देवाल से लोहाजंग की दूरी लगभग किलोमीटर है और इस रास्ते पर इक्का दुक्का वाहन ही दिखायी देते हैं । मैने पूरे रास्ते इस पर केवल एक बस देखी । देवाल से आगे लोहाजंग तक के लिये सडक भी अच्छी नही है और मुझे नही लगता कि नन्दा देवी राजजात यात्रा से पहले ये सडक तैयार हो जायेगी ।
देवाल से लोहाजंग की दूरी लगभग किलोमीटर है और इस रास्ते पर इक्का दुक्का वाहन ही दिखायी देते हैं । मैने पूरे रास्ते इस पर केवल एक बस देखी । देवाल से आगे लोहाजंग तक के लिये सडक भी अच्छी नही है और मुझे नही लगता कि नन्दा देवी राजजात यात्रा से पहले ये सडक तैयार हो जायेगी ।
वो भी तब जबकि नन्दा देवी राजजात यात्रा एक साल आगे बढ गयी है जो कि पहले 2012 में होनी थी वो अब 2013 में होगी । अगर 2012 में होती तो ऐसी ही सडको से लाखो लोग गुजरते । इस यात्रा के लिये निमंत्रण् देने के लिये स्थानीय विधायक राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भी मिले थे और उन्होने मना भी नही किया है पर वो तो शायद हैलीकाप्टर से आयेंगे तो उन्हे क्या दिक्कत होने वाली है । वैसे देवाल से कुछ आगे से चढाई शुरू हो जाती है और उसके बाद लोहाजंग तक लगातार चढाई है । रास्ता एक छोटी सी नदी के किनारे चलता है और इस रास्ते से दूर दूर तक फैली पहाडियो के नजारे दिखायी देते हैं । यहीं पर शुरू होते हैं चौलाई के खेत । वाण पहुंचने तक तो मेरे लिये ये अन्जान था पर हां इन खेतो ने इन पहाडो को एक अलग ही रूप दे रखा था जो कि आप वाण के आसपास आगे और ज्यादा देखेंगें । इनकी फसल पकने वाली थी और पकने के आसपास इसका रंग लाल हो जाता है । रास्ते में झौंपडियो के उपर लगे पुराने और नये डिश की छतरिया बता रही हैं कि रोड भले अभी ना बनी हो पर यहां पर सूचना और संचारी की चमक काफी दिन से पहुंच चुकी है । देवाल से लोहाजंग के रास्ते में मुंडोली नाम का एक कस्बा पडता है जो कि लोहाजंग से दो किलोमीटर पहले ही है । शायद सबसे पहले मुंडोली तक ही सडक रही होगी क्योंकि मील के पत्थरो पर मुंडोली के किलोमीटर ही लिखे आते हैं ना कि वाण व लोहाजंग के तो आइये आगे पढते हैं लोहाजंग के बारे में और देखते कुदरत की उस खूबसूरत नियामत को
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteमकरसंक्रान्ति की शुभकामनाएँ।
चलते रहो, यात्रा का असली रोमांच आने वाला है।
ReplyDeleteदेवभूमि उत्तराखंड के दर्शन कराते रहो....
ReplyDeletevery nice!!!!!!!
ReplyDeleteजब तस्वीरें इतनी अच्छी हैं तो वह स्थान कितना सुन्दर होगा इसकी कल्पना की जा सकती है |
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