एलीफेंटा लेक इस झील को क्यों कहते हैं इसके बारे में ड्राइवर ने हमें दिखाया कि देखो इस झील को गौर से ये दूर से देखने पर हाथी की तरह दिखायी द...
एलीफेंटा लेक इस झील को क्यों कहते हैं इसके बारे में ड्राइवर ने हमें दिखाया कि देखो इस झील को गौर से ये दूर से देखने पर हाथी की तरह दिखायी देती है । हाथी के हाथ वे रहे और पैर ये हैं और ये है सूंड । क्या कमाल की मार्केटिंग थी जो वो बता रहा था वही हम देख्र रहे थे और खुश हो रहे थे । वैसे झील बुरी नही थी । इस झील से थोडा आगे ही कुपुप विलेज है जो कि यहां पर भारत का आखिरी गांव है । 1967 के चीन के साथ हुए इस युद्ध में चीन यहां तक आ गया था और उसने कुछ पोस्ट भी कब्जा ली थी ।
उस पोस्ट का नाम लालटेन पोस्ट है । कुपुप पुलिस चैक पोस्ट में एंट्री होती है । यहां पर नाम पता दर्ज किया जाता है गाडी नम्बर के साथ । अब इस टूर में मेरे पास निकोन का कैमरा था पांच मेगापिक्सल का तो उसके साथ बैटरी ना होकर सैल थे । कुछ सैल रात में कम चार्ज हुए थे इसलिये दो सैल यहां पर आकर डाउन हो गये । कम चार्जिंग की वजह से जब ये डाउन हो गये तो फिर अगले भी कम चलेंगे ये सोचकर मैने फोटो कम खींचने शुरू कर दिये ।
कोलकाता की सडी हुई गर्मी ने जो हमारा बुरा हाल किया था अब उससे छुटकारा तो मिल गया था पर एक नयी मुसीबत आ गयी थी । वो जो पसीना पौंछने का काम था यहां पर आकर अब चेहरे पर और खासतौर पर नाक से पपडी सी उतरने लगी थी । चेहरा पूरा पक सा गया था और खाल खिंचती सी महसूस हो रही थी ।
इस इलाके में पहले याक चराने वाले रहते थे । एक एक के पास सौ सौ याक रहते थे । बडी पूछ थी उनकी तब । आजकल गाडियो का जमाना है । सडके बनते ही याक के काम कम हो गये तो आजकल सिर्फ फोटो खिंचाने के काम आते हैं ।
जब हम वापिस छांगू लेक से आगे आये तो उसी जगह जहां पर मार्किट में हमने मोमोज खाये थे उसी जगह ड्राइवर ने गाडी रोक ली । उसी दुकान पर वो थोडी देर के लिये चला गया । हम सब भी गाडी से अपनी घुमावदार चक्कर घिन्नी उतारने के लिये उतर लिये । मा0जी उस रैस्टोरेंट तक भी पहुंच गये । संचालिका महोदया जो कि हमारे ड्राइवर की मित्र भी थी खाना खा रही थी । उसने खाने से पहले एक पैग लिया । मा0जी ने देख लिया । मैने तो पहले भी देखा था पर मैने जिक्र नही किया । अब वो हमारी गाडी में सवार हो गयी थी । हम अपने ड्राइवर के विनम्र व्यवहार से खुश थे इसलिये मना नही किया ।
मा0जी को मजाक करने की आदत है । उस लडकी से पूछने लगे कि आपने ड्रिंक किया है ना ? लडकी ने हंस दिया । मा0 जी नही माने पूछते ही रहे । बडी मुश्किल से लडकी ने हंसकर कहा अंकल यहां इतनी ठंड है बताओ कैसे रहें । फिर तो लडकी खुल गयी । बातो का सिलसिला चल पडा । उसने बताया कि दुकान का किराया 2000 रूपये महीना है । टूरिस्ट सीजन में सारे साल की इन्कम हो जाती है बाकी साल उसी को बैठकर खाते हैं । उसी ने ये भी बताया कि ज्यादातर सामान यहां पर चाइना से आता है ।
मा0 जी ने मेरी ओर इशारा करके पूछा कि इसकी शादी करा दो यहां से अपने जैसी लडकी से । लडकी ने हंसकर जबाब दिया इनके पास घर है यहां ? नही तो , फिर यहां पर तो लडकी तभी मिलेगी जब घर होगा , नौकरी होगी । अगर यहां की लडकी से शादी कर लो तभी यहां पर जमीन भी खरीद सकते हो । इस सारे मजाक के बीच में लवी भी चुप थी और इस मजाक का आनंद उठा रही थी । हाजिर जबाब उस लडकी से बातो में हमारा रास्ता कब कट गया पता ही नही चला ।
हरा भरा देश, हरे भरे मन।
ReplyDeleteबहुत रोमांचक यात्रा.
ReplyDeleteयानि कि वहाँ जमीन वाला काम बना या नहीं? :)
ReplyDeleteपढ. कर मन प्रफुल्लित हो गया , हाथी के हाथ ,और पत्नी से पहले घर की बात बहुत बढ़िया रही !
ReplyDeletebaht sunder ===
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