सुबह के 11 बजे थे और मै रिवालसर से नैना देवी और कुंतीभायो लेक देखकर वापिस मंडी जा रहा था । कल सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक मैने 497 किलोमीटर बाइक एक दिन में चलायी थी । बाइक तो कल सुबह भी खराब हुई थी पर मिस्त्री की दुकान के सामने । उसने कहा भी था और
इंसान कुछ भी कोशिश कर ले जो होना होता है वही होकर रहता है । जिस बाइक ने तीन साल में कभी धोखा नही दिया वो आज बीच रास्ते में खराब हो गयी थी । मेरी पहली बाइक टीवीएस की विक्टर पर भी मै खूब पहाडो में घूमा हूं और इस फलेम पर भी पर दस साल में ऐसा पहली बार हुआ कि बीच रास्ते में जहां कोई आदमी नाम की चीज नही थी वहां पर बाइक खराब हो गयी ।
मंडी यहां से दस किलोमीटर दूर था और लगातार ढालान थी । कैसी भी स्थिति होती तो बाइक पंक्चर में भी नीचे जा सकती थी पर यहां अजीब सी दिक्कत हो गयी थी । बाइक में बहुत जोर की आवाज आकर वो बंद हुई थी और अब वो एक कदम भी आगे नही बढ रही थी ।
मंडी यहां से दस किलोमीटर दूर था और लगातार ढालान थी । कैसी भी स्थिति होती तो बाइक पंक्चर में भी नीचे जा सकती थी पर यहां अजीब सी दिक्कत हो गयी थी । बाइक में बहुत जोर की आवाज आकर वो बंद हुई थी और अब वो एक कदम भी आगे नही बढ रही थी ।
मैने बाइक यहीं खडी कर दी जहां पर आप फोटो में देख रहे हो । सुबह के 11 बजे थे और मै रिवालसर से नैना देवी और कुंतीभायो लेक देखकर वापिस मंडी जा रहा था । कल सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक मैने 497 किलोमीटर बाइक एक दिन में चलायी थी ।
बाइक तो कल सुबह भी खराब हुई थी पर मिस्त्री की दुकान के सामने । उसने कहा भी था और मुझे पता भी था कि इसमें दिक्कत तो है पर घूमने के लालच में मै उसे इग्नोर करता रहा । अब क्या हो सकता था । कैमरा निकाला और चिडियो को ढूंढने लगा । कुछ बढिया चिडिया मिली जिनके फोटो लिये । मै रास्ते पर आने जाने वाले वाहनो पर भी निगाह रख रहा था ।
एक बाइक वाले को अकेला आते देख मैने हाथ दिया कि भाई क्या मेरी बाइक के लिये मिस्त्री बता सकते हो । भला बंदा था उसने कहा कि पास के ही गांव में मिस्त्री है मै ले आता हूं । एक किलोमीटर आगे से एक मिस्त्री को बिठाकर भी ले आया । मिस्त्री ने देखकर बताया कि प्लग वगैरा की दिक्कत होती तो मै कर देता पर ये तो इंजन की दिक्कत है और मंडी में ही दूर होगी क्योंकि इसका सामान वहीं पर मिल सकता है ।
मंडी तक कैसे जायेंगें इस पर मिस्त्री ने अपने जानने वाले एक गाडी वाले को फोन मिलाया जिसने मंडी तक बाइक को ले जाने के 450 रूपये बताये । इतने में एक खाली आटो आता दिखा । मैने उसे हाथ दिया और बाइक को मंडी ले जाने के बारे में पूछा । वो तो भले आदमी ने मांगे ही 150 रूपये जो मैने तुरंत हामी भर लिये और मेरी साथिनी बीच रास्ते में ही मुझे लदवानी पडी बारह बजे के करीब उसने मुझे एक दुकान पर छोड दिया । ये वैसे तो बजाज बाइक की रिपेयरिंग की दुकान थी पर उसने हामी भर ली थी कि मै सही कर दूंगा ।
यहां तक तो ठीक था पर आगे और भी दिक्कत दिखने लगी थी । करीब एक घंटे बाद मिस्त्री ने मेरी बाइक खोलनी शुरू की तो पता लगा कि टाइमिंग चेन टूट गयी है और उसने एक और उपकरण को भी तोड दिया है और साथ में वाल भी मुझ गये हैं । हे राम अब क्या होगा ।
उपर से बाइक मिस्त्री ने बताया कि इसके वाल शायद नही मिल पायेंगे आज और कल छुटटी रहती है मंडी में तो तीन या चार दिन तो लग ही जायेंगें । मेरी आंखो के सामने अंधेरा छाने लगा था तीन या चार दिन और तब तक मै क्या करूंगा ? फिर हिम्मत बंधाई खुद को और सोचना शुरू किया यहां से अभी मणिकरण की बस पकडता हूं तो रात रात में वहां पर पहुंच जाउंगा फिर वहां से आने में तीन दिन हो जायेंगे बाकी टूर बाइक से फिर करूंगा । मेरे सोचने की देर थी कि बारिश पडने लगी अचानक और वो भी जोरदार । कोढ में खाज मंडी तक कैसे जायेंगें इस पर मिस्त्री ने अपने जानने वाले एक गाडी वाले को फोन मिलाया जिसने मंडी तक बाइक को ले जाने के 450 रूपये बताये । इतने में एक खाली आटो आता दिखा । मैने उसे हाथ दिया और बाइक को मंडी ले जाने के बारे में पूछा । वो तो भले आदमी ने मांगे ही 150 रूपये जो मैने तुरंत हामी भर लिये और मेरी साथिनी बीच रास्ते में ही मुझे लदवानी पडी बारह बजे के करीब उसने मुझे एक दुकान पर छोड दिया । ये वैसे तो बजाज बाइक की रिपेयरिंग की दुकान थी पर उसने हामी भर ली थी कि मै सही कर दूंगा ।
यहां तक तो ठीक था पर आगे और भी दिक्कत दिखने लगी थी । करीब एक घंटे बाद मिस्त्री ने मेरी बाइक खोलनी शुरू की तो पता लगा कि टाइमिंग चेन टूट गयी है और उसने एक और उपकरण को भी तोड दिया है और साथ में वाल भी मुझ गये हैं । हे राम अब क्या होगा ।
मैने सुबह से खाना तो क्या नाश्ता भी नही किया था सो पास की एक दुकान पर चला गया वहां पर समोसे थे उनके साथ दही लेकर खा लिया । जब मै समोसे खाकर आया तो दुकान वाले ने बताया कि अभी उसने एक जगह पूछा है और वाल मिल जायेंगें । मेरी खुशी का ठिकाना नही था । उसने बताया कि मै आज ही आपकी बाइक दे दूंगा पर एक तो शाम हो जायेगी और दूसरी बात कि कुछ पैसे ज्यादा लगेंगें । मै इस सबके लिये तैयार था तू बस कर दे मेरी बाइक सही क्योंकि जो आज का आधा दिन खराब हुआ है वो मै आगे बाइक से ही पूरा कर लूंगा । वैसे मेरा मन था कि जब तक बाइक सही हो मै मंडी शहर घूम लूं जो कि मुझे आज करना ही था पर बारिश की वजह से मै ये भी नही कर पा रहा था इसलिये अगले चार से पांच घंटे मै उसी दुकान पर बैठा रहा
bike nei di thi warning .. lekin dost tumne .. ignore kiya ..
ReplyDelete500 km dauraya bechari ko .. isliye band hone se pehle bike ne shor kiya :D
nice read !! :)
sach main. Wife aur bike dono ka kaha ignore karoge to yahi hoga . ha ha ha
ReplyDeleteHahaha ओह्ह्ह mzn no bike
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