नासिक के सुंदर स्थलो को घूमने के क्रम में सबसे पहले वो आटो वाले हमें पंचवटी ले गये । हर जगह जाने पर आटो का फायदा ये था कि एक तो वे हमारे ...
नासिक के सुंदर स्थलो को घूमने के क्रम में सबसे पहले वो आटो वाले हमें पंचवटी ले गये । हर जगह जाने पर आटो का फायदा ये था कि एक तो वे हमारे गाइड का काम कर रहे थे । दूसरी बात पार्किंग आदि की हमें कोई परेशानी नही थी और तीसरी बात कि जिस भी मंदिर में जाना होता हम अपनी चप्पल आदि सब आटो में पहले ही निकालकर रख देते । इससे हमें बहुत सहूलियत हुई और हमारा बहुत समय बचा । पंचवटी में बरगद के पांच बडे पेड थे शायद इसलिये इसका नाम पंचवटी पडा होगा ।
एक पेड के पास मंदिर है जिसका नाम सीता गुफा है । आटो वाले ने हमें बताया कि यही वो जगह है जहां पर सीता जी को स्वर्ण मृग यानि सोने का हिरन दिखा था । यहीं पर रावण साधु का भेष बनाकर आया था । मंदिर के अंदर एक पुराना शिवलिंग है जिसके बारे में कहा जाता है कि सीता जी यहां शिव की पूजा किया करती थी ।
यहां से थोडी ही दूरी पर आटो वाले हमें कालाराम मंदिर ले गये । ये मंदिर काफी सुंदर है पर इसमें दर्शन करना बडा कठिन है । दर्शन करने के लिये थोडा जमीन के अंदर गुफा सी में उतरना होता है और उसी रास्ते से वापस आना होता है तो यहां पर मुझे दम घुटता सा महसूस हुआ । क्योंकि वहां पर हवा के बाहर निकलने का साधन ना होने के बावजूद धूपबत्ती आदि का धुंआ भी था जो कि जरूरी नही है ऐसी जगहो पर ।
हमारे गाइड ने सीता कुटीर के पास एक छोटी सी धारा दिखायी जिसे उसने लक्ष्मण रेखा बताया । हमारे साथियो ने तो बिलकुल मना कर दिया उसकी बात मानने को क्योंकि रामायण में तो लकीर ही दिखायी थी वो जलधारा कैसे हो सकती है नो उल्लू बनाविंग । सनातनियो को कोई उल्लू कैसे बना सकता है ?
उसके बाद हम तपोवन गये जहां पर कपिला नदी और गोदावरी का संगम है । इस संगम के किनारे पर ही मंदिर भी बने हैं । यहीं पर किसी जगह को सीता की रसोई कहा जाता है तो किसी को उनके नहाने की जगह । इसी के दूसरे किनारे पर एक छोटे से मंदिर पर लिखा था कि यहां पर सूपर्णखा की नाक काटी थी लक्ष्मण ने ।
NORTH INDIA YATRA-

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इस गुफ़ा के भीतर आक्सीजन की कमी है, मेरा दम घुटने लग गया था। थोड़ी देर में ही बाहर भाग कर जान बचाई।
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