पदमनाभम पैलेस पदमनाभम किले में और कन्याकुमारी जिले में है । ये तिरूवनंतपुरम से लगभग 65 किमी की दूरी पर है । 1601 में निर्मित बताया जाने वाला ये पैलेस जिस फोर्ट में है वो काफी जगह में फैला हुआ है । त्रावणकोर के राजाओ द्धारा बनवाया गया ये पैलेस अपनी पूरी शानो शौकत में था जब 18 वी सदी में उन्होने अपनी राजधानी यहां से त्रिवेन्द्रम में स्थानान्तरित कर दी । केरल की स्थापत्य कला का नमूना हे ये महल ।
कन्याकुमारी में दो रात हम गुजार चुके थे जबकि आश्रम की सुविधा और माहौल और बजट सब चीजो को ध्यान में रखते हुए हमने अपने अगले कार्यक्रम में थेाडा सा बदलाव किया । अगले दिन हमें गाडी करनी थी । वैसे तो गाडी करने का कार्यक्रम रामेश्वरम से था पर ये कोई निश्चित नही था । रामेश्वरम हमें बहुत छोटा कस्बा सा लगा और उसके मुकाबले कन्याकुमारी में ट्रेवल्स वाले ज्यादा थे
हम सोच रहे थे कि एक रात और यहीं पर गुजार ली जाये तो बढिया रहेगा क्योंकि काफी सस्ता पड रहा था और यहां पर पूरे खांटी दक्षिण भारत जैसा माहौल भी नही था बल्कि खाने पीने में भी अपना सा लग रहा था तो ये तय किया कि कल सुबह सवेरे किसी ट्रैवल्स आफिस पर जाकर एक गाडी तय करेंगे अगले आठ दिन के लिये और यहां से इस तरह का रूट बनायेंगे कि कुछ दूरी तक घूम फिरकर वापिस शाम को फिर से यहीं पर आ जायें बाद में उससे अगले दिन यहां से खाली करके कमरा तब आगे के लिये चलेंगे ।
तो अगले दिन हम सुबह उठकर गाडी की तलाश में चल दिये । लालाजी आज् फिर सुबह उठकर सूर्योदय देखने गये थे जबकि मौसम की स्थिति को देखकर हमने इरादा त्याग दिया था क्योंकि आज भी मौसम बादलो वाला ही था और वही हुआ आज भी लालाजी को सूर्योदय नही दिखायी दिया । यहां पर सबसे ज्यादा दिक्कत यही रहती है । खैर सुबह बहुत सवेरे तो आफिस नही खुलने थे । जहां से फेरी के लिये लाइन लगती है उस जगह काफी सारे ट्रैवल्स वाले थे उनमें से कई से बात की । ज्यादातर होता ऐसा है कि ट्रैवल्स वाले हर चीज में अपना फायदा देखते हुए आपको उन्ही जगहो पर जाने के लिये सुझाव देते हैं जहां पर उन्हे ज्यादा फायदा होता है । ड्राइवर उन जगहो पर गाडी रोकता है और उन जगहो पर ले जाता है जहां पर उसे कमीशन ज्यादा मिलता हो । यहां आने से पहले मैने नेट पर कई ट्रैवल्स वालो से मेल के द्धारा बातचीत की थी । सबके रेट इतने महंगे थे कि पढकर ही डर लगता था । एक तो सब के सब पैकेज देने पर आमादा रहते थे । अगर प्रति दिन और प्रति किलोमीटर का चार्ज पूछो तो इतना बताते थे कि घुमा फिराकर वो उनके पैकेज से कम पडे और फिर पैकेज ही बुक हो जाये । कई लोगो के रेट ठीक भी लगे पर किसी से बात मै अकेला फाइनल नही कर सकता था । मै मा0 जी को बताता तो वे कह देते कि वहीं चलकर देखेंगें । हमने यहां पर बातचीत करनी शुरू की तो उन्होने सबसे पहले सवारी की संख्या पूछी । हम आठ लोग और एक बच्ची थी । यहां पर टवेरा गाडी ही थी जो कि दस सवारी में पास थी । इसलिये टवेरा लेना तो जरूरी हो गया था
कई के रेट सुनने और कई जगह घूमने के बाद एक ट्रैवल्स वाले के रेट हमें सबसे ठीक लगे । ये जो दूसरे थे वो तमिलनाडू से केरल और कर्नाटक जहां कि हमारी गाडी जानी थी उनके परमिट के रूप में ज्यादा मांग रहे थे । जबकि इस बंदे ने टवेरा गाडी आठ रूपये किलोमीटर प्रति दिन 250 किलोमीटर के हिसाब से दी और ड्राइवर को 250 रू रोज देने थे जो कि उसके खाने और नाइट चार्ज के थे । इसके अलावा हम पर पार्किंग का ही चार्ज था बाकी कुछ नही । गाडी फाइनल करने के पहले हमने ये पक्का कर लिया था कि हमारे ड्राइवर को हिंदी आती हो । ड्राइवर का नाम राजेश था और वो हंसमुख था । वो हिंदी , अंग्रेजी ,तमिल और मलयाली जानता था पर सब थोडी थोडी । पर ये सूकून था कि वो हिंदी भी जानता था । हमारा टूर काफी लंबा था और वो इन सब जगहो पर जा चुका था इसलिये हमें खुद दिमाग लगाने की जरूरत नही थी
गाडी से हमें आज सबसे पहले पदमनाभम किले में जाना था । उसके बाद बैक वाटर का टूर करना था और सबसे अंत में कोवलम बीच पर जाना था । वहां से वापिस कन्याकुमारी ही आना था । हमारे टूर में आठ दिन का हमें कम से कम 2000 किलोमीटर का चार्ज देना ही था जिसमें से 700 किलोमीटर तो गाडी खाली कन्याकुमारी तक वापस आनी थी । हमारा गाडी से आगे का कार्यक्रम इस प्रकार था
पहले दिन का कार्यक्रम तो मै आपको बता ही चुका हूं आगे
मदुरै—थेक्क्डी — मुन्नार—कोडाईकनाल—उटी— मैसूर—बैंगलोर
पदमनाभम पैलेस |
पदमनाभम महल
पैलेस का मुख्य द्धार और वहां से दिखता क्लाक टावर |
पदमनाभम पैलेस |
Indeed a great place to visit.
ReplyDeleteआपकी यात्रा ने हमें बहुत कुछ जानकारी दी
ReplyDeleteआभार ब्लॉग पर आने का !
अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteशुभकामनायें मनु जी ।।
मनु भाई आपके लेख देख व पढ कर बहुत कुछ याद आता जा रहा है।
ReplyDeleteसटीक यात्रा वृतांत ....सादर
ReplyDeleteमनु जी....
ReplyDeleteबहुत अच्छी रही पदमनाभम पैलेस की यात्रा.......
धन्यवाद
रीतेश, आगरा
सफ़र हैं सुहाना
http://safarhainsuhana.blogspot.in/
अति सुन्दर....
ReplyDeleteयात्रा का बहुत सुदंर विवरण आपने दिया है.
ReplyDeleteबढ़िया यात्रा संस्मरण!
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ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार ३० /१०/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है |
Beautiful palace. This is in my wishlist for long time now.
ReplyDeleteThis place remained in my Kanyakumari tour . I will go next time .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रहा आपका सफ़र ..मैं कभी इस तरफ नही गई ..आज आपके साथ मैने भी यात्रा कर ली ...इसी तरह अच्छी जगह यात्रा करवाते रहे ..धन्यवाद !
ReplyDeleteWow! Lovely place for holidays, its beautiful. I wanna go there. Whole hillstation is one of best destination for holidays. tirupati balaji tour
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