आप अपने ब्लाग को अलेक्सा या गूगल पेज रैंकिग पर तौलिये क्योंकि वो मेरी या आपकी कमेंटस और पेजव्यूज को नही देखती इसका मै सबूत सहित दावा करता हूं और आपको बताउंगा कि कैसे पेजव्यज और कमेंट इतने मायने नही रखते हैं और इनके चक्कर में ना पडकर अपने लेखन को बढिया बनाइये और अपने मित्रो की संख्या बढाईये आपका ब्लाग अपने आप सफलता की ओर बढेगा
किसी ब्लाग का अच्छा होना किस चीज पर निर्भर करता है ? आप उसे लोकप्रिय कैसे मानेंगें ? ये काफी गहरे और बडे सवाल हैं
कुछ लोग ब्लाग जगत में कमेंटस की संख्या और पेज व्यूज को लोकप्रियता का पैमाना मानते हैं जबकि मै ऐसा नही मानता वो भी अपने तजुर्बे से । ये उस चीज का एक हिस्सा है जो आपके ब्लाग को लोकप्रिय बनाता है इसलिये मैने इस चीज में अलेक्सा और गूगल की रैंकिग को मानकर देखा तो अजब परिणाम सामने आये
ब्लाग जगत में कुछ लोग इतने लोकप्रिय हैं वे रविवार के दिन अपनी दाढी बनवाने गये इस पर एक पोस्ट लिख दें तो करीब सौ कमेंट आ जाते हैं जबकि हो सकता है कि किसी यात्रा पर बीस से तीस हजार रूपये खर्च करने के बाद भी कोई ब्लागर अपना यात्रा संस्मरण लिख दे तो भी उस पर दस कमेंट भी ना आयें
एक दूसरा पक्ष , कुछ ब्लागर कविता या आजकल के माहौल पर उत्तेजना से भरी और राजनीति पर कटाक्ष लिख दें तो उनको एक एक पोस्ट पर एक हजार से भी ज्यादा पेज व्यूज आ जाते हैं
तो कैसे होता है ये ?
इसमें कई फैक्टर काम करते हैं जैसे कि कुछ ब्लागर ऐसे काम से जुडे हैं कि वे दिन रात अपने मोबाईल और लैपटाप पर इंटरनेट की सुविधा से लैस रहते हैं और हर समय आनलाईन
वे फेसबुक से लेकर गूगल प्लस और अन्य कई साइटो पर अपना काफी बडा नेटवर्क बनाये हुए हैं जो कि हर किसी के बस की बात नही तो जरूरी नही कि वे ब्लाग सफलतम की श्रेणी में हों । पर हां उनके पास कमेंटस और पेज व्यूज की कमी नही होगी । ऐसा भी नही है कि वे असफल हैं
आप अपने ब्लाग को अलेक्सा या गूगल पेज रैंकिग पर तौलिये क्योंकि वो मेरी या आपकी कमेंटस और पेजव्यूज को नही देखती इसका मै सबूत सहित दावा करता हूं और आपको बताउंगा कि कैसे पेजव्यज और कमेंट इतने मायने नही रखते हैं और इनके चक्कर में ना पडकर अपने लेखन को बढिया बनाइये और अपने मित्रो की संख्या बढाईये आपका ब्लाग अपने आप सफलता की ओर बढेगा
तो आज की पोस्ट का ध्येय है कि अपने ब्लाग की रैंकिग अलेक्सा और गूगल पेज रैंक पर चैक करिये और हो सके तो इनके विजेट अपने ब्लाग पर लगाईये । गूगल पेज रैंक जब मैने अपने ब्लाग की चैक की तो वो 0/10 थी और इसे पढकर मै बहुत निराश हुआ । अलेक्सा रैंक 20 करोड के पास थी जबकि मैने तकनीक दृष्टा वाले विनय प्रजापति की पोस्ट पढी जिसमें उन्होने साल के बीस अच्छे ब्लाग्स की लिस्ट दी थी अलेक्सा के आधार पर और उसमें उन्होने बताया था कि दस लाख से नीचे की रैंकिग ठीक ठाक मानी जाती है । उसके बाद मैने अलेक्सा की ओर ध्यान दिया और आज ये पोस्ट लिखते समय मेरी अलेक्सा रैंक पांच लाख आ चुकी है और भारत में 50 हजार के आस पास ।
बीस करोड से जनवरी मे दस लाख और फरवरी में पांच लाख कैसे ये रैंक आयी मै आपका बताउंगा अगली पोस्ट में
एक काम तो मेरे कहने से आज ही करें कि अलेक्सा डाट काम पर जायें और उनका ब्राउजर का एड आन टूलबार डाउनलोड करें । आप जिस भी ब्राउजर को इस्तेमाल करते हैं जैसे कि मोजिला या क्रोम उसका एड आन डाउनलोड करें और अपने ब्राउजर में लगा लें । ये मजेदार और आसान तरीका है कि आप अपने ब्लाग और दूसरो के ब्लाग और वेबसाइट जो भी आप खोलेंगे कि अलेक्सा रैंक अपने आप ही पता चल जाया करेंगी ।
इस टूलबार को लगाने का एक और फायदा है कि ये आपकी अलेक्सा रैंक बढाने में मदद करता है तो आज ही लगाईये इसे ये कुछ ऐसे दिखायी देता है जैसे इस नीले घेरे में ये टूलबार मुझे पोस्ट बनाते समय भी ब्लागर की दुनिया में और भारत में रैंक दिखा रहा है
आज के लिये इतना ही । जरूरी नही कि आप मेरे विचारो से सहमत हों पर ये मेरा तजुर्बा है आप अपना खुद करने के लिये स्वतंत्र हैं पर अगर आप पढते रहे तो अगली पोस्ट में मै सबूत के साथ बताउंगा कि अच्छी रैंकिग पेज व्यूज पर ही निर्भर नही करती
आभार
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी दी
बहुत बढ़िया जानकारी..आभार
ReplyDeleteसही कहा आपने... अच्छा लेखन ही सफलता की सीढी है...
ReplyDeleteऐसा कैसे होता है अपनी समझ से बाहर है। अपना काम लिखते रहना है। पढ़ने वाले जरुर पढ़ेंगे।
ReplyDeleteGoomte rahna chahiye tabhi to likh paoge jat bhai
Deleteअच्छी जानकारी दी आपने। धन्यवाद।
ReplyDeleteअंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष लेख : भारत की प्रमुख भाषाएँ।
हो सकता है आपका कहना सही हो लेकिन हमें तो कोई पैमाना सही नहीं लगता क्योंकि में जब ब्लोगर पर हि था तब मेरी अलेक्सा रैंकिंग दस लाख के आसपास थी और जब मैंने खुद का डोमेन लिया तब एक झटके में मेरी रैंकिंग एक करोड़ के पास चली गयी लेकिन अब मेरे ब्लॉग की अलेक्सा रैंकिंग तीन लाख के नजदीक है और यही हाल कुछ गूगल रेंक का था ! लेकिन मुझे आज तक यह समझ में नहीं आया कि कई ब्लोगरों के ब्लॉग मुझसे बहुत पुराने भी है और उन ब्लोगों पर अच्छी सामग्री पोस्ट की जाती है तो भी उनकी अलेक्सा रेंकिंग बहुत नीचे रहती है जबकि मेरा ब्लॉग एक सामान्य ब्लॉग है और नया भी फिर भी वो अच्छी रैंकिंग प्राप्त कर रहा है !
ReplyDeleteअब रेंकिक से क्या फर्क पड़ता है?
Deleteअच्छी जानकारी..
ReplyDeleteलोकप्रियता के उद्देश्य से लिखने वालों के लिये काम की जानकारी, साथियों के अनुभवों से हम भी समृद्ध हो रहे हैं।
ReplyDeleteजानकारी के शुक्रिया मनु भाई....मैं भी इसे आजमाकर देखता हूँ...
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है।
ReplyDeleteमहत्वपूर्ण है क्या लिखा गया है।
रैँक और कमेँट लेखक को उत्साह जरूर देते है।
http://yuvaam.blogspot.com/p/katha.html?m=0