जंजैहली से वापसी बगस्याड के रास्ते ही हुई । बगस्याड से कांडा और कांडा से इस बार मै जिस रास्ते को आया था केयोलीधार उसकी बजाय चैल चौक वाला रास्ता पकडा । चैल चौक तक रास्ता ठीक था और चैल चौक काफी बडा कस्बा है ।
chail chowk ] rohanda to kamrunag, Himachal ,चैल चौक , रोहांडा से कमरूनाग
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another way of kamrunag |
जंजैहली से वापसी बगस्याड के रास्ते ही हुई । बगस्याड से कांडा और कांडा से इस बार मै जिस रास्ते को आया था केयोलीधार उसकी बजाय चैल चौक वाला रास्ता पकडा । चैल चौक तक रास्ता ठीक था और चैल चौक काफी बडा कस्बा है । यहां पर मैने एक दो जगह कमरूनाग झील का रास्ता पूछा तो दो तीन रास्ते बताये लोगो ने पर सबने रोहांडा वाले रास्ते से जाने को ही कहा ।
तो अब मुझे रोहांडा जाना था और रोहांडा जाने के लिेये चैल चौक से फिर से चढाई शुरू हो गयी । चैल चौक से रोहांडा की सडक की चौडाई और स्थिति बहुत अच्छी नही है । सडक में जगह जगह गढढे थे । रास्ते में एक जगह तिराहा आया । इस जगह का नाम था कुकडीगलू या कुछ ऐसा ही नाम था यहां के गांव का और यहां से जालपा मंदिर 8 किलोमीटर और कमरूनाग मंदिर 16 किलोमीटर का बोर्ड लगा था । यानि मै अगर इस रास्ते से जाता हूं तो भी कमरूनाग की चढाई आठ किलोमीटर पडती । मै आज सुबह सवेरे शिकारी देवी के लिये गया और अब शाम के चार बज रहे थे । मुझे लग रहा था कि शायद मै अभी भी कमरूनाग की चढाई चढ सकता हूं तो रोहांडा से ही देखता हूं यही सोचकर बाइक और तेज चलाई और रोहांडा पहुंच गया । रोहांडा पहुंचकर मैने सबसे पहले वहां रोड पर ही स्थित गेस्ट हाउस पर जानकारी की कि क्या वहां पर रूकने का इंतजाम हो जायेगा पर वो दो तीन कमरो का गेस्ट हाउस पहले से ही किसी मंत्री जी के लिये बुक था । शाम को कोई कार्यक्रम था उसके लिये ।
खैर मैने वहीं आगे एक दुकानदार से पूछा कि कमरूनाग झील के लिये रास्ता पूछा तो उसने मुझसे कारण पूछा कि कमरूनाग क्यों जाना चाहते हो ? मै हैरान सा था क्यो क्यों ? घूमने के लिये
लेकिन अभी तो वहां पर रास्ते भी बंद है बर्फ काफी है और इस समय से तुम्हे रात हो जायेगी और वहां पर रूकने का भी कोई इंतजाम नही है । क्या तुम्हारे पास कोई चीज है रूकने के लिये ?
मेरे पास स्लीपिंग बैग तो छोडो बारिश से बचने का भी इंतजाम नही था मैने उसे साफ साफ बता दिया पर ये भी बता दिया कि मै जाना चाहता हूं और तुम मुझे बस रास्ता बता दो
जब मै नही माना तो उसने मुझे इशारे से बताया कि दुकान के सामने उपर की ओर जो स्कूल है उसी के बराबर से एक पगडंडी गयी है जो कहीं पर भी पक्की नही है और ना ही कोई पहचान है बस पगडंडी कहीं भी बंटे पर तुम उपर वाले रास्ते की ओर ही बढना ।
मैने उससे एक मदद मांगी कि जब तक मै आ जाउं तब तक मेरी बाइक का ध्यान रखे । पहले तो उसने मना कर दिया पर बाद में मान गया । मेरी बाइक में एक दूसरा बैग भी बंधा था उसने कहा कि इसे ऐसे ही छोडकर चले जाओगे क्या ?
मैने उसे बताया कि इस बैग में केवल गंदे कपडे हैं और कोई सामान या कीमती चीज नही है । साथ ही ये बैग रस्सी से बंधा है पर अगर फिर भी कोई इसे ले जाता है तो मै उसे जिम्मेदार नही मानूंगा
अब तो उसे तैयार होना ही था ।
मै उसके बताये रास्ते पर चल पडा
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kamrunag trek ,कमरूनाग का रास्ता |
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