हमें आज अपनी यात्रा का तीसरा दिन था और अब तक हम 940 किलोमीटर चल चुके थे घर से । काठमांडू के लिये रास्ता पूछा और निकलते हुए पैट्रोल डलवाने ...
हमें आज अपनी यात्रा का तीसरा दिन था और अब तक हम 940 किलोमीटर चल चुके थे घर से । काठमांडू के लिये रास्ता पूछा और निकलते हुए पैट्रोल डलवाने के लिये पम्प पर रूके । यहां पर 1000 नेपाली रूपये का पैट्रोल डलवाया और यहीं पर कई औरते जो कि अंगूर बेच रही थी उनसे आधा किलो अंगूर 40 रूपये के ले लिये । हम काठमांडू के लिये चल रहे थे तो रास्ते में ही बोर्ड आया कि बेगनास ताल 5 किलोमीटर है तो हमने सोचा कि 5 किलोमीटर अगर साइड में भी होगी तो देखते चलते हैं पर ये साइड में तो केवल 1 किलोमीटर ही थी । मेन रोड से एक रास्ता मुडता है और एक किलोमीटर चलने के बाद बेगनास लेक आ जाती है । हमने बाइक को पार्किंग में खडा किया और लेक को देखने के लिये चल दिये ।
बेगनास लेक भी काफी बडी लेक है और इस पर एक बांध बना दिया गया है जहां से जरूरत के अनुसार पानी छोडा जाता रहता है पर ये झील पर्यटन के हिसाब से इतनी प्रसिद्ध शायद नही है क्योंकि यहां पर ना तो ज्यादा भीड है और इतनी बडी झील में बोटिंग का भी एक ही स्टैंड है । दूसरा मैने देखा कि यहां का तटबंध भी कच्चा ही है और यहां पर कपडे धोने का घाट सा नजर आया जहां पर औरते कपडे धो रही थी । थोडा बहुत घूमने के बाद और फोटो खींचने के बाद हम यहां से चल पडे । काठमांडु के रास्ते पर काफी आगे जाने के बाद एक जगह बढिया सा कैफे देखकर हम दोनो ने आइसक्रीम खायी ।
एक लोकल औरत को देखकर मैने बाइक को मोडने को कहा और सहदेव ने बाइक मोड ली । करीब आधा किलोमीटर वापस आकर हमने उस औरत को आवाज दी तो उसने आश्चर्य से देखा कि हम उसे आवाज क्यों दे रहे हैं । मैने उससे एक फोटो लेने के लिये पूछा तो उसने कहा कि मेरा फोटो क्यों
मैने कहा कि आपने जो पीछे हथियार लगा रखा है मुझे उसका फोटो लेना है ऐसे ही लगे हुए और वो हंस पडी और पोज देने के लिये खडी हो गयी । मैने बाइक से उतरे बिना ही उसका फोटो लिया और फिर से आगे चल पडे । हमें घर से चलने मे अब तक बाइक से पिछवाडा दुखने लगा था और हमें आधा दिन ही मिला था बस वो भी पोखरा में बाइक पर ही बिताया था ज्यादातर तो बार बार हमें रूकना पडता था दस मिनट के लिये
रास्ते में मनोकामना देवी का मंदिर आया जो कि नेपाल में काफी प्रसिद्ध है और यहां बहुत उंची पहाडी पर है । यहां तक जाने के लिये केबल कार है जो कि दस मिनट में वहां तक पहुंचा देती है । बीच में नदी है और ट्राली सडक की साइड से ही मिलती है । यहां पर काफी लोगो की भीड थी । हमने यहां पर थोडा समय पर बिताया और फिर आगे की ओर चल दिये । वैसे ये राजमार्ग जो कि नेपाल का एक मुख्य मार्ग है और काठमांडू को पोखरा से जोडता है पृथ्वी राजमार्ग कहलाता है । इस रास्ते पर नजारे भी कम नही थे और आंखो मेें हमेशा के लिये समाने लायक थे ।
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ReplyDeleteMukesh...
Mast sir kaafi dino baa post aayi dil kush ho gaya photo dehkar
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