युवतियां मजे ले लेकर सामान की खरीददारी में व्यस्त् थी । आईसक्रीम और जलेबी की भरमार थी । मैने भी एक आइसक्रीम ली तो आइसक्रीम वाले बंदे ने कैमरा गले में टंगा देखकर पूछा कि आप यहां पर घूमने आये हो । मेरे हां कहने पर उसने मुझसे एक फोटो अपना लेने का अनुरोध
colors of fairs in himachal
युवतियां मजे ले लेकर सामान की खरीददारी में व्यस्त् थी । आईसक्रीम और जलेबी की भरमार थी । मैने भी एक आइसक्रीम ली तो आइसक्रीम वाले बंदे ने कैमरा गले में टंगा देखकर पूछा कि आप यहां पर घूमने आये हो । मेरे हां कहने पर उसने मुझसे एक फोटो अपना लेने का अनुरोध किया । मैने उससे कहा भी कि मै अगर आपका फोटो ले भी लूंगा तो इसे आप देखोगे कैसे ? पर नही वो तो अपनी जिद पर अडे थे कि आप ले लो एक फोटो
मैने उनकी विशेष मांग पर एक फोटो ले ही दिया
पंडोह से कांडा तक की सडक काफी बढिया थी । कांडा के बाद एक कस्बा आता है बगस्याड । बगस्याड काफी बडा कस्बा है । कांडा से बगस्याड तक लगातार उतराई है । बगस्याड से आगे रोड बन रही थी । यहां से जंजैहली तक का रास्ता काफी दुख देने वाला था । कमर को हिलाकर रख दिया था । बीस की स्पीड से भी मुश्किल से चला जा रहा था । सिंगल रोड और वो भी टूटी हुई ।
जंजैहली से कोई तीन किलोमीटर पहले सडक पर काफी भीड लगी थी । मुझे पहले तो समझ में नही आया कि सडको पर इतने लोग क्यों हैं । फिर पास जाकर देखा तो मेला लगा हुआ था । मन तो किया कि अभी ही रूक जाउं पर फिर सोचा कि पहले जंजैहली पहुंच जाता हूं वहां पर पता करता हूं कि क्या शिकारी देवी अभी जाया जा सकता है ? इसलिये मैने बाइक को चलाना जारी रखा । जंजैहली से एक किलोमीटर पहले एक सुंदर बना हुआ होटल दिखायी दिया तो मैने बाइक रोक दी । होटल के बाहर होटल के मालिक और दो तीन आदमी और खडे थे । उनसे मैने पूछा कि शिकारी देवी जाना है तो उन्होने पहले तो मुझे उपर से नीचे तक देखा और मेरा सारा प्रोफाईल पूछा । वो बाइक पर मुझे देखकर अचंभित थे । उससे भी ज्यादा हैरानी उन्हे इस बात की थी कि मै आज सुबह मणिकरण से चलकर और बिजली महादेव घूमकर यहां तक आ गया हूं जबकि अभी अंधेरा होने में समय है
उनसे जो बात हुई उसको मै आपको बाद में विस्तार से बताउंगा पर सार ये था कि इस समय आप नही जा सकते हैं तो मेरे सामने तो एक ही रास्ता बचता था कि मै रात को जंजैहली में रूक जाउं इसलिये मैने दोबारा से रास्ते में लगे मेले का रूख किया क्योंकि इस मेले का आज आखिरी दिन था और ये मेला मुझे कल नही मिलना था । मेले में वापिस पहुंचना बढिया रहा और आप मेले के रंग देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आसपास के दस किलोमीटर के एरिये से गांवो के लोग यहां पर आये थे
युवतियां मजे ले लेकर सामान की खरीददारी में व्यस्त् थी । आईसक्रीम और जलेबी की भरमार थी । मैने भी एक आइसक्रीम ली तो आइसक्रीम वाले बंदे ने कैमरा गले में टंगा देखकर पूछा कि आप यहां पर घूमने आये हो । मेरे हां कहने पर उसने मुझसे एक फोटो अपना लेने का अनुरोध किया । मैने उससे कहा भी कि मै अगर आपका फोटो ले भी लूंगा तो इसे आप देखोगे कैसे ? पर नही वो तो अपनी जिद पर अडे थे कि आप ले लो एक फोटो
मैने उनकी विशेष मांग पर एक फोटो ले ही दिया
राम राम जी, मेले तो हमारे देश, धर्म, संस्कृति की पहचान हैं. वन्देमातरम...
ReplyDeleteमेले की मौज आईसक्रीम के संग…… वाह क्या कहने :)
ReplyDeletephale humare gaao me bhi pet lagti thi.bahut maza aata tha wohi yaade taza ho gye.thnx...
ReplyDeleteWonderful post, with beautiful pictures....
ReplyDeletebeautiful hill girls must say :) Nice post brother !!
ReplyDeletebful pics :-)
ReplyDeletehmm..chote se gaaon mai bada sa mela. I am sure you have had a fabulous time there..kahan dekhne ko milte hain aaz kal aise mele? Icecream aur jalebi ki bharmaar...waah waah :)
ReplyDeletesundar.........
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