पुरी का बीच यानि समुद्र तट सैलानियो को अत्यंत प्रिय है । पुरी में मंदिर के दर्शनो के बाद सबसे ज्यादा सैलानी और दर्शनार्थी इस बीच पर आकर ही म...
पुरी का बीच यानि समुद्र तट सैलानियो को अत्यंत प्रिय है । पुरी में मंदिर के दर्शनो के बाद सबसे ज्यादा सैलानी और दर्शनार्थी इस बीच पर आकर ही मौज मस्ती करते हैं । उत्तर भारत से आये दर्शनार्थियो के लिये तो ये एक नया ही अनुभव होता है क्योंकि बहुत से लोगो ने पहली बार समुद्र तट को देखा होता है ।
आदि गुरू शंकराचार्य जी ने कमाल की सोच बनायी। जब हम भारत में स्थित हिंदुओ के पवित्र चार धाम के बारे में सोचते हैं तो ये पता लगता है कि कोई भी श्रद्धालु जब इस यात्रा पर जाता है तो उसे सम्पूर्ण भारत के और इसकी विविधता के दर्शन हो जाते हैं । वो देश के तीन कोनो पर स्थित तीनो समुद्रो को भी देख लेता है तो साथ ही हिमालय पहाड को भी देख सकता है ।
हमारा कार्यक्रम इस बार अपना था । यानि पहली बार जो हमने यात्रा की थी उसमें हम आई आर सी टी सी के पैकेज टूर में थे । हालांकि समुद्र तट तो उन्होने भी घुमाया था पर इस बार हमारे पास समय की बंदिश नही थी । हमने समुद्र तट पर पहुंचने के बाद तसल्ली से घूमना शुरू किया । हमने पहले तो नहाने का भी विचार बनाया था पर बाद में त्याग दिया । यहां पर लहरे काफी तेज हैं और अगर तैरना नही आता हो तो तट के किनारे पर बैठकर लोग आती हुई लहरो में भीगने का मजा ले लेते हैं । वैसे यहां पर गोताखोर व पुलिस भी तैनात रहती है ।
पुरी के बीच पर दस रूपये में मिलने वाले छोटे छोटे दस रूपये के चार समोसे खाने का भी अपना ही मजा था । हमारे यहां तो आजकल दस रूपये का एक समोसा मिलने लगा है । इन समोसेा का साइज तो छोटा है पर दस रूपये में चार एक आदमी की भूख मिटाने के लिये पर्याप्त हैं । वैसे यहां पर उंट की सवारी भी थी पर हमने तो द्धारिका में ही करके थक गये थे उंट की सवारी को इसलिये यहां पर भी नही किया ।
थोडी देर घूमने के बाद हमने समुद्र के किनारे किनारे चलना तय किया । करीब एक किलोमीटर से भी ज्यादा चलने के बाद हम सडक पर आ गये जो समुद्र के किनारे किनारे ही चलती है । वहां से मंदिर की ओर जाने के लिये रिक्शा मिल जाते हैं जो पच्चीस रूपये सवारी मांगते हैं पर बाद में बीस रूपये प्रति में सौदा हो गया ।
पुरी में जगन्नाथ स्वामी के दर्शन और समुद्र में आनन्द, पुरी से कटक तक की सड़क यात्रा गजब की है। मैंने साइक्लोन के पहले देखा और अभिभूत हो गया।
ReplyDeleteExcellent. Puri has always been on my radar but could never make a trip.
ReplyDeleteI have been in Puri when I was young and I still have faint memories of the place,..the beautiful temples, lovely beaches, lip smacking dishes..It was a wow experience which U just brrought alive through ur blog!
ReplyDeleteGreat.The pis are so clear and revealing that i feel as i were just there!
ReplyDeleteचलो पुरी की यात्रा भी कर लेते है आपके माध्यम से ,
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