भूतनाथ मंदिर यहां का सबसे लोकप्रिय मंदिर है । इसे 1520 ई0 में राजा अजवर सेन ने बनवाया था । यहां का शिवरात्रि उत्सव काफी प्रसिद्ध है और इस ...
भूतनाथ मंदिर यहां का सबसे लोकप्रिय मंदिर है । इसे 1520 ई0 में राजा अजवर सेन ने बनवाया था । यहां का शिवरात्रि उत्सव काफी प्रसिद्ध है और इस दौरान आसपास के गांवो के सारे देवी देवताओ के देवता यहां पर पधारते हैं । कहते हैं कि एक समय मंडी में भगवान शिव को समर्पित मंदिरो की संख्या बनारस से भी ज्यादा थी ।
भूतनाथ मंदिर में प्रवेश करते ही नंदी की प्रतिमा है जिसका मुख भगवान शिव की प्रतिमा की तरफ को है । मंदिर में मुख्य दरवाजे से गली में चलते चलते भी दर्शन किये जा सकते हैं ।
अर्धनारीश्वर मंदिर सातवी शताब्दी का भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और इसमें भगवान शिव की अदभुत प्रतिमा है जो कि आधे पुरूष और और आधी नारी के रूप में है । भूतनाथ मंदिर से हाइवे पर जाने के रास्ते में ही ये मंदिर पडता है और इस मंदिर तक गाडी तो जा ही नही सकती । वैसे पर्यटको के लिये प्रसिद्ध ये मंदिर उपेक्षित से पडे हैं । अगर मै बात करूं तो केवल भूतनाथ मंदिर में तो मुझे सुरक्षा के लिये पुलिस वाले दिखे नही तो अर्धनारीश्वर और त्रिलोकीनाथ व पंचवक्त्र मंदिर में तो आदमी भी नही मिले
मंडी के भूतनाथ और अर्धनारीश्वर मंदिर ,मंडी में शाम को इन सब मंदिरो को देखने के बाद दो मंदिर और बचे थे एक तो प्रसिद्ध भूतनाथ मंदिर और एक अर्धनारीश्वर मंदिर । दोनो मेन बाजार में और पुराने शहर में थे । मैने पहले भूतनाथ मंदिर को देखने की सोची । मै शहर में घुसा और एक चौराहे के पास जिसे शायद घंटाघर बोलते हैं वहां पर जाकर पूछा तो उन्होने बताया कि चौराहे के थोडा सा आगे ही खुली सी जगह आयेगी वहीं पर भूतनाथ मंदिर है । ये जगह आयी तो भी मुझे मंदिर को देखने के लिये जोर लगाने पडे । मंदिर उस खुली जगह से अंदर जा रही एक चार या पांच फुट की गली में है और बाहर से तो फोटो आने का सवाल ही नही था । दूसरी बात उसी समय बारिश हुई थी और अभी भी हल्की हल्की बौछार पड रही थी इसलिये मैने कैमरा तो निकाला नही पर हां मंदिर में दर्शन करने के बाद मैने अपने मोबाईल के फ्रंट कैमरे से अपना एक फोटो जरूर लिया ।