highest village of himachal , Kibber,हिमाचल का सबसे उंचा गांव किब्बर किब्बर को हिमाचल के सबसे उंचे गांवो में शुमार किया जाता है । यह गा...
highest village of himachal , Kibber,हिमाचल का सबसे उंचा गांव किब्बर
किब्बर को हिमाचल के सबसे उंचे गांवो में शुमार किया जाता है । यह गांव 4250 मीटर की उंचाई पर बसा है यानि एवरेस्ट की लगभग आधी । इतनी उंचाई पर व्यवस्थित तरीके से जीवन वो भी शीत मरूस्थल में बडी जीवटता का काम है ।
वैसे किब्बर को सबसे उंचा गांव क्यों माना जाता है इस पर थोडा विवाद सा है और वो भी सरकार ने पैदा किया हुआ है । हमने काजा में रैस्टोरेंट में देखा कि लांगजा गांव को एशिया का सबसे उंचा गांव घोषित किया हुआ है । वैसे मुझे तो यही लगा कि अब चूंकि नये रास्ते हर जगह के लिये बन रहे हैं तो किब्बर सबसे उंचा गांव तब घोषित हुआ होगा जब केवल यहां तक आने जाने का साधन था । मेरी इस बात को और भी बल तब मिला जब मैने की गोम्पा में एक आदमी से बात की तो उसने बताया कि किब्बर में काफी आबादी है जो कि सर्दी में भी यहीं पर बसती है अर्थात ये लोग शीतकाल में गांव छोडकर नीचे नही जाते । यहां पर सरकारी स्कूल पोस्ट आफिस , पक्के घर और टीवी कनेक्शन और अन्य सुविधाये भी हैं ।
यहां पर इसी वजह से थोडे बहुत पर्यटक आ जाते हैं । बादल तो यहां पर कम ही बरसते हैं पर बर्फ ज्यादा ही मेहरबान रहती है । इस गांव की अपनी एक छटा है ज्यादातर घर एक से बने हुए हैं । हमने ज्यादा समय तो यहां पर नही बिताया लेकिन एक चक्कर बाइक से लगाकर गांव में घुसने की जगह पर एक गोल चक्कर सा बना है वहां पर अपने फोटो खिंचवाये । यहां से की मोनेस्ट्री तक की सडक टूट गयी है । यहां पर आने के रास्ते में शानदार गाटा लूप भी पडते हैं जहां पर मेरी बाइक दोबारा रो रोकर चढी थी क्योंकि गाटा लूप्स में काफी चढाई एक झटके में चढ जानी होती है यहां पर ट्रैक्टर ट्राली को देखना बढिया अनुभव था
वापसी का सफर बढिया था । काजा से कुछ किलोमीटर पहले एक पुल पडता है जिसे रंगरिक ब्रिज कहा जाता है । अब हमें इसी पुल से नदी को पार करके उसकी दूसरी साइड में जाना था । अभी तक हम काजा में थे तो हम नदी के दांयी ओर थे । काजा , किब्बर और की मोनेस्ट्री,ताबो सब इसी ओर थे । अब हमने दूसरी साइड ले ली थी और बहुत दूर तक इसी साइड चलना था । लोसर तक इस रास्ते पर थी खुली सडक दूर दूर तक । थोडी खराब जरूर थी पर पचास साठ तक की स्पीड आराम से निकल रही थी

वैसे किब्बर को सबसे उंचा गांव क्यों माना जाता है इस पर थोडा विवाद सा है और वो भी सरकार ने पैदा किया हुआ है । हमने काजा में रैस्टोरेंट में देखा कि लांगजा गांव को एशिया का सबसे उंचा गांव घोषित किया हुआ है । वैसे मुझे तो यही लगा कि अब चूंकि नये रास्ते हर जगह के लिये बन रहे हैं तो किब्बर सबसे उंचा गांव तब घोषित हुआ होगा जब केवल यहां तक आने जाने का साधन था । मेरी इस बात को और भी बल तब मिला जब मैने की गोम्पा में एक आदमी से बात की तो उसने बताया कि किब्बर में काफी आबादी है जो कि सर्दी में भी यहीं पर बसती है अर्थात ये लोग शीतकाल में गांव छोडकर नीचे नही जाते । यहां पर सरकारी स्कूल पोस्ट आफिस , पक्के घर और टीवी कनेक्शन और अन्य सुविधाये भी हैं ।
यहां पर इसी वजह से थोडे बहुत पर्यटक आ जाते हैं । बादल तो यहां पर कम ही बरसते हैं पर बर्फ ज्यादा ही मेहरबान रहती है । इस गांव की अपनी एक छटा है ज्यादातर घर एक से बने हुए हैं । हमने ज्यादा समय तो यहां पर नही बिताया लेकिन एक चक्कर बाइक से लगाकर गांव में घुसने की जगह पर एक गोल चक्कर सा बना है वहां पर अपने फोटो खिंचवाये । यहां से की मोनेस्ट्री तक की सडक टूट गयी है । यहां पर आने के रास्ते में शानदार गाटा लूप भी पडते हैं जहां पर मेरी बाइक दोबारा रो रोकर चढी थी क्योंकि गाटा लूप्स में काफी चढाई एक झटके में चढ जानी होती है यहां पर ट्रैक्टर ट्राली को देखना बढिया अनुभव था
वापसी का सफर बढिया था । काजा से कुछ किलोमीटर पहले एक पुल पडता है जिसे रंगरिक ब्रिज कहा जाता है । अब हमें इसी पुल से नदी को पार करके उसकी दूसरी साइड में जाना था । अभी तक हम काजा में थे तो हम नदी के दांयी ओर थे । काजा , किब्बर और की मोनेस्ट्री,ताबो सब इसी ओर थे । अब हमने दूसरी साइड ले ली थी और बहुत दूर तक इसी साइड चलना था । लोसर तक इस रास्ते पर थी खुली सडक दूर दूर तक । थोडी खराब जरूर थी पर पचास साठ तक की स्पीड आराम से निकल रही थी
KINNAUR SPITI YATRA-
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kibber village |
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entry point at kibber |
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me at kibber village |
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jat at kibber village |
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me at kibber village with my bike |
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gata loops at kibber |