हम बुटवल से डेढ बजे चले थे पर साढे सात बजे पोखरा पहुंचे । इस बीच में हमें एक सुंदर सा सूर्यास्त भी देखने को मिला । यहां इस रास्ते मे...
हम बुटवल से डेढ बजे चले थे पर साढे सात बजे पोखरा पहुंचे । इस बीच में हमें एक सुंदर सा सूर्यास्त भी देखने को मिला । यहां इस रास्ते में तानसेन नाम का कस्बा और नगरपालिका भी है जो कि बहुत ही सुंदर लोकेशन पर है । तानसेन तक तो चढाई उतराई भी है लेकिन उसके बाद तो काफी किलोमीटर तक लगातार चढाई है । तानसेन नगरपालिका भी है ।
जब हम पोखरा पहुंचे तो अंधेरा तो हो ही गया था । अंधेरा होने के बाद एक दिक्कत हो जाती है कि शहर का सही से अंदाजा नही होता । एक चौराहे पर हमने पुलिसवाले से पूछा कि हमें सही सा होटल कहां पर मिलेगा तो उसने बताया कि जहां पर आप खडे हो वहां पर ठीक ठाक बजट के होटल हैं लेकिन लेक के आसपास लोगेे तो महंगा मिलेगा । हमने रास्ता पूछा तो उसने बता दिया । उसके बाद हमने वहीं से होटल के बारे में पूछना शुरू कर दिया । पहले हम सडक किनारे बने एक होटल में गये । बाइक रोककर हम अंदर गये और कमरे के बारे में पूछा । कमरे के बारे में पूछने के बाद वहां पर मौजूद लडके से हमने कमरा देखा । जब कमरा देखने जा रहे थे तो लडके ने हमसे पूछा कि सर यहां पर सब इंतजाम है । मैने पूछा कि क्या क्या इंतजाम है तो उसने बताया कि शराब हर ब्रांड की आपके कमरे में मिल जायेगी । नानवेज में भी जो आप पसंद करो वो ही मिल जायेगा ।
मैने पूछा भाई यहां पर बोलते हैं कि और भी कुछ मिल जाता है तो उसने कहा कि अभी पिछले छह महीने से से यहां पर बहुत सख्ती है इसलिये अब और कुछ बंद है । हम दोनो मुस्कुराये और आगे चल दिये । हम माल रोड के जैसी रोड पर पहुंच गये जो किनैनीताल जैसी जगहो पर है झील के चारो ओर । हम एक आदमी से होटल के बारे में पूछ रहे थे कि एक बाइक वाला हमारे पास रूका और उसने हमसे कहा कि क्या आपको होटल चाहिये । हमारे हां कहने पर वो हमें लेक साइड पर मौजूद होटल पर ले गया । वो भी बाइक पर था और हम उस होटल को देखकर सोच रहे थे कि ये तो काफी महंगा होगा पर जब उससे बात हुई तो बात करते करते वो होटल हमें 800 रूपये में कमरा मिल गया । कमरा भी बालकनी वाला था और काफी बडा था ।
कमरा लेने के बाद हमने खाने के लिये पूछा तो उसने बताया कि हमारे यहां पर खाने की सुविधा भी है तो हमने खाना बनाने के लिये कह दिया । वो बंदा होटल का मालिक था और उसकी फैमिली भी यहीं पर रहती थी । उसकी पत्नी खाना बना रही थी और एक लडका उन्होने सर्विस के लिये रखा हुआ था । खाना खाया तो बहुत ही बढिया था और हमारी पसंद का था । थोडा महंगा जरूर था 250 रूपये थाली नेपाली रूपये की यानि इंडिया के 180 रूपये के करीब की होगी ।खाना खाकर हम दोनो घूमने निकल पडे पोखरा के मेन रात वाले आकर्षण को देखने के लिये । सहदेव भाई भी बहुत लालायित था । हम रोड पर घूम रहे थे और चमकती दमकती दुकाने देख रहे थे । सच पूछिये तोे नेपाल में इतना आकर्षण टूरिस्ट के लिये काठमांडू में भी नही है जितना कि पोखरा में । यहां पर इतने विदेशी टूरिस्ट थे कि ऐेसा लग रहा था कि हम पोखरा मे नही बल्कि किसी विदेश में हैं । हमने आइसक्रीम खायी और जब फुटपाथ पर चल रहे थे तो वहीं पर डांस बार के लिये लोगो को बुलाते देखा । वे हमें भी बुला रहे थे । हमने कभी डांस बार देखा नही था पर पहले उससे पूछा कि भाई कोई फीस है क्या तो उसने कहा कि कोई फीस नही है जब तक चाहे बैठैा जो खाओगे उसका बिल देना है बस वो भी मैन्यू देखकर
हम भी पहली मंजिल पर बने डांसबार में चले गये और वहां जाकर वही नजारा देखा जो अब तक फिल्मो में देखते आये थे । वहां पर सामने बने स्टेज पर एक एक करके लडकियां अपना डांस दिखा रही थी । डांस बार था तो लडकियां कम कपडो में तो थी ही पर साथ ही वे भडकाउ डांस कर रही थी । हम भी एक सोफे पर बैठ गये और लडकियां एक एक कर हमारे पास आने लगी । जो भी लडकी हमारे पास बैठती वो यही पूछती कि क्या लोगे और उसके बाद अगर हम मना करते तो वो अपने लिये कुछ मंगाने को कहती । ज्यादातर लडकियां अपने लिये जूस मंगाने को कहती और हमारे लिये पैग लाने को कहती । खैर हम दोनो ही पीने वाले नही थे तो हमने जूस का रेट पूछा तो उसने उसने एक गिलास सौ रूपये का बताया । हमने कुछ भाव नही दिया तो थोडी देर में लडकियां हमारे पास आना बंद हो गयी ।
उसके बाद काफी देर तक हम ऐसे ही बैठै रहे तो सहदेव बोला कि भाई सौ दो सौ रूपये खर्च कर लो तो हमने एक मार्डन सी लडकी को अपने पास बुलाया । वो सिगरेट तो पहले ही पी रही थी और पास बैठते ही उसने सिगरेट मंगा ली । उसके बाद एक लडकी और आ गयी और पास आकर बैठ गयी । उसने एक जूस लाने का पूछा तो मैने मना नही किया और वो रियल जूस का एक किलो वाला डिब्बा लाकर रखा और गिलासो में करके चार जगह दे दिया । काफी देर तक हम बैठै डांस देखते रहे और बार के नजारे देखते रहे । मुझे पता भी नही चला और सहदेव से एक लडकी ने रिक्वेस्ट करके टकीला पैग पिलाने को कहा और दो पैग ले आयी जिसे वे दोनो ही पी गयी । टकीला पैग बहुत छोटा सा कप होता है और हमने इस बात पर गौर भी नही किया कि ये कितने का होगा । बस यहीं हम गलती खा गये ।
आप भी नेपाल के रंग में रंग गए ।
ReplyDeleteबढ़िया मनु जी !! फोन पे थोड़ी दिक्कत होती है ! वेबसाईट खोलने में !!!
ReplyDeleteखूबसूरत फोटोग्राफी
ReplyDeleteखूबसूरत फोटोग्राफी
ReplyDeleteGod bless u manu bhai .
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Contact me in my whats app soon pl..
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शानदार
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