जंजैहली में रूकने के लिये वन विभाग का रेस्ट हाउस भी है और हां यहां की ग्राम पंचायत ने भी चार पांच कमरो वाला गेस्ट हाउस बना रखा है जो कि काफी सस्ता भी है । मै जब यहां पर आया तो जैसा कि मैने आपको पहली पोस्ट
जंजैहली में रूकने के लिये वन विभाग का रेस्ट हाउस भी है और हां यहां की
ग्राम पंचायत ने भी चार पांच कमरो वाला गेस्ट हाउस बना रखा है जो कि काफी
सस्ता भी है । मै जब यहां पर आया तो जैसा कि मैने आपको पहली पोस्ट में
बताया था कि जंजैहली से ठीक एक किलोमीटर पहले एक होटल पडा जिसका नाम संध्या
होटल था ।
होटल के मालिक वहां पर दो तीन आदमियो से खडे बात कर रहे थे जब
मैने शिकारी देवी जाने वाले रास्ते के बारे में पूछा । उन्होने पहले तो
मुझसे सारी बाते पूछ डाली कहां से आये हो ? अकेले ही आये हो ? बाइक पर ही ?
दिल्ली से यहां तक ? आज के दिन में मणिकरण से चलकर बिजली महादेव देखकर
यहां तक ? अभी शिकारी देवी जाना चाहते हो ?
हां भाई हां
नही भाई इस समय तो जाना ना तो सही है और ना ही हम सलाह
देंगें क्योंकि पूरे रास्ते पर बर्फ जमी है अभी कोई पर्यटक ना जा रहा है और
अभी कुछ दिनो तक केवल लोकल आदमी ही जा सकते हैं वहां पर । दूसरी बात कि
अभी पूरे रास्ते पर बर्फ पिघलने की वजह से फिसलन है और रास्ता कच्चा है ।
अंधेरा होने वाला है और घना जंगल है जिसमें जानवर भी हैं इसलिये तुम अब
वहां मत जाओ
तब मै उनकी बात मानकर वापिस चला गया पीछे दो किलोमीटर और मेला देख आया ।
घूम फिरकर वापिस आया तो मुझे पता ही था कि वहां पर कोई पर्यटक नही है जो
मुझे होटल में कमरा मिलने की दिक्कत हो । फिर होटल नया बना हुआ था । मैने
अब दोबारा बाइक यहां पर रोककर पैसो के बारे में पूछा तो होटल के मालिक ने
बताया कि वैसे तो सीजन में यहां पर हजारो में कमरा होता है पर हम आपको 500
रूपये में दे देंगें । मैने बोला कि मै तो अकेला हूं और इतना महंगा नही ले
पाउंगा तो वे बोले कि आप कितना देना चाहते हो ?
मै सोच तो रहा था कि 200 रूपये ही कहूं पर फिर सोचा कि यार बढिया वाला होटल
है आगे सारे गेस्ट हाउस हैं तो मैने 300 कह दिया । वो भी इस वजह से कि
कमरे में गीजर था और मुझे सुबह उठकर जल्दी नहाना था । उन्होने कोई ना नुकुर
नही की और मुझे कमरा मिल गया ।
कमरा वाकई बढिया था और इस इलाके में ये होटल भी बढिया था। रात को खाने के
बारे में उन्होने पूछा तो मैने रेट मीनू देखा । खाने के रेट थोडे महंगे थे
पर खाना देखकर रेट के बारे में दिक्कत नही हुई । मै और उनका खानसामा और
होटल मालिक तीन लोग ही होटल में थे । मैने सुबह नाश्ते के बारे में पूछा तो
उन्हेाने बताया कि आपको सुबह परांठे बनाकर दे देंगे क्योंकि उपर सिवा चाय
के कुछ नही मिलेगा । मै संतुष्ट था । कुछ देर टीवी देखा । अपना कैमरा और
फोन चार्जिंग पर लगाये और सो गया
गर्म पानी से नहाने का स्वाद।
ReplyDeleteऐसी जगह, इतना अच्छा होटल, और स्वादिष्ट खाना, घुमक्कड़ी का मज़ा दुगना हो जाता हैं...राम राम ..
ReplyDeleteek photo me pyaj aur daal hai aur roti ka intjaar hai.aapki yatra subh ho
ReplyDeleteHimachal ka normal khana bhi shehro ke khaane se better hota hai ! nice !!
ReplyDeleteLooks through ur photos like a nice comfortable and clean place. Also gud to know that u could actually bargain with the tariff. Cheers to that and I am thinking jahaan chhah wahaan raah...
ReplyDelete:)