Ghaziabad to narkanda by Bike ,Day 1 ,गाजियाबाद से नारकंडा In Kurukhshetra आईये आज से मै आपको लिये चलता हूं हिमाचल के एक अत्यंत दुर्गम...
Ghaziabad to narkanda by Bike ,Day 1 ,गाजियाबाद से नारकंडा
आईये आज से मै आपको लिये चलता हूं हिमाचल के एक अत्यंत दुर्गम लेकिन सुदर स्थान की सैर पर । 6 दिन का ये सफर मोटरसाईकिल पर किया गया है और 1800 किलोमीटर के इस सफर में मेरे साथी थे संदीप पंवार उर्फ जाट देवता और राकेश विश्नोई ।
जाट देवता और मेरी फोन पर काफी बातचीत होती हैं ऐसे में ही एक दिन कार्यक्रम बना रहे थे कहीं जाने का । प्रोग्राम तो उत्तराखंड का था पर बनते बनते बात हिमाचल तक जा पहुंची । बाइक से चलने का कार्यक्रम बनाया गया । काजा , चितकुल , सराहन आदि का एरिया अब तक अनछुआ था हमारे लिये ।
बाइक की बात आयी तो मैने अभी अभी नयी बाइक ली थी हीरो की पैशन प्रो । सौ सी सी की बाइक का ऐसे पहाडो पर जाना बार बार शंका पैदा कर रहा था कि जा पायेगी या नही क्योंकि इस सफर में हमे 4500 मीटर तक की उंचाई तक जाना था । चूंकि नयी बाइक थी इसलिये एक बार को रिस्क लेने की ठान ली । जाट देवता ने राकेश की बाइक से जाने का प्रोग्राम बनाया । राकेश के पास 500 सीसी की थंडरबर्ड बाइक है । उस पर दो आदमी आराम से जा सकते हैं चाहे लेह लददाख भी जाना हो । मै अपनी बाइक पर अकेला ही जा रहा था ।
जाट देवता का दूसरी बाइक पर जाना तो ठीक था पर जब उन्होने बताया कि वे अपनी बाइक चंडीगढ से लेंगें तो मुझे अपना कार्यक्रम बनाने में बडी दिक्कत आयी । मुझे उनके साथ चलने के लिये अपना प्रोग्राम बनाना था । उन दोनेा का कार्यक्रम था रात के दस बजे के आसपास दिल्ली से चंडीगढ बस के द्धारा और वहां से बाइक उठाकर चलने का इसका मतलब ये था कि वे सुबह 6 बजे के आसपास चंडीगढ पहुंच कर बिलकुल फ्रेश होकर चल देंगें जबकि चंडीगढ यहां से 280 किलोमीटर के करीब है तो मै अगर इतनी दूर बाइक चलाकर जाउंगा तो जरूरी नही कि उनकी तरह फ्रेश रह पाउं । दूसरी बात उनका जोर बार बार इस बात पर था कि पहले ही दिन वे चंडीगढ से रामपुर तक पहुंचना चाहते हैं यानि उससे भी 280 किलोमीटर दूर । जो बंदा रात को ट्रेन मे या बस में दो तीन घंटे भी सो ले और आराम से बैठकर जा रहा हो वो बारह घंटे बाइक आराम से चला लेता है । मैने दो बार , एक बार घर से पीपलकोटि तक और दूसरी बार इसी साल गाजियाबाद से रिवालसर झील तक 500 किलोमीटर के करीब बाइक चलायी है पर उनके कार्यक्रम के हिसाब से मै समझ नही पा रहा था कि मै यहां से किस समय चलूं । मैने सोचा कि तीन बजे सुबह अगर मै चल देता हूं तो मै शायद आठ बजे तक चंडीगढ पहुंच जाउंगा नही तो दूसरा तरीका था कि मै एक दिन और ज्यादा लू और पहले दिन सुबह या दोपहर को चलकर चंडीगढ जाकर रूक जाउं और अगले दिन उनके साथ चलूं । मैने पहला रास्ता चुना और सुबह सवेरे चलने की तय कर ली ।
चलने वाले दिन मैने सब सामान लगाकर और बाइक की सर्विस कराकर आराम से शाम को 7 बजे सोने की सोची ताकि मै अपनी नींद पूरी कर सकूं । पर गृहस्थ आदमी को घर में चैन कम ही मिल पाता है दूसरी बात कि मै शाम को दस या ग्यारह बजे से पहले सोता ही नही तो नींद कैसे आती । रात को नौ बज गये पर जब नींद नही आयी तो मैने सोचा कि अब अगर मै रात के दस बजे सो भी गया तो मै तीन बजे चलने के लिये दो बजे उठना होगा । इससे तो बढिया है कि अभी चल दूं अगर नींद ही लेनी है तो जहां आयेगी वहीं पर सो लेंगें । ये सोचकर मै रात के दस बजे ही घर से चलने लगा । घरवाले हैरान थे पर कुछ कहा नही । रात को बाइक चलाने की सलाह कोई देगा क्या ?
जाट देवता रात के नौ बजे घर से निकल चुके थे । मैने भी हिंडन एयरफोर्स के रास्ते लोनी होकर वजीराबाद पुल का रास्ता पकडा । ये मेरे घर से 30 किलोमीटर के करीब था । उसके बाद 10 किलोमीटर और चलना पडा बिलकुल सीधे आउटर रिंग रोड पर मुकरबा चौक तक
मुकरबा चौक से सीधे हाथ को मुडकर नेशनल हाइवे 1 शुरू हो जाता है । यहां पर मैने पैट्रौल टैंक फुल करा लिया । रात के डेढ बजे मै कुरूक्षेत्र पहुंचा । यहां पर मैने जाट देवता को फोन किया तो बंद मिला सोचा भाई तो लंबी खींच रहे हैं मै रात काली कर रहा हूं । कुरूक्षेत्र में हाइवे पर खडे एक ठेले पर चाय बनवायी और इस बहाने पंद्रह मिनट का आराम किया । अभी तक तो नींद नही आ रही थी बल्कि मजा आ रहा था । सुबह के 5 बजे मै चंडीगढ से 10 किलोमीटर पहले जीरकपुर पहुंच गया था । जीरकपुर से चंडीगढ नही जाना पडता शिमला के लिये अलग ही रास्ता कट जाता है जो कि एक्सप्रेस वे है । यहां से करीब दस पंद्रह किलोमीटर चलने के बाद पहली दुकान मिली जो कि वैसे तो पंचर लगाने की थी पर उस पर चाय भी बन रही थी । मैने भी एक चाय बनवा ली । चाय बनवाने के बाद मैने वहीं कुर्सी पर बैठकर आंख बंद कर ली । इससे पहले मैने चाय वाले को बोल दिया कि 6 बजे मुझे उठाकर चाय पिला देना । 6 बजे ठीक उसने मुझे उठाया मुझे एक झपकी मिल चुकी थी बैठै बैठे ही सही पोन घंटे के लिये आंख बंद होने का काफी आराम मिला । अब मैने फोन किया जाट देवता को तो पता चला कि वो चंडीगढ उतर चुके हैं और बस चलने को हैं । मुझसे पूछा कि तुम कहां हो तो मैने बताया कि मै अभी अम्बाला हूं
मैने मजाक किया था वो बोले कि हम रूकें क्या ? मैने कहा नही तुम चलो मै तुम्हे पकड लूंगा और मै 6 बजे वहां से चल पडा । सुबह सुबह ठंडा मौसम हो रहा था और मुझे कुरूक्षेत्र से ही विनचीटर पहननी पड गयी थी । 15 मिनट बाद शिमला के पहाडो को घेरे हुए बादलो ने मुझे रूककर फोटो लेने पर मजबूर कर दिया ।
:
बाइक से 2000 किमी0 6 दिन में
सराहन ,चितकुल,सांगला , काजा होते हुए
Ghaziabad to narkanda by Bike ,Day 1 ,गाजियाबाद से नारकंडा
Narkanda to nirath ,day 2 ,नारकंडा से निरथ ,himachal pradesh
निरथ का सूर्य मंदिर
Sun temple ,NIrath , Himachal pradesh ,Day 1, सूर्य मंदिर , निरथ , हिमाचल , पहला दिन
रामपुर और सराहन भीमाकाली मंदिर
Nirath to rampur Bushar ,Himachal , Day 1 ,निरथ से रामपुर बुशहर
Bhimakali Temple , Sarahan , Himachal , Day 1 ,भीमाकाली मंदिर , सराहन , हिमाचल , पहला दिन
sarahan stay , DAy 1,Himachal ,सराहन में रात्रि विश्राम
Shiv temple and netural hot water , jury , sarahan , himachal ,प्राकृतिक गर्म पानी श्रोत , ज्यूरी ,हिमाचल day2-1
सांगला , चितकुल , किन्नौर
welcome to kinnour,किन्नौर में आपका स्वागत है , Day 2
taranda mata, तरंडा माता ,Himachal ,हिमाचल ,Day 2-3
karcham to sangla ,करछम से सांगला , day 2 -4
Sangla to chitkul ,सांगला से चितकुल ,Himachal ,day 2-5
Chitkul , चितकुल , हिमाचल प्रदेश, day 2 -6
chitkul villege temple and return to Sangla ,चितकुल देवी मंदिर और वापस सांगला day 2 -7
Kamru Fort , Sangla ,कमरू फोर्ट , सांगला ,Himachal ,day 2-8
Sangla to powari ,सांगला से पोवारी ,Himachal ,day 3 -1
world`s most dangerous road ,दुनिया की सबसे खतरनाक सडक का सफर ,himachal ,day 3-2 to nako
Nako lake ,kinnaur ,himachal ,नाको झील , किन्नौर , हिमाचल ,day 3-3
Maling Nala (NUllAH) मलिंग नाला , हिमाचल ,Day 3
सुमदो से गियू ,Sumdo to Giu , Himachal ,day 3-5
स्पीति
550 years old Mummy in himachal , 550 वर्ष पुरानी ममी गियू गांव हिमाचल में जो आज भी जिंदा है day 3 -5
Welcome to Spiti,Giu to Tabo via chandigarh , गियू से ताबो वाया चंडीगढ day 3-6
1100 years old Tabo monestry,Tabo , spiti,Himachal ,ताबो बौद्ध मठ , ताबो , स्पीति , हिमाचल day 3-7
Night stay at Tabo , Spiti, Himachal ताबो में रात्रि विश्राम ,स्पीति , हिमाचल ,day 4-1
Beauty of spiti vally in Photos ,day ,स्पीति घाटी की सुंदरताफोटोज में ,4-2
free wallpaper , download free images, to all my readers ,Tabo to Dhankar ,day 4-3
sangam of pin and spiti river ,स्पीति और पिन नदी का संगम day 4 -4
Dhankar monestry and fort , spiti , himachal ,धनकर बौद्ध मठ एवं किला day 4 - 5
Kaza Via pin vally ,पिन वैल्ली से होकर काजा ,day4-6
kaza, spiti , himachal ,काजा , स्पीति , हिमाचल day 4 -7
KI Monestry , Kaza , spiti , Himachal , की मोनस्ट्री , काजा , स्पीति , हिमाचल ,day4-9
highest village of himachal , Kibber,हिमाचल का सबसे उंचा गांव किब्बर day 4-11
hollywood location losser ,हालीवुड लोकेशन जैसा लोसर का रास्ता
from losser to kunzum la ,लोसर से कुंजुम पास के लिये day 4- 13
Kunzum pass , spiti,himachal ,कुंजुम ला,स्पीति , हिमाचल day 4-15
chandrtaal, ( moon lake ) spiti, himachal ,मून लेक , चन्द्रताल , स्पीति , हिमाचल day 4 -16
Batal to Chatru , spiti , himachal ,बातल से छातडू , स्पीति , हिमाचल day 5-1
Gramphoo to Rohtang pass ,ग्राम्फू से रोहतांग पास ,day 5-2
Rohtan pass to Manali ,रोहतांग पास से मनाली ,day 5-3
Manali to delhi , मनाली से दिल्ली से घर वापसी ,कुल्लू की शाम day 5 last
In Kurukhshetra |
जाट देवता और मेरी फोन पर काफी बातचीत होती हैं ऐसे में ही एक दिन कार्यक्रम बना रहे थे कहीं जाने का । प्रोग्राम तो उत्तराखंड का था पर बनते बनते बात हिमाचल तक जा पहुंची । बाइक से चलने का कार्यक्रम बनाया गया । काजा , चितकुल , सराहन आदि का एरिया अब तक अनछुआ था हमारे लिये ।
बाइक की बात आयी तो मैने अभी अभी नयी बाइक ली थी हीरो की पैशन प्रो । सौ सी सी की बाइक का ऐसे पहाडो पर जाना बार बार शंका पैदा कर रहा था कि जा पायेगी या नही क्योंकि इस सफर में हमे 4500 मीटर तक की उंचाई तक जाना था । चूंकि नयी बाइक थी इसलिये एक बार को रिस्क लेने की ठान ली । जाट देवता ने राकेश की बाइक से जाने का प्रोग्राम बनाया । राकेश के पास 500 सीसी की थंडरबर्ड बाइक है । उस पर दो आदमी आराम से जा सकते हैं चाहे लेह लददाख भी जाना हो । मै अपनी बाइक पर अकेला ही जा रहा था ।
जाट देवता का दूसरी बाइक पर जाना तो ठीक था पर जब उन्होने बताया कि वे अपनी बाइक चंडीगढ से लेंगें तो मुझे अपना कार्यक्रम बनाने में बडी दिक्कत आयी । मुझे उनके साथ चलने के लिये अपना प्रोग्राम बनाना था । उन दोनेा का कार्यक्रम था रात के दस बजे के आसपास दिल्ली से चंडीगढ बस के द्धारा और वहां से बाइक उठाकर चलने का इसका मतलब ये था कि वे सुबह 6 बजे के आसपास चंडीगढ पहुंच कर बिलकुल फ्रेश होकर चल देंगें जबकि चंडीगढ यहां से 280 किलोमीटर के करीब है तो मै अगर इतनी दूर बाइक चलाकर जाउंगा तो जरूरी नही कि उनकी तरह फ्रेश रह पाउं । दूसरी बात उनका जोर बार बार इस बात पर था कि पहले ही दिन वे चंडीगढ से रामपुर तक पहुंचना चाहते हैं यानि उससे भी 280 किलोमीटर दूर । जो बंदा रात को ट्रेन मे या बस में दो तीन घंटे भी सो ले और आराम से बैठकर जा रहा हो वो बारह घंटे बाइक आराम से चला लेता है । मैने दो बार , एक बार घर से पीपलकोटि तक और दूसरी बार इसी साल गाजियाबाद से रिवालसर झील तक 500 किलोमीटर के करीब बाइक चलायी है पर उनके कार्यक्रम के हिसाब से मै समझ नही पा रहा था कि मै यहां से किस समय चलूं । मैने सोचा कि तीन बजे सुबह अगर मै चल देता हूं तो मै शायद आठ बजे तक चंडीगढ पहुंच जाउंगा नही तो दूसरा तरीका था कि मै एक दिन और ज्यादा लू और पहले दिन सुबह या दोपहर को चलकर चंडीगढ जाकर रूक जाउं और अगले दिन उनके साथ चलूं । मैने पहला रास्ता चुना और सुबह सवेरे चलने की तय कर ली ।
चलने वाले दिन मैने सब सामान लगाकर और बाइक की सर्विस कराकर आराम से शाम को 7 बजे सोने की सोची ताकि मै अपनी नींद पूरी कर सकूं । पर गृहस्थ आदमी को घर में चैन कम ही मिल पाता है दूसरी बात कि मै शाम को दस या ग्यारह बजे से पहले सोता ही नही तो नींद कैसे आती । रात को नौ बज गये पर जब नींद नही आयी तो मैने सोचा कि अब अगर मै रात के दस बजे सो भी गया तो मै तीन बजे चलने के लिये दो बजे उठना होगा । इससे तो बढिया है कि अभी चल दूं अगर नींद ही लेनी है तो जहां आयेगी वहीं पर सो लेंगें । ये सोचकर मै रात के दस बजे ही घर से चलने लगा । घरवाले हैरान थे पर कुछ कहा नही । रात को बाइक चलाने की सलाह कोई देगा क्या ?
जाट देवता रात के नौ बजे घर से निकल चुके थे । मैने भी हिंडन एयरफोर्स के रास्ते लोनी होकर वजीराबाद पुल का रास्ता पकडा । ये मेरे घर से 30 किलोमीटर के करीब था । उसके बाद 10 किलोमीटर और चलना पडा बिलकुल सीधे आउटर रिंग रोड पर मुकरबा चौक तक
मुकरबा चौक से सीधे हाथ को मुडकर नेशनल हाइवे 1 शुरू हो जाता है । यहां पर मैने पैट्रौल टैंक फुल करा लिया । रात के डेढ बजे मै कुरूक्षेत्र पहुंचा । यहां पर मैने जाट देवता को फोन किया तो बंद मिला सोचा भाई तो लंबी खींच रहे हैं मै रात काली कर रहा हूं । कुरूक्षेत्र में हाइवे पर खडे एक ठेले पर चाय बनवायी और इस बहाने पंद्रह मिनट का आराम किया । अभी तक तो नींद नही आ रही थी बल्कि मजा आ रहा था । सुबह के 5 बजे मै चंडीगढ से 10 किलोमीटर पहले जीरकपुर पहुंच गया था । जीरकपुर से चंडीगढ नही जाना पडता शिमला के लिये अलग ही रास्ता कट जाता है जो कि एक्सप्रेस वे है । यहां से करीब दस पंद्रह किलोमीटर चलने के बाद पहली दुकान मिली जो कि वैसे तो पंचर लगाने की थी पर उस पर चाय भी बन रही थी । मैने भी एक चाय बनवा ली । चाय बनवाने के बाद मैने वहीं कुर्सी पर बैठकर आंख बंद कर ली । इससे पहले मैने चाय वाले को बोल दिया कि 6 बजे मुझे उठाकर चाय पिला देना । 6 बजे ठीक उसने मुझे उठाया मुझे एक झपकी मिल चुकी थी बैठै बैठे ही सही पोन घंटे के लिये आंख बंद होने का काफी आराम मिला । अब मैने फोन किया जाट देवता को तो पता चला कि वो चंडीगढ उतर चुके हैं और बस चलने को हैं । मुझसे पूछा कि तुम कहां हो तो मैने बताया कि मै अभी अम्बाला हूं
मैने मजाक किया था वो बोले कि हम रूकें क्या ? मैने कहा नही तुम चलो मै तुम्हे पकड लूंगा और मै 6 बजे वहां से चल पडा । सुबह सुबह ठंडा मौसम हो रहा था और मुझे कुरूक्षेत्र से ही विनचीटर पहननी पड गयी थी । 15 मिनट बाद शिमला के पहाडो को घेरे हुए बादलो ने मुझे रूककर फोटो लेने पर मजबूर कर दिया ।
In the way of shimla 6:30 a.m. |
: |
at Fagu 8:30 am |
at Narkanda petrol pump 11:31 am |
सराहन ,चितकुल,सांगला , काजा होते हुए
Ghaziabad to narkanda by Bike ,Day 1 ,गाजियाबाद से नारकंडा
Narkanda to nirath ,day 2 ,नारकंडा से निरथ ,himachal pradesh
निरथ का सूर्य मंदिर
Sun temple ,NIrath , Himachal pradesh ,Day 1, सूर्य मंदिर , निरथ , हिमाचल , पहला दिन
रामपुर और सराहन भीमाकाली मंदिर
Nirath to rampur Bushar ,Himachal , Day 1 ,निरथ से रामपुर बुशहर
Bhimakali Temple , Sarahan , Himachal , Day 1 ,भीमाकाली मंदिर , सराहन , हिमाचल , पहला दिन
sarahan stay , DAy 1,Himachal ,सराहन में रात्रि विश्राम
Shiv temple and netural hot water , jury , sarahan , himachal ,प्राकृतिक गर्म पानी श्रोत , ज्यूरी ,हिमाचल day2-1
सांगला , चितकुल , किन्नौर
welcome to kinnour,किन्नौर में आपका स्वागत है , Day 2
taranda mata, तरंडा माता ,Himachal ,हिमाचल ,Day 2-3
karcham to sangla ,करछम से सांगला , day 2 -4
Sangla to chitkul ,सांगला से चितकुल ,Himachal ,day 2-5
Chitkul , चितकुल , हिमाचल प्रदेश, day 2 -6
chitkul villege temple and return to Sangla ,चितकुल देवी मंदिर और वापस सांगला day 2 -7
Kamru Fort , Sangla ,कमरू फोर्ट , सांगला ,Himachal ,day 2-8
Sangla to powari ,सांगला से पोवारी ,Himachal ,day 3 -1
world`s most dangerous road ,दुनिया की सबसे खतरनाक सडक का सफर ,himachal ,day 3-2 to nako
Nako lake ,kinnaur ,himachal ,नाको झील , किन्नौर , हिमाचल ,day 3-3
Maling Nala (NUllAH) मलिंग नाला , हिमाचल ,Day 3
सुमदो से गियू ,Sumdo to Giu , Himachal ,day 3-5
स्पीति
550 years old Mummy in himachal , 550 वर्ष पुरानी ममी गियू गांव हिमाचल में जो आज भी जिंदा है day 3 -5
Welcome to Spiti,Giu to Tabo via chandigarh , गियू से ताबो वाया चंडीगढ day 3-6
1100 years old Tabo monestry,Tabo , spiti,Himachal ,ताबो बौद्ध मठ , ताबो , स्पीति , हिमाचल day 3-7
Night stay at Tabo , Spiti, Himachal ताबो में रात्रि विश्राम ,स्पीति , हिमाचल ,day 4-1
Beauty of spiti vally in Photos ,day ,स्पीति घाटी की सुंदरताफोटोज में ,4-2
free wallpaper , download free images, to all my readers ,Tabo to Dhankar ,day 4-3
sangam of pin and spiti river ,स्पीति और पिन नदी का संगम day 4 -4
Dhankar monestry and fort , spiti , himachal ,धनकर बौद्ध मठ एवं किला day 4 - 5
Kaza Via pin vally ,पिन वैल्ली से होकर काजा ,day4-6
kaza, spiti , himachal ,काजा , स्पीति , हिमाचल day 4 -7
KI Monestry , Kaza , spiti , Himachal , की मोनस्ट्री , काजा , स्पीति , हिमाचल ,day4-9
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hollywood location losser ,हालीवुड लोकेशन जैसा लोसर का रास्ता
from losser to kunzum la ,लोसर से कुंजुम पास के लिये day 4- 13
Kunzum pass , spiti,himachal ,कुंजुम ला,स्पीति , हिमाचल day 4-15
chandrtaal, ( moon lake ) spiti, himachal ,मून लेक , चन्द्रताल , स्पीति , हिमाचल day 4 -16
Batal to Chatru , spiti , himachal ,बातल से छातडू , स्पीति , हिमाचल day 5-1
Gramphoo to Rohtang pass ,ग्राम्फू से रोहतांग पास ,day 5-2
Rohtan pass to Manali ,रोहतांग पास से मनाली ,day 5-3
Manali to delhi , मनाली से दिल्ली से घर वापसी ,कुल्लू की शाम day 5 last
सुबह की प्रकृति मनभावनी होती है।
ReplyDeleteNarkanda wakai khubsurat jagah hai
ReplyDeleteसुबह कितनी सुन्दर होती हे ये आप के चित्रो से पता चलता है.
ReplyDeleteinteresting travelogue with awesome pics.
ReplyDeleteआज यह यात्रा पढकर ही दम लेना है।
ReplyDeleteमनु जी...आपका पहला लेख अच्छा लगा.... बड़े हिम्मती हो...रात को ही चल दिए....सुनसान राह में.....वाह
ReplyDeleteपर फोटो देखने को नहीं मिले .... लगता है....कही टेक्नीकल गतिविधि में उलझ कर हट गए है....
Very interesting
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