भीमकाली मंदिर से पाराशर झील जाने के लिये कटोल का रास्ता चुना मैने क्योंकि इसी रास्ते से ये सबसे पास पडता था । भीमकाली मंदिर के बराबर में से उल्टे हाथ को जो रास्ता गया है उस पर चार या पांच किलोमीटर आगे चलने के बाद सीधे हाथ को एक रास्ता उपर की ओर

भीमकाली मंदिर से पाराशर झील जाने के लिये कटोल का रास्ता चुना मैने क्योंकि इसी रास्ते से ये सबसे पास पडता था । भीमकाली मंदिर के बराबर में से उल्टे हाथ को जो रास्ता गया है उस पर चार या पांच किलोमीटर आगे चलने के बाद सीधे हाथ को एक रास्ता उपर की ओर चला जाता है जबकि सीधे जो रास्ता है वो जोगिन्दरनगर को जाता है ।
एक बार कटोल वाले रास्ते का चढ गया तो बडा सुंदर लगा । यहां से मंडी शहर का भव्य नजारा दिखायी देता है । कटोल एक गांव है जहां से एक रास्ता सीधे कुल्लू को चला जाता है जबकि एक रास्ता पाराशर झील के लिये जाता है । कटोल के रास्ते पर हरियाली फैली हुई थी और एक से बढकर एक घाटी आ रही थी जिन्हे पार करते हुए मै चला जा रहा था । सुबह सुबह का समय था और मंडी शहर के लोग मार्निंग वाक के लिये इस शांत रास्ते का इस्तेमाल कर रहे थे । मैने चाय या नाश्ता कुछ नही किया था । कटोल में दुकाने तो काफी थी पर उस समय केवल एक ही दुकान खुली थी जिस पर रूककर मैने चाय पी ।
कटोल और उसके रास्ते तक नजारे तो बढिया थे ही पर साथ ही पक्षियो की तो खान थी । एक से एक बढकर सुंदर चिडिया इस रास्ते में मिल रही थी और उन सबमें मुझे प्रभावित करने की होड लगी थी । कई बार तो हैलमेट से टकराने से भी बच रही थी । कुछ चिडियाओ के फोटो भी मैने लिये जो मै आपको अगली पोस्टो में दिखाउंगा ।
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