all in one shop कैमरा गायब देखकर दिमाग सन्न रह गया था । समझ नही आ रहा था कि कैमरा गुम हुआ है तो कहां है । दिमाग पर जोर डालना शुरू किया ...
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कैमरा गायब देखकर दिमाग सन्न रह गया था । समझ नही आ रहा था कि कैमरा गुम हुआ है तो कहां है । दिमाग पर जोर डालना शुरू किया और कडिया मिलानी शुरू की कि आखिरी बार कैमरा मेरे हाथ में कहां पर था । याद आया कि आखिरी बार कैमरा गाडी की अगली सीट पर बैठै हुए हाथ में लिये हुए था
इसका मतलब कैमरा गाडी में रह गया था । गाडी वाला बहुत तेजी से लेकर गया था । हमारे पास ना तो गाडी का नम्बर था ना ड्राइवर का । सब परेशान थे और खाना खाने की बात तो भूल ही गये बस कैमरे पर चर्चा होने लगी । मेरे लिये कैमरा खोने से भी ज्यादा शाक था कैमरे के साथ चिप चले जाना । वैसे शुक्र एक ये भी रहा कि मेरे पास कैमरे की दो चिप थी 4 जीबी की जिनमें से एक कैमरे के साथ आयी थी और एक मैने अलग से खरीदी थी । पहली चिप में 900 फोटो और वीडियो होने के बाद वो लाचुंग में भर गयी तो मैने यूमथांग में जाने से पहले सुबह उसे बदलकर नयी चिप डाल ली थी ।
यूमथांग से लाचुंग और गंगटोक , गंगटोक से दार्जिलिंग और दार्जिलिंग से मिरिक लेक और पशुपति नगर कुल तीन दिन और आज गुवाहटी से शिलांग के यानि टोटल चार दिन के फोटो गये । तभी हमारे साथी हिसार वालो को गाडी के आखिरी चार नम्बर याद आ गये । मैने सबको खाना खाने के लिये भेज दिया और वे चार नम्बर लेकर मै उसी चौराहे पर पहुंचा अकेला जहां पर उस गाडी ने हमें छोडा था । वहां पर एक पुलिस वाले से पूछने पर पता चला कि उन गाडियो का स्टैंड है । उसके बाद मै टैक्सी लेकर उस स्टैंड गया । वहां पर जाकर मैने वहां पर खडे ड्राइवरो से बात की तो उनसे गाडी का पूरा नम्बर और ड्राइवर का नम्बर भी पता चल गया । मैने ड्राइवर को फोन मिलाया और उससे बात की ।
ड्राइवर साफ मुकर गया बोला कि आपको छोडने के बाद मैने गुवाहटी की सवारियां बिठायी और अब रास्ते में हूं । मुझे तो आपका कैमरा मिला नही पर किसी सवारी ने उठा लिया हो तो मुझे पता नही । अब मैने उससे एक और रिक्वेस्ट की कि भाई अगर तुझे कैमरा मिला है तो तू उसे रख ले और एक हजार रूपये मै तुझे और दूंगा किसी से कहूंगा भी नही पर तू उसकी चिप मुझे दे दे पर वो तो मना करता गया ।
उसके बाद मै वापस यूथ हास्टल पहुंचा तो सब खाना खाकर आ चुके थे और काफी चिंतित थे । पहले तो चर्चा हुई फिर मै और मा0जी पुलिस बाजार थाने में पहुंचे और यहां पर आन डयूटी आफिसर से बात की । उसने कहा एप्लीकेशन लिखकर दे दो । हमने हिंदी में एप्लीकेशन लिखकर दी तो उसने कहा अंग्रेजी में लिखकर दोगे तभी ली जायेगी । अजीब बात थी मेरे भारत में जहां की राजभाषा हिंदी है । खैर हमने बहस ना करके ऐसा भी किया । उस एप्लीकेशन में ड्राइवर का नम्बर और गाडी नम्बर भी दिया । एप्लीकेशन रिसीव करके हमें दे दी गयी । ड्राइवर को फोन लगाकर उन्होने बात भी की पर ड्राइवर मना ही करता रहा ।
कार्यवाही के नाम पर इतना करके उन्होने हमें अगले दिन आने के लिये बोल दिया । अगले दिन आना या नही आना ये तो पक्का नही था पर हमने हां कह दिया और चले आये । मेरा मन बहुत दुखी था । कैमरा ज्यादा महंगा भी नही था निकोन का आठ मेगापिक्सल का बेसिक कैमरा था । मन बनाया और सोचा कि जो हो गया सो हो गया पर अभी बाकी तीन चार दिन का टूर है उसे क्यों बेकार किया जाये । बस यही सोचकर मै पुलिस बाजार गया और एटीएम से पांच हजार रूपये निकालकर निकोन का ही दस मेगापिक्सल कैमरा ले आया एल 26 ।
आज का दिन तो हमारा कैमरे के झंझट में ही निकल गया था फिर शाम हो चुकी थी । शाम को हम पुलिस बाजार में घूमने गये और फिर कमरे में आ गये । कमरे में वही मारूति कार टैक्सी वाला बंदा आ गया था जिसने दिन में हमें कमरा दिलवाया था । उससे अगले दिन के टूर के बारे में चर्चा हुई । अगले दिन के लिये हमने 1700 रूपये में दो कार कर ली जो हमें चेरापूंजी का टूर कराकर लाने वाली थी । दो मारूति में 9 बंदे आराम से आ जाने थे
आज 15 जून का खर्च था
10 — चाय
1500 — गाडी शिलांग
100— टैक्सी किराया मेरा कैमरा ढूंढने में
100—टैकसी होटल ले जाने में
4600—कैमरा
240— खाना दोनो समय का
तो अगले दिन सुबह टैकसी आ गयी और हम उसमें बैठकर घूमने चल दिये । सबसे पहला प्वाइंट था मकाडा ब्रिज व्यू प्वांइट जिसके फोटो कल की पोस्ट में थे । यहां पर एक पुल के पास ही व्यू प्वाइंट था और नीचे की ओर पार्क जैसा बना रखा था । दूसरा प्वांइट था वोखाबा व्यू प्वांइट जहां पर इतनी तेज हवा थी कि ठहरना भी मुश्किल था पर नजारा बहुत अच्छा था । यहां पर बादल हमसे नीचे थे और घाटी में बिखरे पडे थे दूर तक । बादलो के सिवाय कुछ भी नजर नही आ रहा था ।
उन बादलो को देखने के लिये पहाड के किनारे पर रेलिंग लगायी गयी थी । हल्की हल्की बारिश की बूंदे सी पड रही थी । बडी मुश्किल से फोटो खींचे । सबको ठंड लगने लगी थी । यहां से आगे चले तो नोखाली फाल आया । बहुत सुंदर ये फाल काफी उंचाई से गिर रहा था ।
NORTH EAST TOUR-
view point , Shillong |
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Yaad taza ho gai
ReplyDeleteकैमरे के बारे में बड़ा दुख हुआ, बादलों का दृश्य मन मोह लेता है।
ReplyDeleteati sundar photo
ReplyDeleteदृश्य मन मोहने वाले है.
ReplyDeleteVery good shots. Lovely!!
ReplyDeleteBahut hi achi photos hain. Par dukh hua ki aapka camera nahi mila.
ReplyDeleteBadi sundar photo aayi hai ? kya naye camera se hai ?
ReplyDeleteऊफ़्फ़ मतलब कि ईमानदारी नहीं है !! वैसे यह तो बिल्कुल स्वर्ग ही लग रहा है ।
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