रामशिला से बिजली महादेव तक का रास्ता केवल पक्षियो से ही नही भरा था । ये भरपूर है प्राकृतिक नजारो से भी । जैसे जैसे उपर की ओर चलता गया मै वैसे ही यहां से
ramshila to bijli mahadev,रामशिला से बिजली महादेव
रामशिला से बिजली महादेव तक का रास्ता केवल पक्षियो से ही नही भरा था । ये भरपूर है प्राकृतिक नजारो से भी । जैसे जैसे उपर की ओर चलता गया मै वैसे ही यहां से और सुंदर नजारे दिखते गये । पहाडो की चोटियां जब बर्फ से ढकी हुई पृष्ठभूमि में दिखती हों तो मन खुश हो जाता है । एक मोड तो यहां पर ऐसा आता है जिससे सुंदर कुल्लू घाटी दूर तक दिखायी देती है और उसके उपर दिखायी देते हैं बर्फ से ढके पहाड । ऐसे मेाड से फोटो खींचने के लिये मेरे जैसे अकेले सैलानी को एक लोकल बंदे को आवाज देनी पडी भाई एक फोटो मेरा भी ले दे । उसने जैसे तैसे एक फोटेा लिया । चिडियाओ ने यहां पर भी इतना हल्ला मचा रखा था कि पूछो मत । पास में ही कुछ लकडिया रखी थी और उसमें घुसकर ये खेल रही थी । इस मोड पर अपना फोटो लेने के बाद मै आगे को चला तो एक सुंदर सी चिडिया जो कि हिमालयी क्षेत्र में काफी पायी जाती है मुझे एक तार पर बैठी दिखायी दी । हालांकि वो काफी दूर थी पर 50 एक्स जूम का फायदा उठाकर मैने उसे कैद कर लिया ।इस चिडिया की सबसे खूबसूरत चीज है इसके सिर पर लगी कलंगी
इस चिडिया का बेहतरीन पोज मैने उत्तरांचल की यात्रा के दौरान भी लिया था जब मै दीपक के साथ गया था । अभी वो यात्रा लिखी नही गयी है । जल्द ही लिखू्ंगा ।
यहां मै घूम रहा था तो मेरा मन पूरी यात्रा में सबसे ज्यादा यहीं पर लगा । वैसे सुबह मणिकर्ण से चलने के बाद से मैने कुछ खाया नही था और मै यहां पर कोई छोटी मोटी दुकान ढूंढ रहा था जहां चाय वगैरा पी जा सके । लेकिन अभी यहां पर हर गांव में दुकाने बंद थी । मुझे चाय मिली बिजली महादेव के बेस प्वांइट पर जहां पर रोड खत्म हो जाती है ।
ramshila to bijli mahadev,रामशिला से बिजली महादेव
रामशिला से बिजली महादेव तक का रास्ता केवल पक्षियो से ही नही भरा था । ये भरपूर है प्राकृतिक नजारो से भी । जैसे जैसे उपर की ओर चलता गया मै वैसे ही यहां से और सुंदर नजारे दिखते गये । पहाडो की चोटियां जब बर्फ से ढकी हुई पृष्ठभूमि में दिखती हों तो मन खुश हो जाता है । एक मोड तो यहां पर ऐसा आता है जिससे सुंदर कुल्लू घाटी दूर तक दिखायी देती है और उसके उपर दिखायी देते हैं बर्फ से ढके पहाड । ऐसे मेाड से फोटो खींचने के लिये मेरे जैसे अकेले सैलानी को एक लोकल बंदे को आवाज देनी पडी भाई एक फोटो मेरा भी ले दे । उसने जैसे तैसे एक फोटेा लिया । चिडियाओ ने यहां पर भी इतना हल्ला मचा रखा था कि पूछो मत । पास में ही कुछ लकडिया रखी थी और उसमें घुसकर ये खेल रही थी । इस मोड पर अपना फोटो लेने के बाद मै आगे को चला तो एक सुंदर सी चिडिया जो कि हिमालयी क्षेत्र में काफी पायी जाती है मुझे एक तार पर बैठी दिखायी दी । हालांकि वो काफी दूर थी पर 50 एक्स जूम का फायदा उठाकर मैने उसे कैद कर लिया ।इस चिडिया की सबसे खूबसूरत चीज है इसके सिर पर लगी कलंगी
इस चिडिया का बेहतरीन पोज मैने उत्तरांचल की यात्रा के दौरान भी लिया था जब मै दीपक के साथ गया था । अभी वो यात्रा लिखी नही गयी है । जल्द ही लिखू्ंगा ।
यहां मै घूम रहा था तो मेरा मन पूरी यात्रा में सबसे ज्यादा यहीं पर लगा । वैसे सुबह मणिकर्ण से चलने के बाद से मैने कुछ खाया नही था और मै यहां पर कोई छोटी मोटी दुकान ढूंढ रहा था जहां चाय वगैरा पी जा सके । लेकिन अभी यहां पर हर गांव में दुकाने बंद थी । मुझे चाय मिली बिजली महादेव के बेस प्वांइट पर जहां पर रोड खत्म हो जाती है ।

plz.. next post me Bijlee mahadev ki pindi ke bhe photo upload kerna .gud luck
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteजीवंत प्रस्तुति आभार
ReplyDeleteयहॉ भी पधारें
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