कोट की माई या कोट भ्रामरी मंदिर , उत्तरांचल का एक प्रसिद्ध मंदिर है । मुझे तो इसके देखने का सौभाग्य संयोग से ही मिल गया । जब मै बैजनाथ मंदिर से चला तो मंदिर के सामने ही एक कच्चे रास्ते पर बोर्ड लगा था कि कोट भ्रामरी मंदिर 3 किमी0 ।
नया वर्ष आप सबको मित्रगणो के जीवन में मंगलमय खुशियां लाये ऐसी कामना के साथ नये वर्ष की शुरूआती पोस्ट है रूपकुंड यात्रा के रास्ते के दौरान आयी एक ऐसी जगह जिसके बारे में ना तो मैने पढा था ना ही सुना था । ना ये बहुत ज्यादा लोकप्रिय जगह है पर शायद आज के दिन के लिये ये ऐसी जगह है कि आपका नये साल का पहला दिन मंगलमय कर दें आइये पढते हैं
कोट की माई या कोट भ्रामरी मंदिर , उत्तरांचल का एक प्रसिद्ध मंदिर है । मुझे तो इसके देखने का सौभाग्य संयोग से ही मिल गया । जब मै बैजनाथ मंदिर से चला तो मंदिर के सामने ही एक कच्चे रास्ते पर बोर्ड लगा था कि कोट भ्रामरी मंदिर 3 किमी0 । मुझे पैदल जाने के बारे में आज सोचना भी नही था क्योंकि बाइक से काफी सफर करना था और जाट देवता के कहे अनुसार वो भी चल दिये थे तो अब हमारा रूपकुंड घूमना फाइनल हो गया था और मुझे शाम तक वाण गांव पहुंचना था जो कि अभी काफी दूर था । इसलिये मैने इसे देखने का इरादा छोड दिया । पर जो होनी को मंजूर होता है वही हुआ । करीब 5 या छह किलोमीटर जाने पर रोड के किनारे ही एक सुंदर सा गेट बना हुआ आया जिस पर लिखा था कि ये कोट भ्रामरी मंदिर जाने का मार्ग है वो भी मोटर मार्ग और इसकी दूरी है केवल एक किमी0
मतलब मै बाइक से जा सकता था और इतनी दूरी पर मौजूद एक प्रसिद्ध मंदिर को देखकर आ सकता था । इसलिये मै चल दिया । मंदिर के रास्ते पर पूरे एक किलोमीटर से भी कुछ ज्यादा दूर तक चढाई थी । बैजनाथ मंदिर से जो रास्ता लिखा था वो कच्चा था जबकि यहां पर गाडी भी जा सकती थी । रास्ते में कुछ घर बने थे और जब मै मंदिर पहुंचा तो वहां पर मै अकेला भक्त था और मंदिर में केवल पुजारी मौजूद था । मंदिर का नजारा देखकर मै तो हतप्रभ था कि इतने सुंदर मंदिर और जगह के बारे में इससे पहले मुझे कुछ पता ही नही था । खैर मंदिर के सामने बाइक खडी की । इसके बाद भी करीब बीस सीढियां चढकर मंदिर आया । मंदिर को अगर घंटे वाली माता का मंदिर कहा जाये तो गलत नही होगा क्योंकि मंदिर में चारो ओर घंटिया बंधी थी जो कि मन्नत मांगने वालो ने बांधी हुई थी जिनकी मन्नत पूरी हो गयी थी उन्होने पेड , दरवाजे या गेट किसी चीज को भी नही छोडा था । मंदिर का नजारा देखकर मै सन्न था । मैने जूते उतारे तो मुझे अंदर जाते देखकर पुजारी जो कि बाहर धूप में बैठे थे अंदर आ गये । मैने उनसे मंदिर के बारे में जानकारी ली और फिर कुछ दान दक्षिणा देकर पूछा कि क्या मै गर्भगृह का फोटो ले सकता हूं तो उन्होने सहर्ष इजाजत दे दी । काश मेरे हिंदुस्तान के सभी मंदिर ऐसे होते और अब मै आपको दर्शन करा देता हूं
यही है रोड से लगा प्रवेश द्धार
अगली पोस्ट में मै आपको दिखाउंगा कि क्यों कोट भ्रामरी मंदिर ना केवल प्रसिद्ध है बल्कि एक खूबसूरत जगह पर स्थित है
मनु जी जय माता की..वन्देमातरम...
ReplyDeleteमंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
ReplyDeleteआस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।
बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।
रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteआपको सपरिवार नव वर्ष की मंगलकामनाएँ !!
ReplyDeleteमंगल मय 13वा बरस 2000 के वाद।
ReplyDeleteआशा कर हम सब रहे मनु जी के साथ।।
सन 12 की खामिया हमकों देवे सीख।
मंगल मूरत मात से ज्ञानेश माँगे भीख।।
शान्ति और सौभाग्य से पूरित होवे देश।
भागे मेरे देश से सभी तरह के क्लेश।।
हर तरफ फिर प्रेम से भर जाए संसार ।
कोट भ्रामरी मात के दर्शन का आभार।।
दर्शन करने जात है बहुत से नर नारि ।
पर मनु जी आपका हम पर यह उपकार ।।
नव वर्ष पर आपका उत्तम यह उपहार।
मंगल मय 13वा बरस 2000 के वाद।
ReplyDeleteआशा कर हम सब रहे मनु जी के साथ।।
सन 12 की खामिया हमकों देवे सीख।
मंगल मूरत मात से ज्ञानेश माँगे भीख।।
शान्ति और सौभाग्य से पूरित होवे देश।
भागे मेरे देश से सभी तरह के क्लेश।।
हर तरफ फिर प्रेम से भर जाए संसार ।
कोट भ्रामरी मात के दर्शन का आभार।।
दर्शन करने जात है बहुत से नर नारि ।
पर मनु जी आपका हम पर यह उपकार ।।
नव वर्ष पर आपका उत्तम यह उपहार।
बहुत सुन्दर..जय माता दी..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeletejai maa kot brahmari
ReplyDeletejai maa kot brahmari
ReplyDeleteकत्यूरी देवी ___ कोट भ्रामरी
ReplyDeleteयहाँ से मेरा जन्म स्थान मेरा गाँव मात्र दो किलोमीटर कि दुरी पे हैं
अच्छा लगा आप का लेख पढ़ के
धन्यवाद