लददाख का नाम आते ही जहन में एक अलग ही तस्वीर उभरती है । जो लोग घुमक्कड हैं उनको तो फिर भी बहुत हद तक जानकारी है इस जमीन के बारे में पर जो आम...
लददाख का नाम आते ही जहन में एक अलग ही तस्वीर उभरती है । जो लोग घुमक्कड हैं उनको तो फिर भी बहुत हद तक जानकारी है इस जमीन के बारे में पर जो आम पर्यटक हैं उनके मन में तो तरह तरह की भ्रांतिया हैं । कई तो ऐसे उलूल जूलूल सवाल पूछते हैं कि मन करता है कि सिर दिवार में देकर मार लो ।
मेरा लददाख जाने का कार्यक्रम कई बार बना और बिगड गया । लददाख अक्सर जून में मनाली वाला मार्ग खुलता है रोहताग पास के खुलने के बाद और इसी समय मेरे स्कूल की छुटिटयां होती हैं परन्तु पिछले वर्ष मै बजट की कमी की वजह से पूरे जून के महीने घर बैठा रहा और सितम्बर में जो कि दूसरा आदर्श समय होता है लददाख जाने के लिये उस समय मुझे इतनी छुटिटयां नही मिल सकी । तो इस वर्ष 20 मई से स्कूल की छुटिटयां पड रही थी और साथ ही इस वर्ष बर्फ कम गिरने की वजह से 25 मई तक रोहतांग के खुलने की उम्मीद थी इसलिये बाइक यात्रा का कार्यक्रम बना लिया गया ।
करीब एक महीना पहले तय कर लेने का ये फायदा मिला कि तैयारियो के लिये पर्याप्त समय था । वैसे भी पिछले साल नेपाल बाइक यात्रा करने के बाद से अब तक बाइक यात्रा नही की गयी थी इसलिये सीधे करने से पहले एक छोटी बाइक यात्रा करने का मन था पर गाडी लेने के बाद से चार बार उत्तराखंड की यात्रा गाडी से ही की गयी और कोई छोटी यात्रा भी नही कर पाये बाइक पर सीधे ही जाना पडा ।
तैयारी
लददाख जाने के लिये कई तरह की तैयारी जरूरी होती है जिसमें से सबसे जरूरी तो वो वाहन है जिस पर आपको जाना है । लददाख के लिये लोगो के दिमाग में बुलेट का ही नाम आता है पर ऐसा नही है । कोई भी 150 सीसी की बाइक बडे आराम से लददाख जा सकती है यहां तक कि 150 वाली पे दो बंदे भी जा सकते हैं । 125 सीसी की बाइक पर और 110 सीसी की स्कूटी पर भी लोग गये हैं मेरे पास बजाज की डिस्कवर 150 सीसी है । इससे पहले मैने 100 सीसी की पैशन प्रो पे लाहौल स्पीति की यात्रा की थी जिसे मिनी लददाख भी कहा जाता है । बाइक 1 साल पुरानी थी और 18000 किलोमीटर चली हुई थी । पहले बाइक तैयारी की ही बात करते हैं । बाइक में दोनो टायर टयूबलेस हैं पर पिछले टायर में एक लम्बी कील घुस जाने के कारण मुझे उसमें टयूब डलवानी पडी थी । इसलिये उस टायर को बदलवाना जरूरी था वरना टायर की कंडीशन इतनी बेकार नही थी । लददाख में टयूबलैस टायर हों तो बढिया है वरना आपको टायर खोलना टयूब निकालकर पंक्चर लगाना आना चाहिये तब कोई दिक्कत नही है । अक्सर पंक्चर लगाना टयूब वाले टायर में सबको नही आता इसलिये टयूबलैस बढिया विकल्प है जिसमें एक छोटी सी किट जो कि सौ या डेढ सौ रूपये में मिल जाती है उससे दस मिनट में बिना कुछ खोले आसानी से पंचर लगाया जा सकता है ।
तो बाइक का पिछला टायर नया खरीदा 2100 रूपये का और एक पंक्चर किट भी खरीद ली गयी । अब बाइक की सर्विस कराने की बारी थी । वैसे तो मै बजाज के सर्विस सैंटर पर ही गया पर उस दिन उसके बंद होने की वजह से मैने लोकल मिस्त्री को पकडा और बाइक की तेल आदि की सर्विस करा दी । इसके अलावा एहतियाज के तौर पर कुछ चीजे नयी बदलवा दी जिसमें सबसे जरूरी होता है चेन सैट । बाइक को खींचने में सबसे बडा रोल चेन सेट का ही होता है । प्लेन में तो एक बार को कमजोर चेन भी चलती रहती है पर पहाड में और वो भी मुश्किल चढाई पर अगर चेन टूट जाये या दांत घिसे होने की वजह से स्लिप मारने लगे तो दिक्कत ही दिक्कत है इसलिये चेन सेट तो नया होना जरूरी है जिससे इंजन पर भी कम दबाव पडता है । मैने चेन सैट नया बदलवा लिया । बुलेट के मुकाबले दूसरी बाइको का खर्च कम होता है ये भी फायदा है । मेरी बाइक का चेन सेट 1100 रूपये का नया आ गया आरिजनल जबकि बुलेट के मुकाबले सर्विस में भी आधे से भी कम पैसा लगा । एहतियाजन कुछ चीजे और बदलवा दी जैसे कि क्लच वायर , ब्रेक शू ,एयर फिल्टर , आदि
बाइक का एयर फिल्टर बदलवा दिया गया नया । ज्यादा महंगी चीज नही है पर एक साल से बदली नही गयी थी और उंचे दर्रो पर जहां आदमी को ही कम आक्सीजन मिलती है वहां पर बाइक को पर्याप्त हवा मिलना जरूरी है और वो तब मिलेगी जब एयर फिल्टर साफ होगा । अगर एयर फिल्टर को निकाल दिया जाये तो इंजन में धूल मिटटी जाने से इंजन खराब हो सकता है तो ऐसे में बढिया विकल्प है कि एयर फिल्टर नया हो । बाइक के दोनो प्लग भी नये बदलवा दिये गये । ये 50 या 60 रूपये का एक आता है और दोनो सही थे । मिस्त्री का कहना था कि नये वाले आप रखो जब खराब हो तब बदल लेना पर मैने कहा कि नये लगा दो और पुराने मै रखता हूं । जब पैसे भी लगा रहे हों तो रिस्क क्यों लेना
इसके बाद बारी थी बाइक पर सामान की तैयारी की । बाइक पर अक्सर लोग एक कैरियर लगवाते हैं जिसे लददाख कैरियर कहा जाता है । कुछ लोग ऐसे ही बैग बांधकर भी निकल लेते हैं पर कैरियर वाले ज्यादा होते हैं । वैसे भी लददाख जाने वालो में सौ में से 95 या उससे भी ज्यादा बुलेट वाले ही होते हैं । कैरियर करीब तीन से चार हजार का आता है और कुछ लोग उसे जुगाड से बनवा लेते हैं उन्हे भी वो 2 हजार से कम का नही पडता । मैने कैरियर का विचार तो बनाया ही नही था कभी इसलिये साइड बैग खरीदने का फाइनल किया । साइड बैग या सैडल बैग दो बेैग होते हैं जो आपस में जुडे होते हैं और इनके ना तो बांधने का झंझट होता है और ना खोलने का । इसके अलावा एक मैग्नेटिक टैंक बैग आता है जो कि टंकी पर चुम्बक से चिपक जाता है । ये बडे काम का होता है क्योंकि इसमें आप ऐसा जरूरी सामान रख सकते हो जो कि आपको अक्सर चाहिये होता है जैसे गाडी के कागज से लेकर अन्य चीजे रोजमर्रा की ।
मेरा कैमरा बैग् भी फट गया था इसलिये वो भी इस बार नया लेना जरूरी था । इन सबके लिये एक दिन निर्धारित कर लिया और दिल्ली में मित्र बीनू कुकरेती को साथ लेकर करोल बाग पहुंच गये । करोल बाग से रिक्शा करके थोडी ही दूर एक बाजार है जिसे नाईवाला बोलते हैं । यहां पर बाइक का हर सामान मिल जायेगा । यहां से सैडल बैग 800 रूपये में और टैंक बैग 400 में खरीदा । इसके अलावा एक मास्क जो कि पूरी यात्रा में सबसे बढिया और उपयोगी रहा उसे 100 रूपये में और एक कैमरा बैग भी 400 रूपये में खरीदा । एक बाइक में मोबाईल चार्जर खरीदा जो कि बैट्री में लग जाता है और मोबाईल चार्ज कर देता है कार की तरह का । ये 150 रूपये का आया पर कहीं काम नही पडा इसका । एक रस्सी 60 रूपये की खरीदी जिससे सामान को बांधा जा सके । हम दोनो पूरा दिन लगभग बाजार में घूमे और उसके बाद वहां से जाट देवता संदीप पंवार के घर गये जहां पर आइसक्रीम को एक बार नही दो दो बार पेट भरकर खायी गयी उसके बाद यमुना किनारे घूमने गये और तब देखा कि जिस यमुना के नाम पर हम दिल्ली में नाक भौं सिकोडते हैं वो दिल्ली में प्रवेश करते समय इतनी साफ है कि लोग उसमें नहाते भी हैं । बस दिल्ली में प्रवेश करने के बाद वो इतनी गंदी हो जाती है जैसे गंदा नाला
इरादा टैंट और स्लीपिंग बैग ले जाने का भी था । मेरे पास एकलव्य भार्गव का टैंट रखा हुआ है और स्लीपिंग बैग अपना है उसके लिये एक बैग तैयार किया जिसमें टैंट और दो स्लीपिंग बैग आ सकें । ये बैग घर से ही लिया था । इसे पीछे बांधने का इरादा था । एक चाईनीज पंप हवा भरने के लिये भी खरीद लिया गया । ये 100 रूपये का आता है । अब बाइक का काम लगभग पूरा हो चुका था और केवल इसकी टैस्टिंग बाकी थी जो दो बार स्कूल तक जाकर पूरी की गयी । 200 किलोमीटर चलाने के बाद कुछ कमियां पता चली जो सही करा ली गयी । इस सारे काम में बस एक ही दिक्कत रह गयी थी बाइक की बैट्री की जिसमें मिस्त्री ने बताया कि पानी नही है और पानी भर दिया । मैने इस बात पर गौर नही किया और दस दिन में बडी मुश्किल से सैल्फ लगा तो मिस्त्री ने बताया कि ये अभी सही से चार्ज नही हुई है जब चलेगी तो हो जायेगी । बाकी कोई काम अब नही रहा था ।
जो सामान आदि लिये गये उनकी लिस्ट इस तरह है ।
कपडे — जैकेट , विंडशीटर , पोंछू , दस्ताने , शाल , कम्बल हल्का वाला , चश्मा , टीशर्ट 4 , लोअर 3, नेकर बनियान 3 , गरम पाजामी बनियान सैट , मोजे 4 , तौलिया , रूमाल 3 , मास्क
इलैक्ट्रानिक सामान ये थे — मोबाईल और चार्जर , कैमरा और चार्जर , कैमरा अतिरिक्त बैट्री , चप्पल , पावर बैंक , सेल्फी स्टिक , एक्सटेंशन बोर्ड , पानी की बोतल , बाईक चार्जर ,
बाइक संबंधी — प्लग एक्सट्रा , पम्प , पंचर किट , रस्सी , पेंचकस पाना ,
अन्य सामान — एल्फी , एल्बो गार्ड , नी गार्ड , हैलमेट ,टैंट , स्लीपिंग बैग,1 किलो चने , नमकीन , बिस्कुट ,4 पैकेट टैंग ,कुछ अतिरिक्त पोलिथीन सामान रखने के लिये जैसे गंदे कपडे या गीले कपडे
रोजमर्रा का सामान — पेस्ट , ब्रश , शैम्पू पाउच , तेल पाउच , लिप बाम , कोल्ड क्रीम , कंघा , पेपर सोप , दवाईयां (बीटाडीन , पटटी , नोरफलोक्स टी जेड दस्त को , काम्बीफलेम , क्रोसीन , डिस्परीन , डायमोक्स , एसीलाक , बैंड ऐड , दर्द निवारक फेनिक प्लस , वोलिनी स्प्रे , सीट्राजीन , इलैक्ट्राल पाउच , मेफटाल पेट दर्द को ) , लाइटर , माचिस ,
कागज— नक्शे , वोटर कार्ड व उसकी प्रतियां , आधार कार्ड व उसकी प्रतियां , ड्राइविंग लाइसेंस व उसकी प्रतिया , इंश्योरेंस , बाइक रजिस्ट्रेशन व उसकी प्रतियां , प्रदूषण ,एटीएम कार्ड ,
अब बात आयी नक्शो की तो लददाख जाने के लिये निश्चित तौर पर बीसीएम टूरिंग की वेबसाइट सभी लददाख जाने वालो के लिये उपयोगी है । इसके अतिरिक्त डीओ डब्लू और इंडिया माइक भी हैं जहां पर फोरम में काफी सारे सवालो के जवाब मिल जाते हैं । बीसीएम पर आरती और हर्ष का बनाया हुआ एक नक्शा है जो मेरे हिसाब से सभी नक्शो में सबसे उपयोगी है । इसके प्रिंटआउट निकलावाकर रख लिये । इसके बाद बात आती है मोबाईल में मैप की तो वहां पर ज्यादातर जगहो पर नेटवर्क नही मिलता और इंटरनेट अगर बीएसएनएल का मिल भी गया तो 2जी मिलेगा इसलिये गूगल मैप के बारे में तो सोचना भी बेकार है । आफलाइन मैप में कई एप्स हैं पर यूजर्स के अनुभवो के आधार पर एक एप सबसे बढिया है ओसमएंड । इस एप में लददाख के रास्तो को आफलाइन नेविगेशन इस्तेमाल किया जा सकता है ये बिलकुल निशुल्क है और सात मैप फ्री डाउनलोड किये जा सकते हैं तो एक इंडिया का करें और एक जम्मू कश्मीर का उसके बाद भी पांच बचे रह जायेंगें । यही एप आपको उंचाई बताने के लिये भी परफेक्ट है । आप इस एप में ट्रिप रिकार्ड भी कर सकते हो रूट रिकार्डिंग अगर आपके पास बैट्री की समस्या नही हो तो
हां इस एप को लददाख जाने से पहले नेट चलाकर इसमें वो सारे स्थान मार्क कर लें उसके बाद आपके लिये नेविगेशन बहुत आसान हो जायेगा । वो सारी जगहें जहां आप जाना चाहते हैं उनमें से कुछ को ये आफलाइन नही ढूंढ पायेगा लेकिन जाने से पहले आप उन्हे आनलाइन मार्क कर दो बस आपका काम हो गया ।
इस पोस्ट मे ज्यादा फोटो नही हैं पर आगे आपको बहुत मिलने वाले हैं ।
मेरा लददाख जाने का कार्यक्रम कई बार बना और बिगड गया । लददाख अक्सर जून में मनाली वाला मार्ग खुलता है रोहताग पास के खुलने के बाद और इसी समय मेरे स्कूल की छुटिटयां होती हैं परन्तु पिछले वर्ष मै बजट की कमी की वजह से पूरे जून के महीने घर बैठा रहा और सितम्बर में जो कि दूसरा आदर्श समय होता है लददाख जाने के लिये उस समय मुझे इतनी छुटिटयां नही मिल सकी । तो इस वर्ष 20 मई से स्कूल की छुटिटयां पड रही थी और साथ ही इस वर्ष बर्फ कम गिरने की वजह से 25 मई तक रोहतांग के खुलने की उम्मीद थी इसलिये बाइक यात्रा का कार्यक्रम बना लिया गया ।
करीब एक महीना पहले तय कर लेने का ये फायदा मिला कि तैयारियो के लिये पर्याप्त समय था । वैसे भी पिछले साल नेपाल बाइक यात्रा करने के बाद से अब तक बाइक यात्रा नही की गयी थी इसलिये सीधे करने से पहले एक छोटी बाइक यात्रा करने का मन था पर गाडी लेने के बाद से चार बार उत्तराखंड की यात्रा गाडी से ही की गयी और कोई छोटी यात्रा भी नही कर पाये बाइक पर सीधे ही जाना पडा ।
तैयारी
लददाख जाने के लिये कई तरह की तैयारी जरूरी होती है जिसमें से सबसे जरूरी तो वो वाहन है जिस पर आपको जाना है । लददाख के लिये लोगो के दिमाग में बुलेट का ही नाम आता है पर ऐसा नही है । कोई भी 150 सीसी की बाइक बडे आराम से लददाख जा सकती है यहां तक कि 150 वाली पे दो बंदे भी जा सकते हैं । 125 सीसी की बाइक पर और 110 सीसी की स्कूटी पर भी लोग गये हैं मेरे पास बजाज की डिस्कवर 150 सीसी है । इससे पहले मैने 100 सीसी की पैशन प्रो पे लाहौल स्पीति की यात्रा की थी जिसे मिनी लददाख भी कहा जाता है । बाइक 1 साल पुरानी थी और 18000 किलोमीटर चली हुई थी । पहले बाइक तैयारी की ही बात करते हैं । बाइक में दोनो टायर टयूबलेस हैं पर पिछले टायर में एक लम्बी कील घुस जाने के कारण मुझे उसमें टयूब डलवानी पडी थी । इसलिये उस टायर को बदलवाना जरूरी था वरना टायर की कंडीशन इतनी बेकार नही थी । लददाख में टयूबलैस टायर हों तो बढिया है वरना आपको टायर खोलना टयूब निकालकर पंक्चर लगाना आना चाहिये तब कोई दिक्कत नही है । अक्सर पंक्चर लगाना टयूब वाले टायर में सबको नही आता इसलिये टयूबलैस बढिया विकल्प है जिसमें एक छोटी सी किट जो कि सौ या डेढ सौ रूपये में मिल जाती है उससे दस मिनट में बिना कुछ खोले आसानी से पंचर लगाया जा सकता है ।
तो बाइक का पिछला टायर नया खरीदा 2100 रूपये का और एक पंक्चर किट भी खरीद ली गयी । अब बाइक की सर्विस कराने की बारी थी । वैसे तो मै बजाज के सर्विस सैंटर पर ही गया पर उस दिन उसके बंद होने की वजह से मैने लोकल मिस्त्री को पकडा और बाइक की तेल आदि की सर्विस करा दी । इसके अलावा एहतियाज के तौर पर कुछ चीजे नयी बदलवा दी जिसमें सबसे जरूरी होता है चेन सैट । बाइक को खींचने में सबसे बडा रोल चेन सेट का ही होता है । प्लेन में तो एक बार को कमजोर चेन भी चलती रहती है पर पहाड में और वो भी मुश्किल चढाई पर अगर चेन टूट जाये या दांत घिसे होने की वजह से स्लिप मारने लगे तो दिक्कत ही दिक्कत है इसलिये चेन सेट तो नया होना जरूरी है जिससे इंजन पर भी कम दबाव पडता है । मैने चेन सैट नया बदलवा लिया । बुलेट के मुकाबले दूसरी बाइको का खर्च कम होता है ये भी फायदा है । मेरी बाइक का चेन सेट 1100 रूपये का नया आ गया आरिजनल जबकि बुलेट के मुकाबले सर्विस में भी आधे से भी कम पैसा लगा । एहतियाजन कुछ चीजे और बदलवा दी जैसे कि क्लच वायर , ब्रेक शू ,एयर फिल्टर , आदि
बाइक का एयर फिल्टर बदलवा दिया गया नया । ज्यादा महंगी चीज नही है पर एक साल से बदली नही गयी थी और उंचे दर्रो पर जहां आदमी को ही कम आक्सीजन मिलती है वहां पर बाइक को पर्याप्त हवा मिलना जरूरी है और वो तब मिलेगी जब एयर फिल्टर साफ होगा । अगर एयर फिल्टर को निकाल दिया जाये तो इंजन में धूल मिटटी जाने से इंजन खराब हो सकता है तो ऐसे में बढिया विकल्प है कि एयर फिल्टर नया हो । बाइक के दोनो प्लग भी नये बदलवा दिये गये । ये 50 या 60 रूपये का एक आता है और दोनो सही थे । मिस्त्री का कहना था कि नये वाले आप रखो जब खराब हो तब बदल लेना पर मैने कहा कि नये लगा दो और पुराने मै रखता हूं । जब पैसे भी लगा रहे हों तो रिस्क क्यों लेना
इसके बाद बारी थी बाइक पर सामान की तैयारी की । बाइक पर अक्सर लोग एक कैरियर लगवाते हैं जिसे लददाख कैरियर कहा जाता है । कुछ लोग ऐसे ही बैग बांधकर भी निकल लेते हैं पर कैरियर वाले ज्यादा होते हैं । वैसे भी लददाख जाने वालो में सौ में से 95 या उससे भी ज्यादा बुलेट वाले ही होते हैं । कैरियर करीब तीन से चार हजार का आता है और कुछ लोग उसे जुगाड से बनवा लेते हैं उन्हे भी वो 2 हजार से कम का नही पडता । मैने कैरियर का विचार तो बनाया ही नही था कभी इसलिये साइड बैग खरीदने का फाइनल किया । साइड बैग या सैडल बैग दो बेैग होते हैं जो आपस में जुडे होते हैं और इनके ना तो बांधने का झंझट होता है और ना खोलने का । इसके अलावा एक मैग्नेटिक टैंक बैग आता है जो कि टंकी पर चुम्बक से चिपक जाता है । ये बडे काम का होता है क्योंकि इसमें आप ऐसा जरूरी सामान रख सकते हो जो कि आपको अक्सर चाहिये होता है जैसे गाडी के कागज से लेकर अन्य चीजे रोजमर्रा की ।
मेरा कैमरा बैग् भी फट गया था इसलिये वो भी इस बार नया लेना जरूरी था । इन सबके लिये एक दिन निर्धारित कर लिया और दिल्ली में मित्र बीनू कुकरेती को साथ लेकर करोल बाग पहुंच गये । करोल बाग से रिक्शा करके थोडी ही दूर एक बाजार है जिसे नाईवाला बोलते हैं । यहां पर बाइक का हर सामान मिल जायेगा । यहां से सैडल बैग 800 रूपये में और टैंक बैग 400 में खरीदा । इसके अलावा एक मास्क जो कि पूरी यात्रा में सबसे बढिया और उपयोगी रहा उसे 100 रूपये में और एक कैमरा बैग भी 400 रूपये में खरीदा । एक बाइक में मोबाईल चार्जर खरीदा जो कि बैट्री में लग जाता है और मोबाईल चार्ज कर देता है कार की तरह का । ये 150 रूपये का आया पर कहीं काम नही पडा इसका । एक रस्सी 60 रूपये की खरीदी जिससे सामान को बांधा जा सके । हम दोनो पूरा दिन लगभग बाजार में घूमे और उसके बाद वहां से जाट देवता संदीप पंवार के घर गये जहां पर आइसक्रीम को एक बार नही दो दो बार पेट भरकर खायी गयी उसके बाद यमुना किनारे घूमने गये और तब देखा कि जिस यमुना के नाम पर हम दिल्ली में नाक भौं सिकोडते हैं वो दिल्ली में प्रवेश करते समय इतनी साफ है कि लोग उसमें नहाते भी हैं । बस दिल्ली में प्रवेश करने के बाद वो इतनी गंदी हो जाती है जैसे गंदा नाला
इरादा टैंट और स्लीपिंग बैग ले जाने का भी था । मेरे पास एकलव्य भार्गव का टैंट रखा हुआ है और स्लीपिंग बैग अपना है उसके लिये एक बैग तैयार किया जिसमें टैंट और दो स्लीपिंग बैग आ सकें । ये बैग घर से ही लिया था । इसे पीछे बांधने का इरादा था । एक चाईनीज पंप हवा भरने के लिये भी खरीद लिया गया । ये 100 रूपये का आता है । अब बाइक का काम लगभग पूरा हो चुका था और केवल इसकी टैस्टिंग बाकी थी जो दो बार स्कूल तक जाकर पूरी की गयी । 200 किलोमीटर चलाने के बाद कुछ कमियां पता चली जो सही करा ली गयी । इस सारे काम में बस एक ही दिक्कत रह गयी थी बाइक की बैट्री की जिसमें मिस्त्री ने बताया कि पानी नही है और पानी भर दिया । मैने इस बात पर गौर नही किया और दस दिन में बडी मुश्किल से सैल्फ लगा तो मिस्त्री ने बताया कि ये अभी सही से चार्ज नही हुई है जब चलेगी तो हो जायेगी । बाकी कोई काम अब नही रहा था ।
जो सामान आदि लिये गये उनकी लिस्ट इस तरह है ।
कपडे — जैकेट , विंडशीटर , पोंछू , दस्ताने , शाल , कम्बल हल्का वाला , चश्मा , टीशर्ट 4 , लोअर 3, नेकर बनियान 3 , गरम पाजामी बनियान सैट , मोजे 4 , तौलिया , रूमाल 3 , मास्क
इलैक्ट्रानिक सामान ये थे — मोबाईल और चार्जर , कैमरा और चार्जर , कैमरा अतिरिक्त बैट्री , चप्पल , पावर बैंक , सेल्फी स्टिक , एक्सटेंशन बोर्ड , पानी की बोतल , बाईक चार्जर ,
बाइक संबंधी — प्लग एक्सट्रा , पम्प , पंचर किट , रस्सी , पेंचकस पाना ,
अन्य सामान — एल्फी , एल्बो गार्ड , नी गार्ड , हैलमेट ,टैंट , स्लीपिंग बैग,1 किलो चने , नमकीन , बिस्कुट ,4 पैकेट टैंग ,कुछ अतिरिक्त पोलिथीन सामान रखने के लिये जैसे गंदे कपडे या गीले कपडे
रोजमर्रा का सामान — पेस्ट , ब्रश , शैम्पू पाउच , तेल पाउच , लिप बाम , कोल्ड क्रीम , कंघा , पेपर सोप , दवाईयां (बीटाडीन , पटटी , नोरफलोक्स टी जेड दस्त को , काम्बीफलेम , क्रोसीन , डिस्परीन , डायमोक्स , एसीलाक , बैंड ऐड , दर्द निवारक फेनिक प्लस , वोलिनी स्प्रे , सीट्राजीन , इलैक्ट्राल पाउच , मेफटाल पेट दर्द को ) , लाइटर , माचिस ,
कागज— नक्शे , वोटर कार्ड व उसकी प्रतियां , आधार कार्ड व उसकी प्रतियां , ड्राइविंग लाइसेंस व उसकी प्रतिया , इंश्योरेंस , बाइक रजिस्ट्रेशन व उसकी प्रतियां , प्रदूषण ,एटीएम कार्ड ,
अब बात आयी नक्शो की तो लददाख जाने के लिये निश्चित तौर पर बीसीएम टूरिंग की वेबसाइट सभी लददाख जाने वालो के लिये उपयोगी है । इसके अतिरिक्त डीओ डब्लू और इंडिया माइक भी हैं जहां पर फोरम में काफी सारे सवालो के जवाब मिल जाते हैं । बीसीएम पर आरती और हर्ष का बनाया हुआ एक नक्शा है जो मेरे हिसाब से सभी नक्शो में सबसे उपयोगी है । इसके प्रिंटआउट निकलावाकर रख लिये । इसके बाद बात आती है मोबाईल में मैप की तो वहां पर ज्यादातर जगहो पर नेटवर्क नही मिलता और इंटरनेट अगर बीएसएनएल का मिल भी गया तो 2जी मिलेगा इसलिये गूगल मैप के बारे में तो सोचना भी बेकार है । आफलाइन मैप में कई एप्स हैं पर यूजर्स के अनुभवो के आधार पर एक एप सबसे बढिया है ओसमएंड । इस एप में लददाख के रास्तो को आफलाइन नेविगेशन इस्तेमाल किया जा सकता है ये बिलकुल निशुल्क है और सात मैप फ्री डाउनलोड किये जा सकते हैं तो एक इंडिया का करें और एक जम्मू कश्मीर का उसके बाद भी पांच बचे रह जायेंगें । यही एप आपको उंचाई बताने के लिये भी परफेक्ट है । आप इस एप में ट्रिप रिकार्ड भी कर सकते हो रूट रिकार्डिंग अगर आपके पास बैट्री की समस्या नही हो तो
हां इस एप को लददाख जाने से पहले नेट चलाकर इसमें वो सारे स्थान मार्क कर लें उसके बाद आपके लिये नेविगेशन बहुत आसान हो जायेगा । वो सारी जगहें जहां आप जाना चाहते हैं उनमें से कुछ को ये आफलाइन नही ढूंढ पायेगा लेकिन जाने से पहले आप उन्हे आनलाइन मार्क कर दो बस आपका काम हो गया ।
इस पोस्ट मे ज्यादा फोटो नही हैं पर आगे आपको बहुत मिलने वाले हैं ।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (10-06-2016) को "पात्र बना परिहास का" (चर्चा अंक-2369) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बेहद मनोरंजक है। अगली कड़ी की प्रतीक्षा है
ReplyDeleteJust started with the series. One of the most informative posts I have come across.
ReplyDeleteManu ji photos aur daaliye please. Saare saaman ka ek photo ho to acha rahega. Aur bike poori taiyyari ke baad kaisi thi dikhne mein...sleeping tent bags waigerah ke saath...
👍👍 मनु भाई
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