उत्तर प्रदेश परिवहन निगम यानि रोडवेज के एक प्लान के बारे में पता चला था । वो एक पास बनाते थे 650 रूपये में आठ दिन के लिये ।उसके बाद एक दो साल बाद ये पास 850 रूपये का हो गया था और अब बंद ही हो चुका है
जून 2008 की बात है । गर्मियेा की छुटिटयां थी और मैने पत्नी के साथ कहीं घूमने की सोची । पर कहां जाया जाये ? मुझे कुछ दिनो पहले ही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम यानि रोडवेज के एक प्लान के बारे में पता चला था । वो एक पास बनाते थे 650 रूपये में आठ दिन के लिये । हो सकता है आप सबमें से किसी ने इसके बारे में सुना हो
उस पास की खास बात थी कि उसे मासिक पास की तरह बनाते थे और उसी तरह इस्तेमाल किया जाता था पर उसका दायरा काफी बडा था । उस पास को बनवाने के बाद आप आठ दिन तक यू पी रोडवेज की किसी भी साधारण बस में आठ दिन तक किसी भी रूट पर सफर कर सकते थे । हालांकि वो बहुत ज्यादा लोकप्रिय नही था पर हमारे काम का था ।
हमने सबसे पहले सोचा कि हम उसका क्या फूायदा उठा सकते हैं तो हमने आगरा देखने का तय किया और एक दिन सुबह सवेरे मुजफफरनगर रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचकर उस पास को दोनो के लिये बनवा लिया । ये मेरी बस से पहली यात्रा थी । पास बनवाने के लिये हम अपना बैग् वगैरा लेकर आये थे और पास बनवाते ही हम मेरठ के लिये बैठ गये । मेरठ से हमने पहले आगरा जाने की सोची पर फिर अचानक से विचार बदल गया और हम मथुरा जाने वाली गाडी में बैठ गये । चूंकि दस बजे हमने पास बनवाया था और उसके बाद मेरठ होते हुए हम मथुरा पहुंचे तो शाम हो चुकी थी ।
यहां पर हमने रिक्शा वाले से पूछा रूकने के बारे में तो उसने हमें दो तीन होटल दिखा दिये जो कि बस स्टैंड के आसपास ही थे । हमने एक होटल में दूसरी मंजिल पर 300 रूपये में एक कमरा ले लिया । वैसे उस समय मुझे बहुत ज्यादा जानकारी भी नही थी पर बस में एक सज्जन मिले जिन्होने मुझे ये बताया था कि मथुरा में कमरा लेना आगरा या वृन्दावन की अपेक्षाकृत सस्ता है और फिर हमारे पास बस का पास था सो हमें किराये की चिंता नही थी तो हमने मथुरा में रूकने का तय किया और यहीं से आगरा घूमने का निश्चय किया ।
एक बात और मै आपको बता दूं कि उसके बाद एक दो साल बाद ये पास 850 रूपये का हो गया था और अब बंद ही हो चुका है क्योंकि घुमक्कड वोट देंगे या नही इसका किसी सरकार को यकीन नही तो उनसे कोई सरोकार नही नही तो इतनी बढिया सुविधा बंद नही करनी चाहिये थी बल्कि मैने उसके बाद कई जगह ये पूछा भी अन्य राज्यो में कि क्या ऐसा कोई पास वहां भी बनता है पर जबाब नही में ही मिला नही तो हम जैसे घुमक्कड तो उससे ही घुमा करते
अगले दिन के घूमने के बारे में हमने होटल वालो से पूछा तो उन्होने एक ऐसी सुविधा के बारे में बताया कि हमारी रूह तक खुश हो गयी ।
क्या थी वो सुविधा आपको कल बताते हैं
उस पास की खास बात थी कि उसे मासिक पास की तरह बनाते थे और उसी तरह इस्तेमाल किया जाता था पर उसका दायरा काफी बडा था । उस पास को बनवाने के बाद आप आठ दिन तक यू पी रोडवेज की किसी भी साधारण बस में आठ दिन तक किसी भी रूट पर सफर कर सकते थे । हालांकि वो बहुत ज्यादा लोकप्रिय नही था पर हमारे काम का था ।
हमने सबसे पहले सोचा कि हम उसका क्या फूायदा उठा सकते हैं तो हमने आगरा देखने का तय किया और एक दिन सुबह सवेरे मुजफफरनगर रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचकर उस पास को दोनो के लिये बनवा लिया । ये मेरी बस से पहली यात्रा थी । पास बनवाने के लिये हम अपना बैग् वगैरा लेकर आये थे और पास बनवाते ही हम मेरठ के लिये बैठ गये । मेरठ से हमने पहले आगरा जाने की सोची पर फिर अचानक से विचार बदल गया और हम मथुरा जाने वाली गाडी में बैठ गये । चूंकि दस बजे हमने पास बनवाया था और उसके बाद मेरठ होते हुए हम मथुरा पहुंचे तो शाम हो चुकी थी ।
यहां पर हमने रिक्शा वाले से पूछा रूकने के बारे में तो उसने हमें दो तीन होटल दिखा दिये जो कि बस स्टैंड के आसपास ही थे । हमने एक होटल में दूसरी मंजिल पर 300 रूपये में एक कमरा ले लिया । वैसे उस समय मुझे बहुत ज्यादा जानकारी भी नही थी पर बस में एक सज्जन मिले जिन्होने मुझे ये बताया था कि मथुरा में कमरा लेना आगरा या वृन्दावन की अपेक्षाकृत सस्ता है और फिर हमारे पास बस का पास था सो हमें किराये की चिंता नही थी तो हमने मथुरा में रूकने का तय किया और यहीं से आगरा घूमने का निश्चय किया ।
एक बात और मै आपको बता दूं कि उसके बाद एक दो साल बाद ये पास 850 रूपये का हो गया था और अब बंद ही हो चुका है क्योंकि घुमक्कड वोट देंगे या नही इसका किसी सरकार को यकीन नही तो उनसे कोई सरोकार नही नही तो इतनी बढिया सुविधा बंद नही करनी चाहिये थी बल्कि मैने उसके बाद कई जगह ये पूछा भी अन्य राज्यो में कि क्या ऐसा कोई पास वहां भी बनता है पर जबाब नही में ही मिला नही तो हम जैसे घुमक्कड तो उससे ही घुमा करते
अगले दिन के घूमने के बारे में हमने होटल वालो से पूछा तो उन्होने एक ऐसी सुविधा के बारे में बताया कि हमारी रूह तक खुश हो गयी ।
क्या थी वो सुविधा आपको कल बताते हैं
बहुत छोटी पोस्ट हैं, थोडा ज्यादा लिखा करो...वन्देमातरम
ReplyDeleteभाई सस्पेन्स क्यों रखते हो
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