रात रूककर कल सवेरे ही इस होटल को खाली कर देना था ।
कमरे में जाते ही सब फ्रेश हुए पर अभी हमारा काम खत्म नही हुआ था । इसलिये फ्रेश होने के तुरंत बाद हमें बसो की जानकारी करनी थी । हमें कल सवेरे ही डिगलीपुर के लिये निकलना था इसलिये आज ही बस के टिकट बुक करने थे । बस के टिकट बुक करने के लिये हमें फिर से शहर की ओर जाना था । चूंकि हमारा ये होटल शहर के नजदीक नही था बल्कि 6 किलोमीटर की दूरी पर था इसलिये हमने होटल वाले से पूछा कि शहर जाने के लिये क्या दोबारा आटो करना होगा तो उसने बताया कि यहां पर बस भी मिल जायेगी । वैसे तो तीनो को ही जाना था पर राजेश बाबू नेे हाथ खडे कर दिये कि मै तो आराम करूंगा आप जाओ ।
बस अडडे के बाहर निकलकर हम घूमने लगे । यहां पर गन्ने दिखाई दिये तो जाट देवता अपने गन्नो से उनकी तुलना करने लगे । इतने में ही हमें नारियल पानी दिखायी दिया ।