छोटा सा मासूम पहाडी बच्चा अकेले खडा देखकर मैने उसे बिठा लिया । एक फोटो में आप देखोगे कि वो भागकर आ रहा है मेरी बाइक की ओर क्योंकि मेरी बाइक कुछ दूर जाकर रूकी थी । दूसरे एक फोटो में मेरा और राजू का फोटो है जो मैने मोबाईल कैमरे से लिया था ।
राजू , इस पोस्ट में उसी की कहानी है । राजू मिला मुझे जब मै कोट भ्रामरी मंदिर से ग्वालदम के लिये जा रहा था ।
एक जगह वो रास्ते पर खडा था बस की इंतजार में 10 साल के करीब का बच्चा । बिलकुल अकेला और उसने मुझे देखकर उसने इशारा करते हुए पूछा कि बस आ रही है क्या । मै रूक गया । उसे बताया कि मुझे तो कोई बस नही मिली तो उसने पूछा कि क्या मै उसे ग्वालदम तक छोड दूंगा ? मै वैसे तो किसी को रास्ते में बिठाता नही पर वो छोटा सा मासूम पहाडी बच्चा अकेले खडा देखकर मैने उसे बिठा लिया । एक फोटो में आप देखोगे कि वो भागकर आ रहा है मेरी बाइक की ओर क्योंकि मेरी बाइक कुछ दूर जाकर रूकी थी । दूसरे एक फोटो में मेरा और राजू का फोटो है जो मैने मोबाईल कैमरे से लिया था । वैसे इस पोस्ट में ज्यादातर फोटो मोबाईल के हैं । हां तो मै राजू के बारे में बता रहा था कि पहाडी बच्चो की तरह वो काफी मासूम तो था पर वैसे काफी कुछ जानता था क्योंकि उसकी मां नही थी और पिताजी शाम होते ही शराब पी लेते थे । उसकी एक बहन की शादी हो चुकी थी वो थराली के पास किसी गांव में थी । आज राजू उसी के पास जाने के लिये निकला था । रास्ते में मेरा ध्यान उसकी बातो पर था उसके परिवार की स्थिति ज्यादा बढिया नही था । इतना छोटा सा बच्चा 50/60 किलोमीटर दूर जा रहा था अकेला क्योंकि उसके साथ जाने वाला कोई नही था । मैने उसे ग्वालदम छोडा क्योंकि मै तो थराली के रास्ते नही जा रहा था पर इस रास्ते में उसने अपनी बातो से ऐसा माहौल बना दिया था कि मेरा मन ये कर रहा था कि अपनी यात्रा बीच में छोडकर पहले इसकी कुछ मदद करूं ।वैसे तो पहाड के लोग सीधे होते हैं पर इतने छोटे से बच्चे ने अपने परिवार की स्थिति और मां के ना होने को भी इतने स्वाभाविक तरीके से लिया हुआ था कि मै देखकर हैरान रह गया । उसकी हिम्मत की दाद देते हुए मै आगे के लिये बढा
और चलते चलते ये है पहाड का ठेका , जी हां शराब का ठेका । वैसे मै किसी को शराब पीने के लिये प्रोत्साहित नही कर रहा पर एक बात तो जरूर कहूंगा कि ऐसी जगह पर शराब का ठेका हो तो कौन अपने को रोक पायेगा , मतलब केवल पीने वाले । ये जो महाशय कुर्सी पर हैं ये संचालक हैं और दो लोग जो बैठे हैं वो पी रहे हैं । मै फोटो नीचे रास्ते से ले रहा था और मुझे फोटो लेते देखकर संचालक ने वहीं से कहा कि क्यों ले रहे हो मैने बोला कि वैसे ही ये ठेका सरकारी तो है ना ? वो बोला हां तो फिर क्यों घबरा रहे हो वैसे भी जूम की वजह से तुम्हारे चेहरे नही आयेंगें । वो हमसे बहुत दूर थे पर आवाज ऐसे आ रही थी जैसे पास ही हों वो उस माहौल और शांति की वजह से था
तो अगली बार मिलते हैं देवाल गांव में
बढिया घुमक्कड़ी
ReplyDeleteभहुत बढ़िया भाई जी अप्प ने राजू की मदत की और अप्प का फोटो का विवरण भहुत हे अच्छा है हा जो ये टेका है ये मेरे गाँव का है मेरे गाँव के जो लोग पीते है वो सब लग यही से शराब ले कर जाते है ठेके से पहले एक रोड बाये तरफ गयी होगी जो मेरे गाँव जाती है आप का लेक पद कर भुत अच्छा लगा आगे बी लिकते रहना
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteशुभकामनायें भाई जी ||
go-go-go
ReplyDeleteबहुत सुन्दर मनभावन प्रस्तुति ..
ReplyDeleteवाकई ! बढ़िया प्रस्तुति ! मकर संक्राति की मंगलमय कामनाये !
ReplyDeleteDear friend beautyful summry about your journy
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