वाण गांव में एक दिन बिताने का कारण था । हमने अपनी रूपकुंड यात्रा तीन दिन में सोची थी पर एक दिन कम यानि की दो दिन में ही पूरी कर ली थी । मै ये तो नही कहूंगा कि ये कोई आसान ट्रैक था पर मै कर गया और कुंवर सिंह ने भी इसमें काफी बढिया साथ दिया । तो उसके साथ जब उसके घर पर दावत कर चुके तो हमारा मन किया कि चलो घूम फिरकर गांव को देखते हैं
वाण गांव में एक दिन बिताने का कारण था । हमने अपनी रूपकुंड यात्रा तीन दिन में सोची थी पर एक दिन कम यानि की दो दिन में ही पूरी कर ली थी । मै ये तो नही कहूंगा कि ये कोई आसान ट्रैक था पर मै कर गया और कुंवर सिंह ने भी इसमें काफी बढिया साथ दिया । तो उसके साथ जब उसके घर पर दावत कर चुके तो हमारा मन किया कि चलो घूम फिरकर गांव को देखते हैं
असल में वाण गांव यहां आस पास के गांवो में सबसे बडा है । कहने को तो बस स्टैंड के पास जो बस्ती है वही वाण है पर ऐसा नही है इस गांव का काफी एरिया फैला है आस पास के चारो ओर की पहाडियो पर
इस गांव में तीन स्कूल हैं सरकारी । उनमें काफी बच्चे पढते हैं । गांव में कई झरनो का पानी आता है । तीन ओर से पहाडो वो भी उंचे उंचे पहाडो से घिरा है ये गांव । गांव के लोग ज्यादातर झरने पर ही कपडे धोते हैं और यहीं पर सुखा भी देते हैं । वैसे गांव में झरनो से ही पानी की लाइन जा रही है जो हर वक्त चालू रहती है वाह क्या बात है । एक हमारे यहां है जो पानी के लिये हाय हाय मची रहती है और पानी भी समय से आता है
कुछ लोगो ने अपने खेतो के आसपास ही घर बना रखे हैं उससे उन्हे खेती करने में और जानवर पालने में आसानी रहती है । वैसे यहां चोरी का तो कोई डर नही है पर हां जानवर जैसे शेर आदि का डर जरूर रहता है ।
गांव में गुजरते समय कई बार हमारा सामना हुआ गांव के मेहनती लोगो से जिनमें आदमी और औरते दोनो थे जो अपनी पीठ पर जानवरो के लिये काफी सारा घास काटकर लादकर ले चलते हैं । बाप रे यहां तो चढने में भी और उतरने में दोनो में जोर ढीले हो गये थे । घास को सुखाया भी जाता है जिससे कि बर्फ पडने के दिनो में काम आ सके
घरो में कुत्ते पालने का काफी शौक है और यहां के कुत्ते काफी बडे होते हैं । मालिक की अनुपस्थिति में ये घर का और घर के जानवरो का ध्यान रखते हैं । आप नीचे के चित्रो में देख सकते हैं वाण गांव के जीवन की कुछ झलकियां
कल मिलते हैं वाण गांव के और कुछ अनछुए पहलुओ के साथ
असल में वाण गांव यहां आस पास के गांवो में सबसे बडा है । कहने को तो बस स्टैंड के पास जो बस्ती है वही वाण है पर ऐसा नही है इस गांव का काफी एरिया फैला है आस पास के चारो ओर की पहाडियो पर
इस गांव में तीन स्कूल हैं सरकारी । उनमें काफी बच्चे पढते हैं । गांव में कई झरनो का पानी आता है । तीन ओर से पहाडो वो भी उंचे उंचे पहाडो से घिरा है ये गांव । गांव के लोग ज्यादातर झरने पर ही कपडे धोते हैं और यहीं पर सुखा भी देते हैं । वैसे गांव में झरनो से ही पानी की लाइन जा रही है जो हर वक्त चालू रहती है वाह क्या बात है । एक हमारे यहां है जो पानी के लिये हाय हाय मची रहती है और पानी भी समय से आता है
कुछ लोगो ने अपने खेतो के आसपास ही घर बना रखे हैं उससे उन्हे खेती करने में और जानवर पालने में आसानी रहती है । वैसे यहां चोरी का तो कोई डर नही है पर हां जानवर जैसे शेर आदि का डर जरूर रहता है ।
गांव में गुजरते समय कई बार हमारा सामना हुआ गांव के मेहनती लोगो से जिनमें आदमी और औरते दोनो थे जो अपनी पीठ पर जानवरो के लिये काफी सारा घास काटकर लादकर ले चलते हैं । बाप रे यहां तो चढने में भी और उतरने में दोनो में जोर ढीले हो गये थे । घास को सुखाया भी जाता है जिससे कि बर्फ पडने के दिनो में काम आ सके
घरो में कुत्ते पालने का काफी शौक है और यहां के कुत्ते काफी बडे होते हैं । मालिक की अनुपस्थिति में ये घर का और घर के जानवरो का ध्यान रखते हैं । आप नीचे के चित्रो में देख सकते हैं वाण गांव के जीवन की कुछ झलकियां
कल मिलते हैं वाण गांव के और कुछ अनछुए पहलुओ के साथ
अच्छे प्रभावी दृश्य-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय-
अच्छा लगा वाण गाँव और उसका विवरण
ReplyDeleteआभार !
मनु भाई काश हमारी भी किस्मत ऐशी होती
ReplyDeleteNice pictures of mountainsides!
ReplyDeleteसुन्दर, अति सुन्दर! अनेक अनेक धन्यवाद इन दृश्यों के लिए, मेरी आत्मा बस्ती है यहाँ!
ReplyDeleteWAN-WAN-WAN
ReplyDeleterajasthan is known for royalty .it is good place to visit it is alson known the name of maharajas thanks for providing this blog Rajasthan Holidays Tour And Travel Package
ReplyDeleteRajasthan Holidays Tour And Travel Package
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