कोहलपुर पहुंचने तक अंधेरा हो गया था और कोहलपुर में जो होटल हैं वो सीधे हाथ पर अंदर को जाकर हैं । यहां पर छोटा सा बाजार है और उसी में एक हो...
कोहलपुर पहुंचने तक अंधेरा हो गया था और कोहलपुर में जो होटल हैं वो सीधे हाथ पर अंदर को जाकर हैं । यहां पर छोटा सा बाजार है और उसी में एक होटल पर जाकर हमने कमरे की बात की । होटल मालिक ने 600 नेपाली रूपये मांगे और मैने 400 कहे । नही मानने पर हम वापस चल दिये तो उसने आवाज देकर वापस बुलाया और बोला कि साथ में क्या क्या लेंगे मतलब शराब मीट आदि में से क्या भिजवाना है मैने पूछा लडकी मिलेगी उसने अपनी पत्नी की तरफ को देखा और बोला कि हम तो परिवार वाले हैं यहां तो ये सब नही मिलता
मैने कहा तो हम भी बिना उसके मीट या शराब नही पीते तो तुम दो प्योर वेज खाने की थाली लगवाओ हम सामान रख के आते हैं । कमरे में सामान रखते समय सहदेव हैरान परेशान था बोला भाई तुम ये शौक भी रखते हो क्या मैने कहा भाई जब मै अंडा शराब सिगरेट तक नही पीता तो और क्या करूंगा पर मैने तो ऐसे ही मजाक में कहा था । भाई को बहुत देर में यकीन आया । रात को खाना खा पीकर सो गये और सुबह उठकर मैच का नतीजा देखा । विश्व कप चल रहा था और भारत का मैच था और हम थके हुए थे । सुबह सवेरे उठकर ही मैच का नतीजा खबरो में देखा ।
नहा धोकर तैयार हुए । सहदेव तो रात को खाना खाने के बाद भी बाजार में घूम आया था । मैने सुबह उठकर बाजार देखा । हम जिस होटल में रूके थे वहां पर रिसेप्शन पर ही शराब की बोतले लगी हुई थी । अंडे मीट की बिक्री यहां पर सबसे ज्यादा है ।
रात को आते हुए अंधेरा होने से लेकर उसके बाद तक भी हमने जो बात नोटिस की वो ये कि यहां पर महिलाओ को यहां पर काफी आजादी है । शाम को पब्लिक साईकिलो पर आ जा रहे थे हाईवे पर और उस पब्लिक में औरते और आदमी बराबर संख्या में थे । औरते और लडकिया साईकिल से आ जा रही थी और ऐसा लगता था कि वो या तो खेतो से या फिर किसी काम से वापस आ रही थी । इस हाईवे पर सिवाय सार्वजनिक बसो के साईकिलो की ही भरमार है । जैसा कि सब जानते हैं कि नेपाल तो गरीब देश है तो यहां पर जो कारें देखी वो भी थोडी बहुत संख्या में ही थी ।
रात में आर्मी चैकपोस्ट पर एक आर्मी वाले ने कहा कि जंगल आयेगा तो हमारा बाघ मिलेगा उसे देखना तो हम बहुत देखभालकर चले पर हमें बाघ तो बाघ एक बकरी भी नही मिली ।
तो आज पहले दिन का खर्च
600 पैट्रोल
500 पैट्रोल
80 दही
50 ट्रैफिक फीस
70 परांठे चाय
560 भनसार
20 चाय
25 पानी
400 होटल
260 खाना
केवल 1730 भारतीय रूपये 835 नेपाली रूपये
आज का सफर 530 किमी0
सुबह हमने अपने वाले होटल में ही चाय नाश्ता किया । नाश्ते के नाम पर बिस्कुट ही लिये । आज तो हमें चलते ही जाना था और शाम तक पोखरा पहुंचना था । आज का सफर 400 किलोमीटर के करीब था और हमें उम्मीद थी कि हम 2 बजे तक पहुंच जायेंगें । लेकिन ऐसा हुआ नही वो क्यों आपको आगे बताउंगा
होटल से चलने के बाद 115 किमी0 चलने के बाद एक तिराहा आता है लामही नाम का वहां पर हम दोबारा चाय पीने के लिये रूके । चाय के साथ वहां की लोकल पकौडी जैसी कुछ चीज खायी जो कि पूछने पर पता चली कि 5 रूपये की 3 ठो हैं । यहां पर होटलो की मालिक सब औरते ही हैं । आदमी तो कम ही दिखते हैं । चाय के लिये 30 रूपये चुकाये गये । नेपाली भाषा में नाश्ता पसल लिखा हो तो नाश्ता और खाना दोनेा मिलते हैं । आर्मी वाले यहां पर भी काफी संख्या में थे । पहले 3 घ्ंटे में 150 किमी0 का सफर हो चुका था जो कि बहुत बढिया था और मुझे लग रहा था कि आज सफर बढिया कटेगा ।
Nepal yatra -
नेपाली मुद्रा |
हमारा होटल |
बेहतरीन फोटो माय प्रस्तुति, और जानकारी भी आपके द्वारा दी गयी.. एक बात और पता चला कि बारगेनिंग भी संभव है.. कुछ बातें आपसे पूछूँगा.. आपके फेसबुक इनबॉक्स में
ReplyDeleteपसल का मतलब दुकान
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteभाई ऐसा मजाक ना किया करो कभी मजाक में लेने के देने पड जाए..
ReplyDeleteभाई कुछ फोटो मे लाईन सी आ रही है जरा ठीक करो की कैसे आ रही है...
सुन्दर यात्रा वर्णन...
सुंदर सचित्र वर्णन ..
ReplyDeleteBahut sundar varnan Manu ji. Ek lamhi to UP men bhi hai na varanasi ke paas jahan munshi Premchand ka janm hua tha?
ReplyDeleteThanks,
Mukesh
वहां शराब ठेके पर क्यों नहीं मिलती ?
ReplyDeleteशायद टैक्स फ्री हो या फिर ये लोग अवैध रूप से बेच रहे हैं
अच्छा लड़की भी मिल जाती है... hahahahaha
ReplyDeleteपसल नेपाली में दुकान को कहते है ,नास्ता पसल या पुस्तक पसल आदि /
ReplyDelete