द्धारिका के लिये सुबह सवेरे आराम से उठे और फ्रेश होकर गाडी में सामान रखा और चल दिये । जैन धर्मशाला से बाहर निकलकर हमने चाय वगैरा पी और...
इसी बीच गुजरते हुए एक जगह बडी सी झील और उसमें एक किला बना दिखाई दिया । हमने गाडी ड्राइवर से कहकर रूकवा दी और उस किले के पास खडे होकर देखने लगे । जाने का रास्ता एक छोटा सा पुल बना था । हमने खाने का विचार अभी छोड दिया और पहले उस किले में घुस गये ये था जामनगर का लाखोटा किला ।
एक बडी सी झील के अंदर स्थित इस गोलनुमा आकार के किले की सबसे बडी खासियत है इसके अंदर स्थित 21 पुर्तगाली जमाने की तोपें । ये किला इस तरह से बना है कि एकमात्र रास्ते से गुजरकर जब किले में प्रवेश करते हैं तो अंदर जाने के बाद गोलाई में ये तोपें रखी हुई है । मुझे और हम सब साथियो को ये किला बहुत पसंद आया । प्रवेश द्धार पर शायद 5 रू का टिकट था । हालांकि कुछ काम भी चल रहा था उस समय किले में पर कुल मिलाकर ये एक बढिया वास्तु कला का नमूना था और चारो ओर पानी से घिरा ठंडक देता और दुश्मन से भी सुरक्षित । इस किले के अंदर एक म्यूजियम भी है जो हमने नही देखा जल्दी के कारण ।
हर साल यहां काफी पर्यटक इस किले को देखने के लिये आते हैं लेकिन फिर भी अभी पर्यटन मानचित्र पर ये ज्यादा लोकप्रिय जगहो में नही है । हमने भी बिना पहले से प्लानिंग किये इसे देख लिया । इसमें स्थित तोपें समुद्र के रास्ते पुर्तगाल से यहां लाई गयी थी झील के पानी में बत्तखो और जलमुर्गियो का जबकि झील के बीच में लगी एक प्रतिमा के आसपास को कबूतरो का जमावडा रहता है एक घंटे के करीब हमने इस किले में बिताया और और उसके बाद वहीं पास में स्थित एक रैस्टोरेंट में खाना खाया और चल पडे द्धारिका की ओर
द्धारिका जाने के रास्ते में हमें वहां सार्वजनिक यातायात व्यवस्था का एक अलग ही रूप देखने को मिला । मुझे लगा कि वहां सरकारी बसो की व्यवस्था कुछ कम है और आस पास के गांवो और छोटो मोटे हर काम के लिये वहां पर एक देशी जुगाड काम करता है । ये देशी जुगाड है पुराने समय में चलने वाली राजदूत मोटरसाईकिल को मोडिफाई करके बनाया गया एक वाहन जिस पर लोकल की सवारी और सामान ढोने का काम चलता है । और चालक की स्थिति बैठने की कैसी होती है आप खुद देखिये । इसके अलावा ये वाहन काफी रंग रंगीला बनाये रखते हैं और सजाकर रखते है। सच पूछिये तो इसे देखकर बडा रोमांच आया ।
hello RAM RAM JI ,me gujrat rajkot se hu aap ne is lekh me likha he ki...gujrat ka khana mitha bahot hota he halaki ye bat sach he..lekin me us hotl vali ki bat se bilkul sahmat nahi hu...
ReplyDeleteaur sar mere khayal se aap ne sayad "gujrati-thali" nahi test ki hongi agar ki hoti to aapko malum hota ki usme sab tarh ka test hota he..hum hamare khane me rosted ya fry..hari mirch bhi lete he jo thodi tikhi hoti..he...ese har pradesh ki kai aalg-alag khasyte hoti..he...
aur ek khas bat aap ka lekh padne me mazza aaya...bahut hi khubsurti se likha he...aur ha ek bat us teem pahiyo vala vihcall jo aap ne dekha ..use ham.."CHHKDO-RIKSHA" kahte he..aur vo kas kar saurashtra ke gramin elako me bahut hi poplur he..