bhuntar, ramshila ,manali highway ,bijli mahadev,
Manikaran to ramshila, Himachal pradesh
अब समय था मणिकर्ण से वापसी का । सुबह सवेरे मै मणिकर्ण से भुंतर के लिये चल पडा । रास्ते में कसोल के आसपास सुबह सुबह का मौसम बडा खुशगवार था । इस घाटी में शायद कहीं उपर खीरगंगा वगैरा में तो हो सकता है कि आपको सूर्योदय देखने को मिल जाये नही तो सुबह सवेरे मणिकर्ण और कसोल के निकलने के बाद धूप लगी । सुबह सुबह मौसम काफी ठंडा था । मेरा आज का कार्यक्रम था कि मै सबसे पहले बिजली महादेव जाउंगा उसके बाद मेरी सोच थी कि नग्गर और जगतसुख होते हुए मनाली के रास्ते वापिस आउं । दूसरी ओर आज चार दिन हो चुके थे और पांचवा दिन शुरू हो गया था तो अकेले होने के कारण घर की याद भी सता रही थी इसलिये मै ये भी सोच रहा था कि यहीं बिजली महादेव से ही कल्टी मार लेता हूं ताकि घर की ओर चलते हुए और कुछ जगहें देखता हुआ चला जाउं । अगर मै मनाली की साइड में जाता हूं तो टूर काफी लम्बा हो जायेगा ।
इस रास्ते में एक बिजली का प्रोजेक्ट पडता है जिसके उपर से जाकर एक मलाना या कुछ ऐसे ही नाम का गांव है उसके लिये ट्रैकिंग से जा सकते हैं । उस गांव की खासियत है कि वहां पर वार्ड वार पूरी चुनाव की व्यवस्था है और ऐसा शायद आजादी के पहले से है । इसीलिये वो गांव प्रसिद्ध है । उस गांव से होते हुए बिजली महादेव से गुजरकर ट्रैकिंग के कई रूट हैं ।
पार्वती घाटी के सुंदर दृश्य आपको मिलते जाते हैं इस रूट पर जहां भी और जिस भी मोड से देखो वहीं पर एक नया और सुंदर घाटी का चित्र लेने का मन करता है । यहां से होते हुए मै भंतर पहुंचा और भुंतर से मैने कुल्लू बाईपास का रास्ता पकडा । बाईपास वाले रास्ते पर भी बढिया नजारे हैं । बाईपास के दांयी ओर रामशिला तक कोई आबादी नही है सारी ज्यादातर आबादी बांयी ओर बह रही नदी के किनारे है । चूंकि यहां पर मामला थोडा प्लेन सा है इसलिये आबादी भी खूब बसी है बडे बडे शहरो के रूप में । रास्ते में एक आदमी पहाड से उतर रहा था मैने उससे पूछा कि बिजली महादेव कहां पर पडेगा तो उसने बताया कि रामशिला से रास्ता कटेगा ।
रामशिला एक बढिया जगह है । यहां की पहचान हो जाती है इस पुल से जो कि एक बढिया शेप में नदी को पार करता है । यहां नदी काफी पास में भी है आप यहां बडे बडे पत्थरो के बीच में मस्ती कर सकते हो
अब समय था मणिकर्ण से वापसी का । सुबह सवेरे मै मणिकर्ण से भुंतर के लिये चल पडा । रास्ते में कसोल के आसपास सुबह सुबह का मौसम बडा खुशगवार था । इस घाटी में शायद कहीं उपर खीरगंगा वगैरा में तो हो सकता है कि आपको सूर्योदय देखने को मिल जाये नही तो सुबह सवेरे मणिकर्ण और कसोल के निकलने के बाद धूप लगी । सुबह सुबह मौसम काफी ठंडा था । मेरा आज का कार्यक्रम था कि मै सबसे पहले बिजली महादेव जाउंगा उसके बाद मेरी सोच थी कि नग्गर और जगतसुख होते हुए मनाली के रास्ते वापिस आउं । दूसरी ओर आज चार दिन हो चुके थे और पांचवा दिन शुरू हो गया था तो अकेले होने के कारण घर की याद भी सता रही थी इसलिये मै ये भी सोच रहा था कि यहीं बिजली महादेव से ही कल्टी मार लेता हूं ताकि घर की ओर चलते हुए और कुछ जगहें देखता हुआ चला जाउं । अगर मै मनाली की साइड में जाता हूं तो टूर काफी लम्बा हो जायेगा ।
इस रास्ते में एक बिजली का प्रोजेक्ट पडता है जिसके उपर से जाकर एक मलाना या कुछ ऐसे ही नाम का गांव है उसके लिये ट्रैकिंग से जा सकते हैं । उस गांव की खासियत है कि वहां पर वार्ड वार पूरी चुनाव की व्यवस्था है और ऐसा शायद आजादी के पहले से है । इसीलिये वो गांव प्रसिद्ध है । उस गांव से होते हुए बिजली महादेव से गुजरकर ट्रैकिंग के कई रूट हैं ।
पार्वती घाटी के सुंदर दृश्य आपको मिलते जाते हैं इस रूट पर जहां भी और जिस भी मोड से देखो वहीं पर एक नया और सुंदर घाटी का चित्र लेने का मन करता है । यहां से होते हुए मै भंतर पहुंचा और भुंतर से मैने कुल्लू बाईपास का रास्ता पकडा । बाईपास वाले रास्ते पर भी बढिया नजारे हैं । बाईपास के दांयी ओर रामशिला तक कोई आबादी नही है सारी ज्यादातर आबादी बांयी ओर बह रही नदी के किनारे है । चूंकि यहां पर मामला थोडा प्लेन सा है इसलिये आबादी भी खूब बसी है बडे बडे शहरो के रूप में । रास्ते में एक आदमी पहाड से उतर रहा था मैने उससे पूछा कि बिजली महादेव कहां पर पडेगा तो उसने बताया कि रामशिला से रास्ता कटेगा ।
रामशिला एक बढिया जगह है । यहां की पहचान हो जाती है इस पुल से जो कि एक बढिया शेप में नदी को पार करता है । यहां नदी काफी पास में भी है आप यहां बडे बडे पत्थरो के बीच में मस्ती कर सकते हो
amazing snaps !!
ReplyDeletetyagi ji! kya bhai yatra varnan Chotta sa hi kyo lekh tha ho.photos must hai
ReplyDeleteजबरदस्त चित्र और रोचक संस्मरण ...
ReplyDeleteमज़ा आया ...
I have not gone to these places. Aap north mein rehte hain isliye you can go so frequently.
ReplyDeleteBut that's not an excuse, I must start trekking to these places.
I couldn't really understand about that village मलाना . Pls fir se samjhayein.
Nisha - Le Monde-A Poetic Travail