पाराशर मंदिर और झील देखने के बाद अब समय था वापसी चलने का । वापसी में रेस्ट हाउस के आगे चलकर एक छोटा सा सुंदर बुग्याल आता है जिसके बारे में मैने आपको पहले भी बताया था । इस बुग्याल के पास ही एक छोटी सी झील भी बनी है पर इसकी किस्मत पाराशर जैसी
पाराशर मंदिर और झील देखने के बाद अब समय था वापसी चलने का । वापसी में रेस्ट हाउस के आगे चलकर एक छोटा सा सुंदर बुग्याल आता है जिसके बारे में मैने आपको पहले भी बताया था । इस बुग्याल के पास ही एक छोटी सी झील भी बनी है पर इसकी किस्मत पाराशर जैसी नही है इसीलिये इस पर कोई नही जाता । मै आपको दिखा रहा हूं कि इस झील के पास भी एक सुंदर सी झौंपडी है और इसकी लोकेशन भी गजब है । ये बुग्याल और झील पाराशर मंदिर से एक किलोमीटर पहले है । बुग्याल में चरवाहे अपनी भेडे चरा रहे थे । सुंदर नजारो को देखते हुए मैने बाइक की टंकी को देखा तो खतरा दिखायी दिया । तेल का मीटर केवल देा डंडे ही दिखा रहा था । असल में कल मंडी में शाम को 200 रूपये का पैट्रोल डलवाया था ये सोचकर कि कहीं सुबह खुला मिला पम्प तो फिर डलवा लूंगा रात को बाहर बाइक खडी होगी किसी ने निकाल लिया तो बेकार पर सुबह मंदिर घूमने के चक्कर में तेल डलवाना याद ही नही रहा और रही सही कसर पूरी कर दी पाराशर के 20 किलोमीटर के खराब रास्ते ने जिस पर बाइक ने शायद ही 20 से उपर का एवरेज दिया होगा । अब मुझे कटोल तक तो पम्प नही मिलना था यानि 25 और भुतर 30 किलोमीटर के लगभग यहां से सो मैने पाराशर से कटोल तक बाइक को बंद करके चलाने की सोची और ऐसे ही लाया मै कटोल तक । कटोल से आगे भुंतर के लिये चढाई शुरू होती है तो वहां अगर 30 का भी एवरेज देगी बाइक तो रिजर्व में भी काम हो जायेगा बस यही सोच लिये चलता रहा
रोचक प्रस्तुति साथ में सुन्दर चित्रों का मिश्रण। आपके ब्लॉग को फॉलो भी कर लिया है। आभार।
ReplyDeleteक्या आपको भी आते हैं इस तरह के ईनामी एसएमएस!!
tyagi ji manikaran kahe chala gya.
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ReplyDeleteआज की ब्लॉग बुलेटिन तार आया है... ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteNice pics of Amazing Himachal
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