ये खिडकियों का स्ट्रक्चर ही देखने लायक है भक्तपुर दरबार के बारे मेँ बताया जाता है कि यह 8 वीँ सदी पुराना हैँ नेपाल के मल राजाओं की राज...
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ये खिडकियों का स्ट्रक्चर ही देखने लायक है |
भक्तपुर दरबार के बारे मेँ बताया जाता है कि यह 8 वीँ सदी पुराना हैँ नेपाल के मल राजाओं की राजधानी रहा यह दरबार स्कवायर ऐसी जगह है जो कि आज तक अपने मूल स्वरुप मेँ है और इसी को देखने के लिए यहाँ पर लोग आते हैँ । यह अपने आप को आजकल की हवा से बचाएँ रखे हुए हैँ । भक्तपुर दरबार स्क्वायर के बीचोँ बीच जो चौक है उसमेँ मेन मंदिर है लेकिन इससे आगे निकलने के बाद एक और चौक आता है जिसे नाडेश्वर चौक या नाडेश्वर मंदिर कहते हैँ यह मंदिर भी बहुत शानदार है जो कि यहाँ के राजा ने बनवाया था । मंदिर के सामने मल राजा की मूर्ति है और एक गेट है जिसे गोल्डन गेट कहा जाता है । इसके अंदर पूरे परिसर मेँ आर्मी की ड्यूटी है और नेपाल के आर्मी इसकी सुरक्षा करती है क्योंकि गेट पर भी सोना मढा हुआ है । परिसर के अंदर जो मंदिर है उस मेँ दुर्गा माँ की सोने की मूर्ति है इसमेँ केवल हिंदू ही प्रवेश कर सकते हैँ । यहाँ पर जो भी बिल्डिंग है वह काफी एंटीक है इसलिए नेपाल की आर्मी यहाँ को यहां पर लगाया गया है । भक्तपुर के मंदिरोँ मेँ लकड़ी और पत्थर पर किए गए खूबसूरत काम की दुनिया भर मेँ चर्चा होती है तो नाडेश्वर स्क्वायर भी यह काफी प्रसिद्ध है उसमेँ भैरोनाथ का मंदिर है जो कि पैगोडा शैली मेँ बना हुआ है ।
Nepal yatra -
मुझे तो ऐसा लगा कि यहाँ पर चारोँ तरफ को रास्ते हैँ । जब हम बाजार मेँ घूमने लगे तो हमेँ महसूस हुआ कि शायद हम 500 रुपए का टिकट लेकर पागल बनाए गए हैँ क्योंकि लोग अपनी मोटरसाइकिल लेकर यहाँ पर घूम रहे थे । मैने बहुत दूर तक जाकर देखा लेकिन मुझे और कोई एंट्रेंस नहीँ दिखाई दिया उसके बाद मैने कई लोगोँ से पूछा तो उन्होने मुझे बताया कि नहीँ यहाँ पर जिधर भी एंट्रेंस है वहाँ पर टिकट काउंटर हैँ लेकिन मुझे ऐसा नहीँ लगा । यहाँ भक्तपुर मेँ मिट्टी के बर्तनोँ का काफी काम होता है इसलिए यहाँ के एक चौक पोट्री चौक जो कि विश्व के सबसे पुराने व्यवसाय मिट्टी के बर्तन बनाने का ठिकाना है को देखने के लिए भी बहुत पर्यटक आते हैँ । भक्तपुर का दरबार स्क्वायर सबसे ज्यादा 55 खिड़कियोँ वाले पैलेस के लिए प्रसिद्ध है यहाँ की मुख्य आकर्षण मेँ हर वस्तु मेँ केवल लकड़ी ही नहीँ उसके साथ साथ पत्थर धातु और टेराकोटा का भी प्रयोग किया गया है । यहाँ पर आने वालोँ को कई चीजेँ देखने को मिलती है जैसे यहाँ का लोकल डांस, भजन,संस्कार, वेशभूषा और यहाँ की संस्कृति । इसीलिए यूनेस्को ने इस जगह को जीवित म्यूजियमका दर्जा दिया है।