समुद्रिका म्यूजियम पोर्ट ब्लेयर में अंडमान टील हाउस जो कि सरकारी होटल है और काफी प्रसिद्ध है , के बिलकुल पास ही में उसी सडक पर सामने की ओर ...
यहां पर टिकट है 20 रूपये का और 20 रूपये कैमरे का । हम तीनो ने टिकट लिया और अंदर आ गये । इस म्यूजियम को भारतीय नौसेना द्धारा संचालित किया जाता है । म्यूजियम में कई कमरे हैं और हर कमरे में एक एक विषय के बारे में गहनता से समझाया गया है जैसे कि एक कमरे में यदि अंडमान के द्धीपो के बारे में जानकारी है तो वो फोटो और लिखित जानकारी दोनो तरीके से दी गयी है ताकि अच्छे से समझ आये । एक कमरे में यहां के आदिवासियो के बारे में जानकारी है कि यहां पर कितने प्रकार के आदिवासी है और वो किस किस द्धीप में रहते हैं । खासतौर पर जरावा आदिवासी जिनके लिये यहां पर आने वाले लोगो के मन में खासा कौतुहूल भी रहता है के बारे में यहां पर विस्तृत जानकारी दी गयी है । उनके इतिहास से लेकर उनके रहन सहन और आजकल उनके व्यवहार में आ रही तब्दीली के साथ ही सरकार के द्धारा उनके लिये गये कार्यो के बारे में भी बताता है । एक कमरे में यहां के द्धीपो पर मिलने वाले समुद्री जीवो और उनके साथ ही कोरल तथा शैवालो के बारे में बताया गया है । कुछ चीजो को जो कि समुद्र से मिली हैं उन्हे भी यहां पर प्रदर्शित किया गया है और कुछ चीजो के माडल प्रस्तुत किये गये हैं । ये माडल लकडी से लेकर पत्थर तक से बनाये गये हैं और कुछ तो देखने में इतने सु्ंदर है कि मन में आता है कि इन्हे देखते ही रहें ।
इस म्यूजियम के अंदर आकर अहसास हुआ कि म्यूजियम देखना हमेशा नही छोडना चाहिये जैसा कि मैने करना शुरू कर दिया था क्योंकि मै ऐतिहासिक धरोहरो के म्यूजियमो को एक सा ही पा रहा था वही सब जगह बडी बडी तलवारे , योद्धाओ के कपडे और पता नही क्या क्या चीजे और जिधर भी जाओ खंडित मूर्तिया जिन पर सदी अंकित है । यहां पर आकर म्यूजियम का अर्थ जीवंत म्यूजियम लगा और यहां के लिये हमें समय भी कम लगा । हमें यहां के पांच या छह हाल के लिये और ज्यादा समय देना चाहिये था ।
म्यूजियम से निकलकर हम थोडी दूर ही स्थित अपने होटल में आ गये । यहां पर हमने कई बसो को सडते हुए देखा जो पर्यटको के लिये ली गयी थी । होटल काफी सुंदर है और लोकेशन बहुत बढिया । यहां थोडी दूर ही एक क्रिकेट मैच चल रहा था और मैने अपने कैमरे के जूम का फायदा उठाते हुए उसे देखने वालो को कैद कर लिया । शाम होने को आई और हमने रात का खाना होटल में ही आर्डर किया जो कि सही बना था । उसके बाद रात को सोने से पहले मैने होटल से दिख रहे समुद्र में खडे नौसेना के बडे जहाज को रोशनी से जगमगाता हुआ कैद किया । इसके बाद हम सोने चले गये ।
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