me at rohini east metro पहली बार हवाई सफर करने जा रहा था इसलिये थोडा सोचना भी पड रहा था । कई लोगो से जानकारी ली । फेसबुक वालो को भी परेश...
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me at rohini east metro |
मैने सारा सामान रखने के बाद बैगपैक का वजन किया तो वो कुल साढे छह किलो था और हैंड बैग् का कुल ढाई किलो । हैंड बैग में कैमरा , चार्जर , फोन व उसके चार्जर , शेविंग मशीन और उसका चार्जर , दवाईयां , पोंछू, चश्मा , एड्रेस प्रूफ की आई डी व उनकी फोटोस्टेट आदि जरूरी और छोटे सामान थे ।
बडे बैग में तीन लोअर , दो जींस , चार शर्ट , दो टी शर्ट , दो शार्टस , मोजे , इनरवियरस , जूते आदि सामान थे ।
चलने से पहले एक बार राजेश जी ने पूछा कि खाने पीने के लिये कुछ ले चलूं मैने मजाक में बोल दिया कि काजू और बादाम लेते आना । वो तो सच में एक एक किलो बादाम और काजू के साथ साथ नमकीन के चार पांच पैकेट और परांठे बनवाकर लेते आये । हमें तो इसके बाद कुछ ले जाने की जरूरत ही नही थी ।
गो एयर वालो ने हमें उडान तो दे दी थी पर वो इतनी ढंग से दी कि जिंदगी भर याद रहेगी । उन्होने हमें पहले दिल्ली से मुम्बई की उडान दी और मुम्बई में रात को बारह बजे उतारने के बाद अगली उडान मुम्बई से चेन्नई के लिये सुबह पोने छह बजे थी । इस बीच में कई घंटे समय था । हमने भी सोच लिया था कि सोयेंगे तो नही बल्कि मुम्बई घूमेंगें । हम आज रात दस बजे बैठकर पोर्ट ब्लेयर में कल सुबह दस बजे उतरने वाले थे यानि पूरे बारह घंटे लगने वाले थे । अब सस्ता टिकट लिया है तो कुछ तो झेलना भी पडेगा ।
रात के साढे दस बजे की उडान होने के बावजूद मै घर से चार बजे निकल पडा और लगभग पांच बजे वैशाली मैट्रो स्टेशन पर पहुंचा । यहां से मै नयी दिल्ली उतरकर मैट्रो लेता पर राजेश जी का फोन आया कि रोहिणी ईस्ट पर मिलेंगें । वो अपनी गाडी अपने लडके मोहित के साथ लेकर आ रहे थे । मुझे एक घंटा और लगा रोहिणी ईस्ट तक जाने में और वहां पर जाट देवता खडे मिले । पन्द्रह मिनट बाद राजेश जी भी गाडी लेकर आ गये । उसके बाद उनकी गाडी में बैठकर हम एयरपोर्ट गये ।
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एयरपोर्ट तक पहुंचने में हम रास्ता भी भटके पर फिर भी पूछते पूछते पहुंच ही गये । वैसे आफलाइन मैप एप्लीकेशन भी ठीक ठाक काम कर रही थी । एयरपोर्ट पर हमने सामान उतारकर और गाडी वापस भेजकर अंदर प्रवेश किया । यहां पर सुरक्षाकर्मियो ने हमाारी आई डी टिकट के साथ मिलाकर हमें अंदर जाने दिया । उसके बाद हम गो एयर के काउंटर पर गये और वहां पर हमारे लैगेज वाले बैग का वजन किया जो कि तीनो का 27 किलो ही हुआ जबकि हम नियम से 45 किलो तक ले जा सकते थे । यहां से हमें बोर्डिंग पास दे दिये गये वो भी तीनो उडान के । इसके बाद हमारी और छोटे हैंडबैग की चैकिंग हुई और हम अंदर प्रवेश कर गये ।
इंदिरा गांधी हवाई अडडा बडा सुंदर और भव्य बनाया हुआ है । यहां पर काफी सारी दुकाने और रैस्टोरैंट भी हैं । अंदर शापिंग का काफी सामान है । समय बिताने के लिये अच्छा साधन है । मै चार बजे का चला हुआ था इसलिये मुझे तो भूख लग रही थी इसलिये राजेश जी से परांठे मांगे और खा लिये । बाकी दोनो को अभी भूख नही लगी थी ।