आज आपके इस ब्लाग की अलेक्सा रैंक दस लाख से नीचे आ गयी है जबकि भारत में ये 70 हजार है साथ ही इंडी ब्लागर की रैक 79 और गूगल पेज रैंक 1 है । इसमें मैने कुछ भी नही किया है ये सब आप की करामात है कि आप इस ब्लाग को इतना चाहते है और यही मेरे लिखने और यात्रा करने का प्रेरणाश्रोत है । इस खुशखबरी को आप के साथ बांट रहा हूं कि 2012 में मात्र पांच या छह महीने में इन बातो ने आपके मेरे प्रति प्रेम की पुष्टि की है और 2013 में ये और भी नयी उंचाईयो को छुऐंगा ।
साल 2012 मेरे लिये आभासी दुनिया में सहयात्री बन गया । मै लिखने तो बैठा था अपने मित्रो , चाहने वालो , पढने वालो के लिये और जो इस सफर में हमेशा मेरे साथ रहते हैं , एक खुशखबरी पर ये शायद कुछ लम्बा हो गया और फिर मैने इसे शुरू से लिखने की ठानी ।
तो खुशखबरी सुनने से पहले आपको इंतजार करना होगा
और थोडा कथा सुननी होगी कि साल 2012 में फरवरी माह में मैने जाट देवता यानि संदीप पंवार की प्रेरणा से अपना ब्लाग बना डाला पर तभी मेरा परिचय घुमक्कड डाट काम नामक एक वेबसाइट से हुआ । वो भी इसलिये क्योंकि मै घूमा तो खूब था पर उसे किसी के साथ शेयर करने का ख्याल मन में नही आया था । जाट देवता ने इस साइट के बारे में बताते हुए ये कहा था कि तुम इस साइट को अपना पहला प्लेटफार्म बनाओ ।
उसके दो तीन कारण थे । पहला कि घुमक्कड पर करीब 600 से ज्यादा पंजीकृत पाठक हैं , दूसरा ये कि इस वेबसाइट के सम्पादक मंडल की खासियत है कि आप पर यदि कुछ भी नही आता तो अपने फोटो और मैटर लिखकर उन्हे मेल कर दें और बाकी काम उन पर छोड दें पोस्ट बनाना सजाना , टैग , फोटो कम्प्रैस आदि सब वे कर देंगें । तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण कि ये साइट केवल और केवल एक ही विषय यानि यात्रा वृतांत को समर्पित हैं । एक बात और आपको बता दूं कि इस साइट पर आज 300 से भी ज्यादा लेखक हैं पूरी दुनिया से और उसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनो भाषाओ में लिख सकते हैं इस साइट पर दिन में फिलहाल दो और कभी कभी 3 पोस्ट भी छपती हैं
मैने इस साइट पर फरवरी 2012 में अपना पहला लेख भेजा और वो जब छपा तो काफी उत्साहवर्धेक प्रतिक्रियाऐं सामने आयी जिससे मेरा हौंसला भी बढा और मैने वहां छपी अपने लेखो को ज्यों का त्यों अपने ब्लाग पर डालना शुरू कर दिया । ये मेरा ब्लाग का शुरूआत का रूझान था तब मै घुमक्कड पर सीखने के लिये नही जाता था । बस लिखा और उनको भेज दिया पर फिर मैने अपने ब्लाग पर पोस्ट बनाने और लगाने की बारीकियां सीखनी शुरू की ।
घुमक्कड पर लगभग 40 लेख लिखने तक भी मै अपने ब्लाग पर ध्यान तक नही देता था और सिर्फ वहां पर लिखे अपने लेखो को कापी पेस्ट कर देता था । अगस्त माह में मै मै घुमक्कड पर विशिष्ट लेखक चुना गया और वहां पर मेरा साक्षात्कार प्रकाशित हुआ और मुझे वहां पर भी ये अधिकार मिल गया कि मै अपनी पोस्ट जब चाहे शैडयूल कर सकता था । बस यहीं से मुझे बारीकियां सीखने को मिली ।
हांलांकि घुमक्कड वर्डप्रैस में बना है और ब्लाग ब्लागर प्लेटफार्म पर चलता है इस वजह से थोडी परेशानी होती है पर अब इस बहाने मै ब्लाग में भी काफी बारिकीयां सीख गया और मैने अपने ब्लाग पर ध्यान देना शुरू किया ।
आज आपके इस ब्लाग की अलेक्सा रैंक दस लाख से नीचे आ गयी है जबकि भारत में ये 70 हजार है साथ ही इंडी ब्लागर की रैक 79 और गूगल पेज रैंक 1 है । इसमें मैने कुछ भी नही किया है ये सब आप की करामात है कि आप इस ब्लाग को इतना चाहते है और यही मेरे लिखने और यात्रा करने का प्रेरणाश्रोत है । इस खुशखबरी को आप के साथ बांट रहा हूं कि 2012 में मात्र पांच या छह महीने में इन बातो ने आपके मेरे प्रति प्रेम की पुष्टि की है और 2013 में ये और भी नयी उंचाईयो को छुऐंगा ।
2012 में मेरे आभासी दुनिया में कुछ गहरे वास्तविक मित्र बने जिनका जिक्र मै और पोस्ट में करूंगा और 2013 में उनकी संख्या बढे ऐसी कामना के साथ आप सभी को नववर्ष की बधाई ।
एक सूचना — रूपकुंड की यात्रा जो वर्तमान में ही सम्पन्न हुई और अभी ब्लाग पर चल रही है इसके बाद नार्थ ईस्ट की यात्रा चलेगी जिसमें आसाम , मेघालय और सिक्क्मि की यादे होंगी ।
और थोडा कथा सुननी होगी कि साल 2012 में फरवरी माह में मैने जाट देवता यानि संदीप पंवार की प्रेरणा से अपना ब्लाग बना डाला पर तभी मेरा परिचय घुमक्कड डाट काम नामक एक वेबसाइट से हुआ । वो भी इसलिये क्योंकि मै घूमा तो खूब था पर उसे किसी के साथ शेयर करने का ख्याल मन में नही आया था । जाट देवता ने इस साइट के बारे में बताते हुए ये कहा था कि तुम इस साइट को अपना पहला प्लेटफार्म बनाओ ।
उसके दो तीन कारण थे । पहला कि घुमक्कड पर करीब 600 से ज्यादा पंजीकृत पाठक हैं , दूसरा ये कि इस वेबसाइट के सम्पादक मंडल की खासियत है कि आप पर यदि कुछ भी नही आता तो अपने फोटो और मैटर लिखकर उन्हे मेल कर दें और बाकी काम उन पर छोड दें पोस्ट बनाना सजाना , टैग , फोटो कम्प्रैस आदि सब वे कर देंगें । तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण कि ये साइट केवल और केवल एक ही विषय यानि यात्रा वृतांत को समर्पित हैं । एक बात और आपको बता दूं कि इस साइट पर आज 300 से भी ज्यादा लेखक हैं पूरी दुनिया से और उसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनो भाषाओ में लिख सकते हैं इस साइट पर दिन में फिलहाल दो और कभी कभी 3 पोस्ट भी छपती हैं
मैने इस साइट पर फरवरी 2012 में अपना पहला लेख भेजा और वो जब छपा तो काफी उत्साहवर्धेक प्रतिक्रियाऐं सामने आयी जिससे मेरा हौंसला भी बढा और मैने वहां छपी अपने लेखो को ज्यों का त्यों अपने ब्लाग पर डालना शुरू कर दिया । ये मेरा ब्लाग का शुरूआत का रूझान था तब मै घुमक्कड पर सीखने के लिये नही जाता था । बस लिखा और उनको भेज दिया पर फिर मैने अपने ब्लाग पर पोस्ट बनाने और लगाने की बारीकियां सीखनी शुरू की ।
घुमक्कड पर लगभग 40 लेख लिखने तक भी मै अपने ब्लाग पर ध्यान तक नही देता था और सिर्फ वहां पर लिखे अपने लेखो को कापी पेस्ट कर देता था । अगस्त माह में मै मै घुमक्कड पर विशिष्ट लेखक चुना गया और वहां पर मेरा साक्षात्कार प्रकाशित हुआ और मुझे वहां पर भी ये अधिकार मिल गया कि मै अपनी पोस्ट जब चाहे शैडयूल कर सकता था । बस यहीं से मुझे बारीकियां सीखने को मिली ।
हांलांकि घुमक्कड वर्डप्रैस में बना है और ब्लाग ब्लागर प्लेटफार्म पर चलता है इस वजह से थोडी परेशानी होती है पर अब इस बहाने मै ब्लाग में भी काफी बारिकीयां सीख गया और मैने अपने ब्लाग पर ध्यान देना शुरू किया ।
आज आपके इस ब्लाग की अलेक्सा रैंक दस लाख से नीचे आ गयी है जबकि भारत में ये 70 हजार है साथ ही इंडी ब्लागर की रैक 79 और गूगल पेज रैंक 1 है । इसमें मैने कुछ भी नही किया है ये सब आप की करामात है कि आप इस ब्लाग को इतना चाहते है और यही मेरे लिखने और यात्रा करने का प्रेरणाश्रोत है । इस खुशखबरी को आप के साथ बांट रहा हूं कि 2012 में मात्र पांच या छह महीने में इन बातो ने आपके मेरे प्रति प्रेम की पुष्टि की है और 2013 में ये और भी नयी उंचाईयो को छुऐंगा ।
2012 में मेरे आभासी दुनिया में कुछ गहरे वास्तविक मित्र बने जिनका जिक्र मै और पोस्ट में करूंगा और 2013 में उनकी संख्या बढे ऐसी कामना के साथ आप सभी को नववर्ष की बधाई ।
एक सूचना — रूपकुंड की यात्रा जो वर्तमान में ही सम्पन्न हुई और अभी ब्लाग पर चल रही है इसके बाद नार्थ ईस्ट की यात्रा चलेगी जिसमें आसाम , मेघालय और सिक्क्मि की यादे होंगी ।
बढ़िया प्रस्तुती ||
ReplyDeleteनिरंतर आगे बढ़ते रहें...शुभकामनाएँ !!
ReplyDeleteमित्रों की संख्या और लोकप्रियता बढ़ती रहे, शुभकामनायें हैं मनु जी।
ReplyDeleteपढ़ने से रह गई पिछली सब पोस्ट्स आज पढ़ीं, ताजा पोस्ट्स में बैजनाथ मंदिर और कोट भ्रामरी वाली पोस्ट के चित्र बहुत शानदार हैं। आप घुमक्कड़ों की घुमक्कड़ी ऐसे ही चलती रहे, फ़िर से शुभकामनायें।
प्रभावी !!!
ReplyDeleteजारी रहें,
शुभकामना !!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज)
मेरी भी शुभकामनाएं हैं कि एक टूरिस्ट (one tourist) इस साल की बुलन्दियों के आगे बढकर अगले साल और बुलन्दियां छुए। पुरानी यात्राओं के साथ साथ नई यात्राएं भी जारी रहें।
ReplyDeleteबीता साल बहुत शानदार रहा, अब नये साल में नये साहसिक कारनामे दिखाते रहना।
ReplyDeletenext blog ?
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